सेना की गाड़ी रोके जाने का ये वीडियो पश्चिम बंगाल नहीं बांग्लादेश से है
- यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
- प्रकाशित 21 अगस्त 2023, 08h34
- 5 मिनट
- द्वारा Anuradha PRASAD, एफप भारत, AFP बांग्लादेश
- अनुवाद और अनुकूलन Anuradha PRASAD
एक फ़ेसबुक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "पश्चिम बंगाल में हालात बहुत ख़राब हो चुके हैं देख कर बहुत डर लगता है पता नहीं कैसे ये देश बच पायेगा* रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानो ने बंगाल में सेना के घायल सैनिक को अस्पताल ले जाते समय गाङी रोक ली यह हालत है.”
“देख लो अपने बच्चों का भविष्य यही हाल है कब तक योगी मोदी को कोसते रहेंगे जागो अभी भी समय है इनका विरोध करना है या सरेंडर करना है ये आप पर है इनकी हिम्मत देखो सेना से टक्कर ले रहे है आप तो हो ही क्या?”
मालूम हो कि जुलाई में पश्चिम बंगाल में स्थानीय चुनाव के दौरान भयंकर हिंसा हुई जिसमें 10 लोगों की मौत हुई थी. एएफ़पी ने मीडिया संस्थानों के वीडियो पर रिपोर्ट किया था जिसमें विपक्षी दल सड़क पर लाठी-डंडे के साथ घूमते दिखाई दे रहे हैं, साथ ही पोलिंग स्टेशंस के बाहर छीने गए बैलट बॉक्स जलाये जा रहे हैं (आर्काइव्ड लिंक्स यहां और यहां).
दस करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले इस राज्य में हुए पंचायत चुनावों में 200,000 से ज़्यादा प्रतिनिधियों ने भाग लिया था.
हाल के वर्षों में भाजपा ने पश्चिम बंगाल में -- जहां ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पिछले तीन विधानसभा चुनाव जीत चुकी हैं -- पैठ जमाने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया है.
इसी तरह के दावों के साथ ये वीडियो फ़ेसबुक पर यहां और यहां; और X पर, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, यहां शेयर किया गया है.
हालांकि कुछ अन्य फै़क्ट-चेक संस्थानों जैसे न्यूज़ मोबाइल ने यहां और बूम लाइव ने यहां इस पर रिपोर्ट लिखते हुए पुष्टि की है कि ये वीडियो बांग्लादेश के चटगांव का है ना कि भारत का (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां और यहां).
बांग्लादेश में हुए प्रदर्शन का पुराना वीडियो
गूगल पर कीवर्ड सर्च करने पर इसी वीडियो का लम्बा वर्ज़न फ़ेसबुक पर मिला जिसे 28 मार्च, 2021 को शेयर किया गया था (आर्काइव लिंक). ये इसी वीडियो के 12 सेकंड से लेकर 2:45 मिनट तक का हिस्सा है.
इसके साथ बंगाली भाषा में कैप्शन है, “बड़े स्तर का प्रदर्शन किया गया. सेना की गाड़ियां रोक दी गयीं.”
नीचे भ्रामक पोस्ट वाले वीडियो (बाएं) और फ़ेसबुक पर मिले पुराने वीडियो (दाएं) के बीच तुलना देख सकते हैं.
पुराने फे़सबुक वीडियो के 18वें सेकंड पर एक ईमारत नज़र आती है जो गूगल पर मौजूद चटगांव के स्ट्रीट व्यू में दिख रही ईमारत से मेल खाती है.
नीचे भ्रामक पोस्ट वाले वीडियो (बाएं) और गूगल मैप्स पर दिख रही ईमारत (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.
यही वीडियो और बेहतर क्वालिटी के साथ 10 अप्रैल, 2021 को यूट्यूब पर यहां अपलोड किया गया था. इसमें 2:19 मिनट पर एक बोर्ड नज़र आता है जिसपर बांग्ला में लिखा है “अल हेरा तहफ़ीज़ुल क़ुरआन इस्लामिक अकादमी (आर्काइव्ड लिंक).”
इस नाम का इस्लामिक संस्थान गूगल मैप्स पर देखा जा सकता है जो बांग्लादेश के चटगांव के हथाज़ारी में स्थित है (आर्काइव्ड लिंक).
गाड़ी में बैठे सैनिकों की वर्दी पर भी बांग्लादेश सेना का बैज देखा जा सकता है जिसपर वॉटर लिली बना हुआ है.
वीडियो के स्क्रीनशॉट में दिख रहे लोगो पर एएफ़पी ने हाइलाइट किया है.
एएफ़पी ने 26 मार्च, 2021 को एक रिपोर्ट किया था जिसके मुताबिक बांग्लादेश के हथाज़ारी में कट्टरपंथी मुस्लिम समूह के कई सदस्यों को पुलिस ने गोली मार दी थी. हथाज़ारी में ही इस समूह के अधिकतर लोग बसे हैं (आर्काइव्ड लिंक).
रिपोर्ट में जिस घटना का ज़िक्र किया गया है वो इस वीडियो के शेयर किये जाने के समय की ही है.
इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश के दौरे पर थे जिसका कई छात्र समूह, वामपंथी और अन्य इस्लामिक संगठन विरोध कर रहे थे.
प्रदर्शनकारियों द्वारा मोदी पर धार्मिक तनाव बढ़ाने और मुस्लिम विरोधी हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया था. इसमें 2002 में गुजरात दंगे भी शामिल हैं जिसमें 1000 से ज़्यादा लोग मारे गए. उस वक़्त मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे.
बांग्लादेश के स्थानीय आउटलेट्स ढाका ट्रिब्यून और प्रोथोमालो ने भी इन प्रदर्शनों पर रिपोर्ट किया था (आर्काइव्ड लिंक्स यहां और यहां).