भारतीय झंडे के ऊपर से गुज़रते वाहनों का ये वीडियो पाकिस्तान से है

सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे एक वीडियो में सड़क पर पेंट किये हुए भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर से कई गाड़िया निकलती नज़र आ रही हैं. आसपास पाकिस्तानी झंडा लिए खड़े कुछ लोग 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे लगा रहे हैं. वीडियो के साथ ये गलत दावा किया गया है कि यह केरल की घटना है. हालांकि इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी एक दुकानदार के अनुसार यह क्लिप वास्तव में कराची, पाकिस्तान में एक भारत विरोधी रैली के दौरान शूट की गई थी.

वीडियो को 12 जुलाई 2023 को फ़ेसबुक पर यहां शेयर किया गया है.

पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “केरल के इस वीडियो को देखें और दुनिया भर में अभी फॉरवर्ड करें. 6 महीने बाद फॉरवर्ड करने का कोई लाभ नहीं है.!गद्दार”

वीडियो में कई गाड़ियां भारतीय तिरंगे के ऊपर से गुज़रते हुए देखी जा सकती हैं. वहीं आसपास खड़े लोग खुशी से पाकिस्तान का झंडा लहरा रहे हैं.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 18 अगस्त 2023

वीडियो को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X (पूर्व में ट्विटर) पर यहां शेयर किया गया है.

हालांकि यह वीडियो कराची, पाकिस्तान से है.

भारत विरोधी रैली

वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के साथ रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यही वीडियो 10 मार्च, 2020 को X पर अपलोड किया गया मिला (आर्काइव्ड लिंक).

अंग्रेज़ी में किये गये ट्वीट का हिंदी अनुवाद है, "क्योंकि हमारी पाकिस्तानी सेना के पास युद्ध के मैदान में एक पेशेवर सेना का सामना करने की हिम्मत नहीं है, वे इस तरह की घटिया हरकतें करते हैं. आम पाकिस्तानियों में नफ़रत भरी जा रही है."

वीडियो के 0:02 मार्क पर दिखाई दे रहे साइनबोर्ड पर "सनम बुटीक" लिखा है जो कि कराची में तारिक़ रोड पर स्थित एक दुकान की तस्वीर से मेल खाता है, जिसे यहां गूगल स्ट्रीट व्यू पर भी देखा जा सकता है (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).

इसी तरह वीडियो के 0:09 मार्क पर कांच की खिड़कियों वाली एक बिल्डिंग देखी जा सकती है जिसे एएफ़पी ने यहां, उसी सड़क पर, जियोलोकेट किया है (आर्काइव्ड लिंक).

नीचे वीडियो में दिखाई गई दुकान और बिल्डिंग (बाएं) और गूगल स्ट्रीटव्यू पर समान स्थानों (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.

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वीडियो में दिखाई गई दुकान और बिल्डिंग (बाएं) और गूगल स्ट्रीटव्यू पर समान स्थानों (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

इसके अलावा वीडियो में कई ऐसे सुराग हैं जिससे यह पता चलता है कि इसे भारत में नहीं बल्कि पाकिस्तान में शूट किया गया था.

वीडियो के 3:38 मार्क पर “द हुनर फ़ाउंडेशन” के साइनबोर्ड वाली एक सफ़ेद वैन गुज़रते दिखाई देती है.

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द हुनर फ़ाउंडेशन कराची स्थित एक संगठन है जो छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करता है (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो के 3:44 मार्क पर एक कार दिख रही है जिसकी नंबर प्लेट पाकिस्तान के सिंध प्रांत में प्रयोग होने वाली वाहन पंजीकरण संख्या से मेल खाती है. कराची सिंध प्रांत की राजधानी है. न्यूज़ रिपोर्ट्स में यहां और यहां सिंध में प्रयोग होने वाले समान वाहन पंजीकरण प्लेटें देखी जी सकती हैं (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).

एएफ़पी के एक रिपोर्टर ने 16 अगस्त को कराची के तारिक़ रोड का दौरा किया और कपड़े की एक दुकान में काम करने वाले एक व्यक्ति से मुलाकात की, जिसने कहा कि यह वीडियो इसी सड़क पर रिकॉर्ड किया गया था.

तारिक़ रोड पर स्थित कपड़े की दुकान में काम करने वाले 32 वर्षीय वसीम अख़्तर ने एएफ़पी को बताया, "यह एक भारत विरोधी रैली थी. भारत के झंडे को 2020 में सड़क पर पेंट किया गया था, मुझे याद नहीं है कि यह कौन सा महीना था. आयोजक पीएमएल-क्यू (पाकिस्तान मुस्लिम लीग कायद-ए-आज़म) पार्टी के कार्यकर्ता थें.”

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