इराक़ में इस्लामिक स्टेट द्वारा महिलाओं को बेचे जाने का नाट्य रूपांतरण भ्रामक दावे से शेयर किया गया

  • यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
  • प्रकाशित 8 जून 2023, 14h21
  • 4 मिनट
  • द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
सोशल मीडिया पोस्ट्स पर सैकड़ों बार देखे गए एक वीडियो क्लिप के साथ ये भ्रामक दावा किया जा रहा है कि यह सीरिया में कुर्दिश भाषी यज़ीदी महिलाओं को इस्लामिक स्टेट समूह द्वारा बाजार में नीलाम करते हुए दिखाता है. हालांकि पूर्व में यज़ीदी महिलाओं को सेक्स स्लेव या जिहादियों की "पत्नियों" के रूप में बेचे जाने की खबरें प्रकाशित हुई हैं, मगर यह क्लिप इराक़ में एक स्ट्रीट प्ले को दिखाती है. इसकी निर्देशक आर्यन रफीक़ ने एएफ़पी को बताया कि यह प्रदर्शन मार्च 2023 में इराक़ के अरबिल बाजार में आयोजित किया गया था.

फ़ेसबुक पर 21 मई 2023 को शेयर की गई पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “सेक्यूलरवादी जिन्हें thekeralastory झूट लगती है वो बाज़ार में बिकती हुई महिलाओं को देख सकते है अगर चाहते हो आपकी बहनों बेटियों के साथ ऐसा ना हो तो ख़ुद भी जागरूक रहिए और अपनी बहन बेटियों को भी जागरूक करिए."

लगभग 20-सेकेंड लम्बे इस वीडियो को 450 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है, जिसमें एक भीड़भाड़ वाले बाज़ार में बुर्का पहनी कई महिलाओं को एक साथ ज़ंजीर से बांधा गया है और एक पुरुष उन महिलाओं के बुर्के को बारी-बारी से खोलकर देख रहा है.

कैप्शन में आगे लिखा है, “इस तरह इस्लामिक स्टेट ने यज़ीदी महिलाओं को इराक और सीरिया के तमाम बाजारों में बेचा. 7000 यज़ीदी महिलाओं और बच्चों का अपहरण कर लिया गया और उन्हें गुलाम बना लिया गया. 10,000 को इस्लाम में परिवर्तित होने से मना करने पर मार दिया गया. अभी भी 2713 यज़ीदी ISIS की कैद में लापता हैं.”

यज़ीदी, जो एक गैर-मुस्लिम एकेश्वरवादी धार्मिक पंथ का पालन करते हैं, 2014 में इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह द्वारा उत्तरी इराक में क्रूर हमले का शिकार हुए. आईएस ने हज़ारों यज़ीदी पुरुषों को मौत के घाट उतार दिया और हज़ारों महिलाओं को सेक्स स्लेव या जिहादियों की "पत्नियों" के रूप में बेचने के लिए बंधक बनाया.

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गलत दावे से शेयर की गई फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 26 मई 2023

वीडियो को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और ट्विटर पर यहां शेयर किया गया है.

हालांकि दावा गलत है, वीडियो ईराक़ में एक स्ट्रीट प्ले दिखाता है.

इराक के बाजार में किया गया नाट्य रूपांतरण

गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर टिकटॉक पर 7 मई को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जिसकी हेडलाइन है: "एजिदखान एंजेल्स की अनसुनी चीखें, आर्यन रफीक़ की आर्ट परफॉर्मेंस."

गलत दावे की पोस्ट में शेयर किया गया वीडियो टिकटॉक वीडियो के पहले 20-सेकंड से मेल खाता है.

नीचे गलत दावे की पोस्ट (बाएं) और टिकटॉक पर शेयर किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है:

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एक और की-वर्ड सर्च करने पर आर्यन रफीक़ के फ़ेसबुक पेज पर इस प्रदर्शन के लिए 7 मार्च को की गई पोस्ट में एक पोस्टर मिला (आर्काइव लिंक).

