अफ़ग़ानिस्तान में गुरुद्वारे पर हमले का पुराना वीडियो गलत दावे संग पाकिस्तान से जोड़ा गया

  • यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
  • प्रकाशित 24 अगस्त 2023, 14h11
  • 4 मिनट
  • द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
सोशल मीडिया पोस्ट्स में एक पुराना वीडियो इस गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि यह पाकिस्तान में एक गुरुद्वारे पर मुसलमानों द्वारा किए गए हमले के बाद का दृश्य है. जबकि यह फ़ुटेज 2020 में अफ़ग़ानिस्तान में हुए एक हमले की है, जिसमें राजधानी काबुल के एक गुरुद्वारे में कम से कम 25 लोग मारे गए थे. एएफ़पी को पाकिस्तान में किसी गुरुद्वारे पर हाल में हुए हमले की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.

चेतावनी: हिंसक दृश्य

वीडियो को यहां फ़ेसबुक पर 9 अगस्त 2023 को शेयर किया गया है.

पोस्ट का कैप्शन है, “अजान के समय पाकिस्तान में गुरुद्वारे से गुरुवाणी की आवाज आ रही थी तो जेहादियों नें सिक्खों को ही भून दिया, और यहां हम भाईचारा निभा रहे हैं. हर भाई इनका चारा बनेगा.”

वीडियो में किसी घातक हमले के बाद एक बिल्डिंग के अंदर कई मृत और घायल लोग दिखाई दे रहे हैं.

पाकिस्तान में सिख अल्पसंख्यकों के ऊपर पूर्व में हमले की कई घटनायें रिपोर्ट की गयी हैं. हालांकि न्यूज़ रिपोर्ट्स में किसी गुरुद्वारे पर हालिया हमले का ज़िक्र नहीं है.

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चेतावनी

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गलत दावे से शेयर की गई फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 18 अगस्त 2023

वीडियो को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X (पूर्व में ट्विटर) पर यहां शेयर किया गया है.

अफ़ग़ानिस्तान में हमला

फ़ेसबुक पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें 26 मार्च, 2020 को एक ऐसा ही वीडियो पोस्ट किया हुआ मिला (आर्काइव्ड लिंक).

पोस्ट के अंग्रेज़ी कैप्शन का अनुवाद है, “हिंसक दृश्य: काबुल में सिख गुरुद्वारे पर क्रूर हमला जिसमें 11 सिख मारे गए, जबकि अनौपचारिक रिपोर्टों के अनुसार 20 से अधिक सिख मारे गए हैं. इस वीडियो को एक सिख द्वारा हमले के ठीक बाद गुरुद्वारे के अंदर फ़िल्माया गया है. वीडियो के अंत में शव दिखाए गए हैं. हमारे लोग मारे गए हैं नरेंद्र मोदी जी.”

वीडियो अपलोड होने से एक दिन पहले 25 मार्च, 2020 को अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में एक गुरुद्वारे पर बंदूकधारियों ने हमला किया था, जिसमें कम से कम 25 लोग मारे गए थे.

इस्लामिक स्टेट समूह ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली थी, जिसमें सुबह प्रार्थना कर रहे श्रद्धालुओं को निशाना बनाया गया था.

बीबीसी न्यूज़ और एनडीटीवी ने भी इस हमले पर रिपोर्ट किया था (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).

फ़ेसबुक पर मार्च 2020 में पोस्ट किए गए वीडियो के कई विज़ुअल्स अगस्त 2023 में गलत दावे से शेयर किये गये वीडियो से मेल खाते हैं.

गलत दावे की पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो के 1-सेकंड के मार्क और 2020 के फ़ेसबुक पोस्ट के 34-सेकंड के निशान पर डार्क ग्रे कपड़े पहने एक ही व्यक्ति को ज़मीन पर लेटे देखा जा सकता है.

नीचे गलत दावे की पोस्ट (बाएं) और 2020 के वीडियो (दाएं) में उस फ़्रेम की तुलना का स्क्रीनशॉट दिया गया है.

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इसी तरह, काले रंग का टॉप पहने और हाथ ऊपर उठाए एक व्यक्ति को गलत दावे की पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो के 0:02 मार्क पर (नीचे-बाएं) और 2020 वीडियो के 0:39 मार्क पर (नीचे-दाएं) देखा जा सकता है:

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चेतावनी

बिल्डिंग की दीवार में एक ही जगह पर छेदों का एक सेट गलत दावे की पोस्ट के वीडियो के 0:05 मार्क (नीचे-बाएं) और 2020 वीडियो के 0:40 मार्क (नीचे-दाएं) पर भी दिखाई देता है.

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एसोसिएटेड प्रेस (एपी) और रॉयटर्स सहित कई मीडिया आउटलेट्स ने हमले के बाद गुरुद्वारे की मिलती जुलती तस्वीरें प्रकाशित कीं हैं (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां).

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और एपी के वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है, जिसमें दोनों की समानताएं हाईलाइट की गई हैं.

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