धार्मिक स्टीकर लगी गाड़ी का चालान काटने का ये वीडियो उत्तर प्रदेश से है
- यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
- प्रकाशित 21 सितम्बर 2023, 14h08
- 4 मिनट
- द्वारा Anuradha PRASAD, एफप भारत
- अनुवाद और अनुकूलन Anuradha PRASAD
कॉपीराइट © एएफ़पी 2017-2025. इस कंटेंट के किसी भी तरह के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए सब्सक्रिप्शन की ज़रूरत पड़ेगी. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.
बीस सेकंड लम्बा ये वीडियो लगभग 2,400 बार देखा जा चुका है जिसे फे़सबुक पर 4 सितंबर, 2023 को यहां शेयर किया गया था.
वीडियो का कैप्शन है, “राजस्थान में हिंदू होना गाली है कांग्रेस के लिए खाटूश्याम का स्टिकर लगाने पर चालान कर रहे है. मुस्लिम तुष्टिकरण वाली पार्टीया तुम्हें सेकुलर बनाकर तुम्हारा सब कुछ छीन लेंगी."
“80 % बिखरे हुए हिंदुओं के वोट के लिए कोई पार्टी परेशान नहीं है 20 % एकजुट मुस्लिम वोट के लिए सारी पार्टियां किसी भी हद तक जाने को तैयार है.”
वीडियो में एक ट्रैफ़िक पुलिसकर्मी और वाहन चालक के बीच बहस हो रही है जो चालक रिकॉर्ड कर रहा है.
ट्रैफ़िक पुलिस खाटू श्याम के स्टिकर को हटाने के लिए कह रहा है जिस पर ॐ भी लिखा है. वहीं ड्राइवर ज़िद पर अड़ा है कि वो स्टिकर नहीं हटाएगा.
वो पुलिसवाले से कहता है, "ये नहीं हटेगा, आप चालान कर दीजिये.”
मालूम हो कि कांग्रेस शासित राजस्थान में आने वाले महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं (आर्काइव्ड लिंक).
इसे फे़सबुक पर यहां और यहां और X, पूर्व में ट्विटर, पर यहां और यहां इसी दावे के साथ शेयर किया गया .
हालांकि यह वीडियो राजस्थान नहीं उत्तर प्रदेश का है.
उत्तर प्रदेश की घटना
फ़ेसबुक पर एक कीवर्ड सर्च करने पर हमें इसका लंबा वर्ज़न यहां मिला जिसे कट्टर हिंदू सच्चिदानंद शुक्ला नाम के यूज़र ने 27 अगस्त को शेयर किया था (आर्काइव्ड लिंक).
यूज़र ने कैप्शन में लिखा है, “लखीमपुर में ये किस तरह का आदेश है की गाड़ी पर ओम,खाटू श्याम लिखा होने पर हम सबकी गाडी का चालान करेंगे, गाड़ी की फोटो ले ली पर मैंने फोटो नही हटाया. दिन भर फर्राटे भरते हुए एसपी, डीएम, सीओ, विधायक, सांसद, जिलाध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष की गाड़ी पर से नाम हटाइए फिर आम आदमी से बात करिए.”
“भगवान का स्टिकर मैने अपने हाथ से लगाया है और मैं अपने हाथ से नही हटा सकता आप चालान करते रहे मैं महादेव का नाम लेकर भरता रहूंगा.”
नीचे भ्रामक पोस्ट वाले वीडियो (बाएं) और सच्चिदानंद शुक्ला के वीडियो के स्क्रीनशॉट (दाएं) की तुलना देख सकते हैं.
शुक्ला ने एएफ़पी से बताया कि यह वीडियो उनका ही है.
उन्होंने कहा, "ये राजस्थान नहीं है. ये 27 अगस्त को लखीमपुर में हुआ था."
वीडियो को ध्यान से देखने पर 29 सेकंड पर ट्रैफ़िक पुलिसकर्मी के पीछे एक दुकान का बोर्ड नज़र आता है जिस पर लिखा है – चौधरी मशीनरी स्टोर.
यह दुकान गूगल स्ट्रीट व्यू पर देखी जा सकती है. इसके पीछे एक पीले रंग का मकान भी नज़र आ रहा है (आर्काइव्ड लिंक).
नीचे वीडियो में दिख रही पीली इमारत के स्क्रीनशॉट (बाएं) और गूगल मैप्स पर इसी इमारत की तस्वीर (दाएं) की तुलना देख सकते हैं जिसे एएफ़पी ने हाईलाइट भी किया है.
राजस्थान पुलिस ने भी X पर इस दावे को खारिज करते हुए एक ट्वीट किया था (आर्काइव्ड लिंक).
ट्रैफ़िक अभियान
मालूम हो कि मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत गाड़ियों के नंबर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर के अलावा और किसी भी तरह का कोई स्टिकर या लेबल नहीं होना चाहिए (आर्काइव्ड लिंक).
राज्य सरकारें मोटर व्हीकल्स ