सूरत में विरोध प्रदर्शन के दौरान बस में तोड़फोड़ का पुराना वीडियो नूह से जोड़कर शेयर किया गया

  • यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
  • प्रकाशित 16 अगस्त 2023, 09h35
  • 4 मिनट
  • द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
एक परिवहन बस में तोड़फोड़ करती हिंसक भीड़ का वीडियो सोशल मीडिया पोस्ट्स में हज़ारों बार इस गलत दावे से शेयर किया गया है कि यह हालिया नूह हिंसा में मुस्लिमों को तोड़फोड़ करते दिखाता है. यह वीडियो दरअसल जुलाई 2019 में सूरत में मॉब लिंचिंग के खिलाफ़ हुए एक हिंसक विरोध प्रदर्शन का है.

लगभग 1 मिनट 53 सेकेंड के इस वीडियो को फ़ेसबुक पर यहां 3 अगस्त 2023 को शेयर किया गया है जहां इसे 3000 से भी अधिक बार देखा जा चुका है.

वीडियो में भीड़ एक बस को घेरकर पथराव करती नज़र आ रही है.

पोस्ट के कैप्शन में ऐसे कई हैशटैग प्रयोग किये गये हैं जो इस वीडियो को हरियाणा के नूह में हुए हालिया साम्प्रदायिक हिंसा से जोड़ते हैं. उदाहरण के लिये : “#haryana #Gurugramnews #Gurugramcity #nuh #delhi #Nangloi #delhigram #Gurgaon"

AFP की रिपोर्ट के अनुसार 31 जुलाई को एक हिंदू धार्मिक शोभायात्रा पर हुए पथराव के बाद शुरू हुई हिंसा में कम से कम 6 लोग मारे गये.

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गलत दावे से शेयर की गई फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 4 अगस्त 2023

वीडियो को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और ट्विटर, जो कि अब “X” के नाम से जाना जाता है, पर यहां शेयर किया गया है.

हालांकि वीडियो को नूह हिंसा से कम से कम 4 साल पहले सूरत में रिकॉर्ड किया गया था.

गुजरात का वीडियो

वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर जुलाई 2019 में गुजरात के सूरत शहर में हिंसा से संबंधित न्यूज़ रिपोर्ट्स में बिल्कुल मिलते जुलते फ़ुटेज मिले (आर्काइव्ड लिंक).

इसी तरह की एक फ़ुटेज TV9 गुजराती के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 5 जुलाई, 2019 को प्रकाशित की गई थी - जिसकी हेडलाइन है "सूरत में मॉब लिंचिंग की घटनाओं के खिलाफ़ रैली हुई हिंसक, पुलिस बल तैनात" (आर्काइव्ड लिंक).

नीले रंग की बस, जो गलत दावे की पोस्ट के वीडियो में दिख रही है, TV9 गुजराती की वीडियो रिपोर्ट के 3:58 से 6:00 सेकेंड के मार्क के बीच दिखाई देती है.

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और TV9 गुजराती के वीडियो (दाएं) में बस के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और TV9 गुजराती के वीडियो (दाएं) में बस के स्क्रीनशॉट की तुलना

रिपोर्ट के अनुसार यह रैली भारत में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के विरोध में थी, जिसके दौरान उग्र प्रदर्शनकारियों ने सिटी बसों में तोड़फोड़ की और पुलिस के साथ झड़प भी की.

गलत दावे से शेयर किये गये किए गए वीडियो में दिख रही बस का बारीकी से विश्लेषण करने से यह भी पता चलता है कि यह घटना गुजरात के सूरत में हुई थी - हरियाणा के नूह में नहीं.

गलत दावे की पोस्ट के वीडियो में 20 सेकंड के मार्क पर बस के एक किनारे में "सिटिलिंक" टेक्स्ट लिखा हुआ देखा जा सकता है, जो कि सूरत में सार्वजनिक परिवहन सेवा की बस सर्विस है.

वीडियो के 55 सेकंड के मार्क में बस की लाइसेंस प्लेट कुछ देर के लिए दिखाई देती है जिस पर "GJ 05" लिखा है, जो सूरत में गाड़ियों के लिए आवंटित पंजीकरण नंबर है (आर्काइव्ड लिंक).

गलत दावे की पोस्ट के वीडियो में दिख रही बस सेवा का नाम (बाएं) और लाइसेंस प्लेट (दाएं) के स्क्रीनशॉट नीचे दिए गए हैं.

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो में दिख रही बस सेवा का नाम (बाएं) और लाइसेंस प्लेट (दाएं) के स्क्रीनशॉट

इसके बाद कीवर्ड सर्च करने पर हमें यहां, यहां और यहां स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें कहा गया है कि विरोध प्रदर्शन सूरत के नानपुरा शहर में विवेकानंद सर्कल पर आयोजित किया गया था (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां और यहां).

गलत दावे की पोस्ट के वीडियो की लोकेशन गूगल स्ट्रीट व्यू इमेजरी में भी देखी जा सकती है (आर्काइव्ड लिंक).

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और गूगल स्ट्रीट व्यू इमेजरी (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है, जिसमें एएफ़पी द्वारा हाइलाइट की गई समानताएं हैं.

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एएफ़पी ने पहले भी इस वीडियो का फ़ैक्ट-चेक किया है जब इसे एक अन्य गलत दावे से शेयर किया गया था.

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