भाजपा नेता दिलीप घोष पर हमले का ये पुराना वीडियो मणिपुर नहीं पश्चिम बंगाल से है

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया है कि मणिपुर में चल रहे हिंसा के बीच भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को पीटा जा रहा है. हालांकि ये दावा गलत है. वायरल वीडियो असल में पश्चिम बंगाल में चार साल पहले हुई घटना का है. वीडियो दरअसल भाजपा नेता दिलीप घोष और अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं पर गोरखालैंड समर्थकों द्वारा किये गए हमले का है.

ट्विटर पर 1 जुलाई को एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए कहा, “मणिपुर में भाजपा की ये हालत हो रहि है. पुरे देश में एसा ही हाल होने वाला है.”

इसे अबतक 1,300 से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है.

वीडियो में गले में केसरिया स्कार्फ़ डाले तीन लोगों को कहीं ले जाया जा रहा है जिनपर कुछ लोग लगातार हमला किये जा रहे हैं.

हमला करने वालों में से एक व्यक्ति को चिल्लाते हुए सुना जा सकता है, “गोरखा को क्या समझा है? याद है क्या बोला था? कि गोरखालैंड नहीं मिलेगा?”

पूर्वी भारत के पहाड़ों में रहने वाले जातीय समूह गोरखा सालों से पश्चिम बंगाल के अंदर ही एक अलग राज्य की मांग कर रहे हैं. इनका कहना है कि बंगाली-भाषी बाहरी लोगों ने वहां के संसाधनों का शोषण किया है और अपनी भाषा और संस्कृति को इनपर थोप रखा है.

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भ्रामक वीडियो का 2 जुलाई, 2023 को लिया गया स्क्रीनशॉट

यही वीडियो ट्विटर पर यहां और यहां; और फ़ेसबुक पर यहां और यहां शेयर किया गया.

ये वीडियो मणिपुर में जातीय हिंसा के बीच शेयर किया जा रहा है.

ये हिंसा मणिपुर के बहुसंख्यक हिन्दू मेइती और अधिकतर ईसाई धर्म के जनजातीय समूह कुकी के बीच मई से चल रही है. जबकि मेइती अधिकांशतः राजधानी इंफाल के इर्द गिर्द बसे हैं, कुकी पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हैं.

ये टकराव दोनों समूहों में तब शुरू हुआ जब मेइती समूह को सरकारी नौकरी और अन्य लाभ देने की मांग उठने लगी. इसके बाद कुकी समूह के सामने अपनी आरक्षित ज़मीनें और जनजातीय समूहों को दिए गए अन्य क्षेत्र खोने का डर पैदा हो गया.

हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो मणिपुर का नहीं है. ये 2017 की घटना का वीडियो है जब दार्जीलिंग में तत्कालीन पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष पर हमला हुआ था.

दार्जीलिंग का पुराना वीडियो

गूगल पर कीवर्ड सर्च करने पर एक स्थानीय न्यूज़ आउटलेट एनएमएफ़ न्यूज़ (NMF News) का 6 अक्टूबर, 2017 को अपलोड किया गया यूट्यूब वीडियो मिला (आर्काइव्ड लिंक).

इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “भारतीय जनता पार्टी के बंगाल प्रेसिडेंट दिलीप घोष के साथ दार्जीलिंग में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के एंटी-बिमल गुरुंग गुट ने कथित तौर पर मारपीट की. गुरुंग गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष हैं.”

इसके मुताबिक तत्कालीन पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष दार्जीलिंग में गुरुंग गुट के नेताओं से मिलने पहुंचे थे (आर्काइव्ड लिंक).

नीचे वायरल वीडियो (बाएं) और एनएमएफ़ (NMF) के वीडियो के स्क्रीनशॉट (दाएं) की तुलना है:

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वायरल वीडियो (बाएं) और एनएमएफ़ के वीडियो के स्क्रीनशॉट (दाएं) की तुलना

एनएमएफ़ (NMF) के वीडियो में दो मिनट 19 सेकंड पर “सदर पुलिस स्टेशन” का बोर्ड नज़र आता है जो कई गूगल मैप्स के मुताबिक दार्जीलिंग में ही है (आर्काइव्ड लिंक).

आउटलुक मैगज़ीन की 6 अक्टूबर, 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक दिलीप घोष पर विद्रोही गोरखा जनमुक्ति मोर्चा समर्थकों ने पीछा कर हमला किया था. मालूम हो कि ये मोर्चा “गोरखालैंड” की मांग की अगुवाई कर रहा है.

इसके मुताबिक, “भाजपा नेता घोष और समर्थक शाम के समय आयोजन स्थल पर “विजय सम्मेलनी” कार्यक्रम में पहुंचे थे तभी उनके और विद्रोहियों के बीच झड़प हो गयी.” (आर्काइव्ड लिंक).

इस घटना का एक और फ़ुटेज रिपब्लिक टीवी ने अपनी रिपोर्ट में दिखाया था जो अलग ऐंगल से बनाया गया है (आर्काइव्ड लिंक).

रिपब्लिक टीवी के वीडियो में 36 सेकंड पर एक दुकान “Goyal & Co” नज़र आती है. ये दुकान फ़ोन डायरेक्टरी वेबसाइट जस्ट डायल पर भी दिखती है जहां दार्जीलिंग की इस दुकान की साफ़ तस्वीर लगाई गयी है (आर्काइव्ड लिंक).

नीचे रिपब्लिक टीवी के वीडियो में दिख रही दुकान (बाएं) की तस्वीर और जस्ट डायल की तस्वीर (दाएं) के बीच तुलना दिखाई गयी है. एएफ़पी ने समानताओं को चिन्हित भी किया है.

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रिपब्लिक टीवी के वीडियो में दिख रही दुकान (बाएं) की तस्वीर और जस्ट डायल की तस्वीर (दाएं) के बीच तुलना

एएफ़पी ने मणिपुर में हो रही हिंसा से जुड़े अन्य गलत दावों का भी यहां फैक्ट चेक किया है.

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