रफीक़ ने 7 मार्च को फ़ेसबुक पोस्ट में प्रदर्शन का एक लंबा वर्ज़न भी पोस्ट किया था, जिसकी हेडलाइन है, "लाइव परफॉर्मेंस, एजिदखान एंजल्स की अनसुनी चीखें, आर्यन रफीक़ 2023/3/7" (आर्काइव लिंक).

गलत दावे की पोस्ट में इस्तेमाल की गई 20-सेकंड की क्लिप इस वीडियो के 3:30 मार्क की फ़ुटेज से मेल खाती है.

कुर्द कलाकार रफीक़ ने एएफ़पी को बताया कि यह वीडियो इराक़ के अरबिल बाज़ार में किये गये प्रदर्शन का है.

वीडियो में दिख रहे मेहराब, गूगल मैप्स पर शेयर की गई बाज़ार की इस तस्वीर में दिख रहे मेहराब से मेल खाते हैं (आर्काइव लिंक).

रफीक़ ने 23 मई को बताया, "इस वीडियो को मार्च 2023 में एरबिल (अरबिल) के बाज़ार में फ़िल्माया गया था. मेरा आर्टवर्क यज़ीदी कुर्द महिलाओं, जो यौन उत्पीड़न का शिकार हुई थीं और गुलामों के बाज़ार में बेची गई, के इर्द-गिर्द विकसित हुआ है."

रफीक़ ने कहा, "यज़ीदी कुर्द लड़कियां धार्मिक हिंसा की शिकार हैं. क्योंकि वे अलग धर्मों से हैं, इसलिए उनका जीवन नर्क बन चुका है."

रफीक़ ने आगे कहा कि वह महिलाओं के अधिकारों, धार्मिक स्वतंत्रता और प्रेम की स्वतंत्रता सहित कई मुद्दों पर कई वर्षों से इसी तरह के आर्ट का प्रदर्शन कर रही हैं.

इसी वीडियो के एक अभिनेता नोआह क़ादिर, जो वीडियो में महिलाओं की "नीलामी" के दौरान पहले ग्राहक के तौर पर निरीक्षण करते दिख रहे हैं और रफीक़ के फ़ेसबुक पेज के वीडियो के 45-सेकंड के टाइमस्टैंप पर दिखाई देते हैं, ने भी एएफ़पी को बताया कि यह वीडियो आर्ट प्रदर्शन को दिखाता है (आर्काइव लिंक).

उन्होंने 23 मई को बताया, "मैंने इस प्ले में काम किया है और हम जागरूकता उद्देश्यों के लिए इस तरह का प्रदर्शन करते रहते हैं."

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

स्थानीय कुर्द मीडिया चैनल एनआरटी ने 7 मार्च, 2019 को अपने वेरिफ़ाइड फ़ेसबुक पेज पर रफीक़ के साथ एक इंटरव्यू पोस्ट किया था (आर्काइव लिंक).

इंटरव्यू में रफीक़ अपनी कला प्रदर्शनी और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में बात कर रही हैं, जो 8 मार्च को मनाया जाता है (आर्काइव लिंक).

उन्होंने कहा, "आठ मार्च के अवसर पर मैं महिलाओं, विशेष रूप से आईएसआईएस युद्ध की शिकार यज़ीदी महिलाओं को, बधाई देती हूं. आईएसआईएस के खिलाफ़ लड़ाई के दौरान यज़ीदी महिलाएं बलात्कार और तस्करी का शिकार हुई हैं."

उन्होंने कहा कि उनके आर्ट में चित्रित महिलाओं में से प्रत्येक की तस्वीर में "उम्र और सुंदरता" के आधार पर एक मूल्य टैग लगाया गया था, जो कि आईएस द्वारा उन्हें बेचे जाने के तरीके को सटीक रूप से चित्रित करता है.

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