उर्स पर भारतीय रेलवे द्वारा चलाई स्पेशल ट्रेन का वीडियो गलत दावे से शेयर किया गया

एक मस्जिद के गुंबदनुमा आकार के कटआउट से सजी ट्रेन का वीडियो सोशल मीडिया पर इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि मुसलमानों ने गार्ड के मना करने के बावजूद इसे जबरन "मुस्लिम एक्सप्रेस" में तब्दील कर दिया है. हालांकि भारतीय रेलवे के एक प्रवक्ता ने एएफ़पी को बताया कि रेलवे का एक डिवीजन हर साल मुस्लिम यात्रियों के लिए ये विशेष ट्रेनें चलाता है.

वीडियो को X पर, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, 5 अगस्त 2023 को शेयर किया गया है.

पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “हैदराबाद से पश्चिम बंगाल जाने वाली ट्रेन को जिहादीयों ने मुस्लिम एक्सप्रेस बना दिया। गार्ड कह रहा है ऐसे गाड़ी नही जायेगी किन्तु जिहादी अड़े हैं कि गाड़ी ऐसे ही भेजो। यह कौन-सी मानसिकता है? इस न्यूज़ को कोई भी न्यूज़ चैनल वाला नहीं दिखा रहा है कृपया इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि केंद्र सरकार इस पर संज्ञान ले सके और ऐसे महा मूर्खों पर कठोर कार्रवाई हो.”

वीडियो में एक ट्रेन के इंजन पर मस्जिदनुमा आकार का हरे रंग का बड़ा कटआउट लगा है और बगल में ही एक पोस्टर पर उर्दू भाषा में “उर्स मुबारक” लिखा है.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 10 अगस्त 2023

वीडियो को इसी गलत दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X पर यहां शेयर किया गया है.

उर्स स्पेशल ट्रेन

कुछ कीवर्ड्स के साथ वीडियो कीफ़्रेम्स को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर लोकल न्यूज़ आउटलेट गोहैश द्वारा यूट्यूब पर 2 अगस्त को पोस्ट किया गया एक वीडियो मिला जिसमें कुछ समान दृश्य देखे जा सकते हैं (आर्काइव्ड लिंक).

अंग्रेज़ी में लिखे गए वीडियो के डिसक्रिप्शन का हिंदी अनुवाद है: "हलकट्टा शरीफ़ में यमनी चिश्ती, हज़रत ख्वाजा सैयद मोहम्मद बादशाह क़ादिर का 46वां उर्स."

यह डिसक्रिप्शन कुछ हद तक ट्रेन पर लगे बैनर में लिखे उर्दू टेक्स्ट -- "उर्स-ए-क़ादिर मुबारक़" -- से मेल खाता है.

हज़रत ख्वाजा सैयद मोहम्मद बादशाह क़ादिर एक सूफ़ी मुस्लिम संत हैं.

उनके अनुयायी हर साल कर्नाटक स्थित हलकट्टा शरीफ़ में एक दरगाह तक यात्रा करके उनकी मृत्यु की सालगिरह का उर्स मनाते हैं (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो के नौ सेकंड के दृश्य में वही ट्रेन दिखाई देती है जो गलत दावे की पोस्ट में शेयर की गई क्लिप में दिखाई दे रही है.

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और गोहैश के यूट्यूब वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है, जिसमें मिलते जुलते दृश्यों को एएफ़पी द्वारा हाइलाइट किया गया है.

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भारतीय रेलवे के एक डिवीजन दक्षिण मध्य रेलवे ने 27 जुलाई को एक प्रेस रिलीज़ में लिखा कि उर्स के अवसर पर रेलवे द्वारा विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी (आर्काइव्ड लिंक).

प्रेस रिलीज़ में लिखा है, "1 अगस्त 2023 को वाडी जंक्शन के पास हलकट्टा शरीफ़ में महान संत हज़रत ख्वाजा सैयद मोहम्मद बदशाह क़ादरी चिश्ती यमनी के उर्स-ए-शरीफ़ की 46 वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लेने वाले यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को संभालने के लिए चार विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी."

दक्षिण मध्य रेलवे के पीआरओ सीएच राकेश ने 9 अगस्त को एएफ़पी से कहा, ''यह बिल्कुल गलत दावा है कि किसी समुदाय के लोगों ने ट्रेन पर जबरन धार्मिक बैनर लगाए और ड्राइवर या गार्ड को धमकाया.''

"दक्षिण मध्य रेलवे हर साल उर्स यात्रियों के लिए यह विशेष ट्रेन चलाता है, जिसे रेलवे की अनुमति से ही सजाया जाता है."

उन्होंने इस दावे का भी खंडन किया कि ऐसी कोई भी ट्रेन हैदराबाद से पश्चिम बंगाल तक चलती है.

उन्होंने कहा, "इस साल हमने 1-3 अगस्त के बीच हैदराबाद से कर्नाटक के वाडी जंक्शन तक यह ट्रेन चलाई थी."

एएफ़पी को यहां, यहां और यहां उर्स के अन्य वीडियो भी मिले जिनमें ट्रेन के एक समान फ़ुटेज दिख रहे हैं (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां और यहां).

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