पहाड़ी झरने के नीचे घटित दुर्घटना का ये वीडियो उत्तराखंड नहीं इंडोनेशिया से है
- यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
- प्रकाशित 11 सितम्बर 2023, 08h50
- 3 मिनट
- द्वारा Anuradha PRASAD, Gemma CAHYA, एफप भारत
- अनुवाद और अनुकूलन Anuradha PRASAD
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ये फ़ुटेज फ़ेसबुक पर यहां 21 अगस्त, 2023 को शेयर किया गया था.
इसका कैप्शन है, “देखिए उत्तराखंड के चमोली में झरने के नीचे नहा रहे लोगों पर कैसे पहाड़ टूट कर गिरा! शायद जान नहीं बची होगी. चमोली पुलिस ने सभी से आग्रह किया है कि बरसात के मौसम में झरने के नीचे जाकर न नहाएं.”
मालूम हो कि पिछले दिनों हिमाचल और उत्तराखंड समेत अन्य क्षेत्रों में लगातार बारिश और बाढ़ के बाद बड़े स्तर पर भूस्खलन और जान-माल का नुकसान हो चुका है.
एएफ़पी की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में 15 अगस्त 2023 तक भूस्खलन की वजह से 65 लोगों की मौत हो चुकी थी. वहीं हिमाचल में कुछ ही दिनों के भीतर 52 लोगों की मौत हुई.
ये वीडियो फ़ेसबुक पर यहां और यहां; और X, पूर्व में ट्विटर, पर यहां और यहां इसी दावे के साथ शेयर किया गया.
चमोली पुलिस ने इसी क्लिप को 20 अगस्त, 2023 को X पर शेयर करते हुए लिखा, “बरसात के मौसम के दौरान पहाड़ो में झरनों के नीचे नहाने से बचें. (आर्काइव्ड लिंक)”
हालांकि चमोली पुलिस ने एएफ़पी को बताया कि उन्होंने ये दावा नहीं किया कि ये वीडियो उत्तराखंड का है. उन्होंने बस लोगों को सावधानी बरतने के लिए चेतावनी जारी की थी क्योंकि बारिश में ऐसी कई घटनाएं होनी आम बात हैं.
उन्होंने 24 अगस्त, 2023 को एएफ़पी से कहा, “ये बस जागरूकता फैलाने वाला पोस्ट था, हमने ये दावा नहीं किया कि ये चमोली का है.”
इंडोनेशिया की घटना
वीडियो के कीफ़्रेम्स का रिवर्स सर्च और फिर कीवर्ड सर्च करने पर इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रान्त के न्यूज़ संस्थान JTV केदिरी की 15 फ़रवरी, 2023 की एक रिपोर्ट मिली (आर्काइव्ड लिंक).
इसकी हेडलाइन है, “न्गांजुक- सेदूदो झरने के नीचे नहा रहे पर्यटक की मौत.”
रिपोर्ट के मुताबिक न्गांजुक रीजेंसी में सेदूदो झरने के नीचे नहा रहे पांच पर्यटकों पर पेड़ समेत पत्थर आ गिरा जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी और अन्य लोग घायल हो गए. ये घटना 14 फ़रवरी, 2023 की बताई गयी.
नीचे भ्रामक पोस्ट वाले वीडियो (बाएं) और JTV केदिरी (दाएं) के वीडियो के स्क्रीनशॉट्स की तुलना दी गयी है.
अन्य इंडोनेशियाई संस्थानों Tempo.co और ट्रिब्यून न्यूज़ ने भी सेदूदो झरने के नीचे हुई इस घटना पर अपनी रिपोर्ट्स में ये वीडियो लगाया है (आर्काइव्ड लिंक्स यहां और यहां).
न्गांजुक डिज़ास्टर मिटिगेशन एजेंसी के प्रमुख अब्दुल वाक़िद ने एएफ़पी से बात करते हुए साफ़ किया कि वायरल वीडियो सेदूदो झरने का ही है.
उन्होंने 24 अगस्त को एएफ़पी से कहा, “वो भूस्खलन नहीं था. पहाड़ी से ऊपर 80 मीटर की ऊंचाई से एक पेड़ नीचे आ गिरा.”
“ये घटना 14 फ़रवरी की है जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी.”
न्गांजुक के स्थानीय प्रशासन ने भी इस घटना के बाद 20 अगस्त, 2023 को एक प्रेस नोट जारी कर लोगों को कुछ दिनों तक झरने से दूर रहने की सलाह दी थी (आर्काइव्ड लिंक).