झाड़-फूँक के खिलाफ़ बनाये गए जागरूकता वीडियो को असल घटना बता कर शेयर किया गया

सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे एक वीडियो में कुछ लोग गंदले पानी में हाथ-पैर बाँध कर लिटाई गयी एक महिला को निकालते नज़र आ रहे हैं. वीडियो के साथ दिए कैप्शंस दावा करते हैं कि उक्त महिला को बच्चा पैदा ना होने की वजह से उसके पति और सास ने किसी 'पीर बाबा' के कहने पर ऐसा करने को मजबूर किया. हालांकि असल में ये एक स्क्रिप्टेड वीडियो है जिसे एक कॉन्टेंट क्रिएटर ने बनाया है. क्रिएटर ने एएफ़पी से भी इस बात की पुष्टि की.

ये वीडियो X, पूर्व में ट्विटर, पर 12 अगस्त, 2023 को यहां शेयर किया गया जिसे अबतक 66,000 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.

इसके साथ ही यूज़र ने लिखा, “"#ईस्लाम का #विज्ञान" आपको क्रोध आयेगा इनपर- पर इनको नहीं आयेगा. झार फुक वाले "पीर बाबा" ने बोला 12 दिन लड़की को "पानी में डूबा के रखो" तो बच्चा पैदा हो जाएगा... उसके सास और शोहर ने कुल 6 दिन से जबरन हाथ-पैर बांधकर पानी में डूबो के रखा.”

वीडियो में दो लोग गंदे पानी में लेटी हुई एक महिला को उठा रहे हैं जिसके हाथ-पैर बंधे हुए हैं. इसी बीच एक अधेड़ उम्र की महिला आकर उन दोनों को रोकने लगती है.

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भ्रामक पोस्ट का 25 अगस्त, 2023 को लिया गया स्क्रीनशॉट

ये वीडियो फ़ेसबुक पर यहां; और X पर यहां और यहां शेयर किया गया है.

फ़ेसबुक पर यहां इस वीडियो का 10 मिनट लम्बा वर्ज़न शेयर किया गया है.

ये वीडियो हालांकि एक नाट्य रूपांतरण है जिसे कॉन्टेंट क्रिएटर्स ने बनाया था.

स्क्रिप्टेड वीडियो

एएफ़पी ने स्क्रिप्टेड वीडियोज़ पर एक रिपोर्ट की है जिसके मुताबिक ऐसे कई स्टेज किये हुए वीडियो मुस्लिमों के खिलाफ़ अफ़वाहें फैलाने के लिए इस्तेमाल किये गए हैं. इन कॉन्टेंट क्रिएटर्स के लाखों की संख्या में फ़ॉलोवर्स होते हैं जिनमें से कई अपने अपने हिसाब से वीडियो का हिस्सा आगे शेयर कर देते हैं (आर्काइव्ड लिंक).

इनकी टीम की कमाई इनके व्यूज़ पर निर्भर करती है और ये कई बार महीने के लाखों रूपये तक कमाते हैं.

एएफ़पी ने मुस्लिमों को निशाने पर रख कर किये गए कई ग़लत दावों का यहां, यहां और यहां फै़क्ट-चेक किया है.

कुछ भ्रामक फ़ेसबुक पोस्ट में वीडियो के साथ एक लिंक दिख रहा है जहां लिखा है ‘ऑरिजिनल वीडियो अंकुर जाटुस्करण ने बनाई है’. जाटुस्करण ने एएफ़पी को बताया कि ये स्क्रिप्टेड वीडियो है जो उन्होंने ही बनाई थी.

उन्होंने कहा, “ये दो साल पुराना स्क्रिप्टेड वीडियो है. लोग कहीं भी कुछ भी बोल कर शेयर कर रहे हैं. इसका इस्लाम से कोई नाता नहीं है.”

उन्होंने ये भी साफ़ किया कि वीडियो में कोई भी एक्टर मुस्लिम समुदाय से नहीं है.

उन्होंने बताया कि ये 10:57 मिनट लम्बा वीडियो उन्होंने 16 दिसंबर, 2022 को फ़ेसबुक और 31 मार्च, 2023 को यूट्यूब पर शेयर किया था (आर्काइव्ड लिंक्स यहां और यहां).

इसके साथ कैप्शन है, “इस बहन को बचा लो.”

वीडियो में 30 सेकंड पर एक डिस्क्लेमर आता है जिसमें लिखा है, “इस वीडियो के कॉन्टेंट को केवल मनोरंजन के तौर पर लिया जाना चाहिए ”

आगे कहा गया है, “हम हर इंसान, काम और संगठन का आदर करते हैं. हम जो भी रोल प्ले करते हैं वो सिर्फ़ आपके मनोरंजन के लिए है और इसका इरादा किसी समुदाय या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है.”

ऑरिजिनल वीडियो का 50 सेकंड से 3:03 सेकंड वाला हिस्सा भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

नीचे भ्रामक पोस्ट वाले वीडियो (बाएं) और ऑरिजिनल वीडियो (दाएं) के बीच तुलना है.

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भ्रामक पोस्ट वाले वीडियो (बाएं) और ऑरिजिनल वीडियो (दाएं) के बीच तुलना

वीडियो में सास का किरदार निभा रही महिला को जाटुस्करण के एक और स्क्रिप्टेड वीडियो में यहां देखा जा सकता है (आर्काइव्ड लिंक).

ऐसे दर्जनों स्क्रिप्टेड वीडियो जाटुस्करण के यूट्यूब चैनल और फ़ेसबुक पेज पर देखे जा सकते हैं (आर्काइव्ड लिंक्स यहां और यहां).

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