थाइलैंड में लोन कंपनी के कर्मचारी की बर्बर पिटाई का वीडियो गलत दावे से शेयर किया गया

एक कमरे के अंदर एक व्यक्ति की बर्बर पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पोस्ट में हज़ारों बार इस गलत दावे से शेयर किया गया है कि चीन में अल्पसंख्यक उइग़ुर मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति को सार्वजनिक जगह पर नमाज़ पढ़ने पर दूसरे समुदाय के लोगों द्वारा पीटा गया है. क्लिप वास्तव में 2020 में थाईलैंड में एक लोन कंपनी में आर्थिक विवाद से जुड़ी एक घटना दिखाती है, न कि चीन में मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई.

चेतावनी: हिंसक दृश्य

वीडियो को ट्विटर पर यहां 27 जून 2023 को शेयर किया गया है जहां इसे 3000 से ज्यादा बार रिट्वीट किया जा चुका है.

लगभग 20-सेकेंड के इस वीडियो में एक आदमी घुटनों के बल बैठा नज़र आ रहा है जिसे एक व्यक्ति लगातार पैर से मारते हुए दिख रहा है.

पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “चीन में सार्वजनिक स्थानों पर नमाज़,और धार्मिक आचरण की अनुमति नहीं है. चीन में सार्वजनिक जगह पर नमाज़ अदा करते उइगुर मुस्लिम की क्रूरतापूर्वक दूसरे समुदाय के व्यक्ति द्वारा पिटाई की गई.”

एक सरकारी अभियान के तहत 2017 से चीन के पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र में अनुमानित दस लाख उइग़ुर, हुई और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को हिरासत में लिया गया है, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका और मानव अधिकार समूहों ने नरसंहार कहा है. हालांकि बीजिंग ने इन आरोपों से इंकार किया है और इसे चरमपंथी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य द्वारा बनाया गया एक वोकेशनल सेंटर बताया है (आर्काइव्ड लिंक).

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 5 जुलाई 2023

भारत में भी मुस्लिम समुदाय द्वारा खुले और सार्वजनिक जगह पर नमाज़ अदा करने को लेकर दक्षिणपंथी समूहों द्वारा विरोध की घटनायें हुई हैं. लखनऊ के लुलू मॉल में हुई गिरफ़्तारी इसका उदाहरण है (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो को इसी तरह के दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और ट्विटर पर यहां शेयर किया गया है.

हालांकि वीडियो थाइलैंड में पैसों के विवाद से जुड़ी एक हिंसक घटना का है.

थाइलैंड की घटना

वीडियो के स्क्रीनग्रैब को गूगल पर कीवर्ड्स के साथ रिवर्स इमेज सर्च करने पर वही वीडियो एक थाई न्यूज़ चैनल ‘चैनल 3’ द्वारा अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 3 दिसंबर, 2020 को प्रकाशित एक समाचार रिपोर्ट में मिला (आर्काइव्ड लिंक).

रिपोर्ट की हेडलाइन है: "आदमी ने लोन शार्क गैंग में शामिल होने की बात स्वीकार की, एक ग्राहक से पैसे इकट्ठा करने में असफ़ल होने पर उसके साथ मारपीट की गई जिससे वह 3 दिनों तक बिस्तर पर रहा."

चैनल 3 की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह हमला जनवरी 2020 में मध्य थाई प्रांत नॉनथाबुरी में पीड़ित और उसके बॉस के बीच पैसे को लेकर हुए विवाद के बाद हुआ था.

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और चैनल 3 की रिपोर्ट के वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है:

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और चैनल 3 की रिपोर्ट के वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

रिपोर्ट के तीन सेकंड के टाइमस्टैंप पर समाचार एंकर कहता है: "[पुलिस] ने आखिरकार उस व्यक्ति को ढूंढ लिया जिस पर उसके मालिक ने हमला किया था क्योंकि उसने एक व्यक्ति से लोन का पैसा इकठ्ठा किया और उसे बॉस को नहीं दिया था."

वीडियो से ली गईं हमले की अन्य तस्वीरें उस समय की थाई समाचार रिपोर्टों में यहां और यहां प्रकाशित की गई हैं. एक अन्य थाई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि उस व्यक्ति को एक लोन कंपनी में पैसा गबन करने के आरोप में उसके बॉस ने पीटा था (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां और यहां).

यही वीडियो पहले भी एक अलग दावे के साथ शेयर किया गया था. तब दावा किया गया था कि वीडियो एक चीनी व्यक्ति को इंडोनेशियाई नागरिक की पिटाई करते हुए दिखाता है. एएफ़पी ने इसे सितंबर 2022 में यहां फ़ैक्ट-चेक किया था.

मारपीट की इस घटना की जांच करने वाले तत्कालीन पुलिस कर्नल विथ्थया बोवोनसिखारिन ने 9 सितंबर, 2022 को एएफ़पी को बताया था कि वीडियो में जिस व्यक्ति पर हमला किया जा रहा था वह एक थाई नागरिक है, और अधिकारियों ने पहले ही मामले में आरोप दायर कर लिया है.

उन्होंने कहा, "जिस व्यक्ति पर शारीरिक हमला किया गया था, उसने एक ग्राहक से लोन का पैसा इकठ्ठा किया था लेकिन कंपनी में वापस जमा नहीं किया, इसलिए बॉस ने उसे मारा."

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