कर्नाटक में धार्मिक झंडे फहराने का वीडियो गलत साम्प्रदायिक दावे से शेयर किया गया

  • यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
  • प्रकाशित 2 जून 2023, 11h32
  • 3 मिनट
  • द्वारा Uzair RIZVI, एफप भारत
  • अनुवाद और अनुकूलन Devesh MISHRA
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद धार्मिक झंडा लहराते हुए एक व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पोस्ट में इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि वह पाकिस्तान का झंडा फहरा रहा था. वीडियो में दिखाए गए झंडे और पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज की तस्वीरों की एएफ़पी ने तुलना की तो पाया कि वे दोनों अलग-अलग झंडे हैं.

ट्विटर पर 14 मई 2023 को शेयर किये वीडियो के कैप्शन में लिखा है, “कर्नाटक में कांग्रेस सरकार का शपथ ग्रहण भी नहीं हुआ और पाकिस्तान का झंडा फहराने लगे.”

कर्नाटक के हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा को हराते हुए भारी बहुमत से जीत दर्ज की है.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 19 मई 2023

इस वीडियो को इसी तरह के दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां और ट्विटर पर यहां, यहां शेयर किया गया है.

भाजपा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी ऐसा ही एक वीडियो ट्विटर पर इस कैप्शन के साथ शेयर किया कि यह घटना कर्नाटक के भटकल शहर में हुई थी.

धार्मिक झंडा

हालांकि वीडियो में लहराए गए झंडे को ज़ूम करके ध्यान से देखने पर पता चलता है कि यह पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज नहीं है.

वीडियो में दिख रहा झंडा हरे रंग का है और इस्लामिक झंडे की तरह ही उसमे भी चांद और सितारे का प्रतीक मौजूद है, लेकिन इस झंडे में बिल्कुल बाईं तरफ वह सफ़ेद पट्टी नहीं है जो पाकिस्तान के झंडे में दिखती है.

पाकिस्तान के झंडे के बारे में इस रिपोर्ट के अनुसार हरा रंग देश के मुस्लिम बहुमत का प्रतिनिधित्व करता है जबकि सफ़ेद पट्टी धार्मिक अल्पसंख्यकों का (आर्काइव लिंक).

वीडियो में झंडे में मौजूद धार्मिक चिन्ह (चांद और सितारे) भी फहराने की दिशा की ओर हैं, जबकि पाकिस्तान के झंडे में यह चिन्ह विपरीत दिशा में हैं.

नीचे गलत ट्विटर पोस्ट में दिखाए गए झंडे (बाएं) और एएफ़पी द्वारा लिए गए पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज की तस्वीर (दाएं) की तुलना की गई है:

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गूगल पर "Congress win celebrations in Bhatkal" कीवर्ड्स से सर्च करने पर ऐसा ही एक वीडियो मिला, जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं को शहर के बीच शमशुद्दीन सर्कल में ऐसे ही हरे झंडे लहराते हुए दिखाया गया है (आर्काइव लिंक).

पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए भटकल डिवीजन के पुलिस प्रमुख श्रीकांत के ने एएफ़पी को बताया, "मुस्लिमों द्वारा लहराया गया झंडा एक धार्मिक झंडा था, यह पाकिस्तान या किसी अन्य देश का झंडा नहीं था. यह वीडियो में स्पष्ट रूप से दिखाई भी दे रहा है."

कार्यक्रम के दौरान भटकल में ही मौजूद स्थानीय मीडिया साहिल ऑनलाइन न्यूज़ के पत्रकार इनायतउल्लाह ने भी एएफ़पी से कहा: "सभी धार्मिक पृष्ठभूमि के कांग्रेस पार्टी समर्थकों ने सद्भाव दिखाने के लिए अपने-अपने धार्मिक झंडे लहराये थे."

उन्होंने कहा, "हिंदुओं द्वारा भगवा झंडे और शहर के बीचोबीच शमशुद्दीन सर्कल में मुस्लिमों द्वारा हरे रंग के इस्लामी झंडे लहराये गए थे."

एएफ़पी ने इससे पहले भी इसी तरह की पोस्ट्स का फ़ैक्ट-चेक किया है, जिसमें दावा किया गया था कि यहां, यहां और यहां कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रमों में पाकिस्तानी राष्ट्रीय झंडा लहराया गया है.

आमतौर पर भारत और दक्षिण एशियाई देशों पाकिस्तान और बांग्लादेश में सितारों और अर्धचन्द्राकार चिन्ह वाले हरे रंग के झंडे मुसलमानों द्वारा फहराए जाते हैं (आर्काइव लिंक यहां, यहां और यहां देखें).

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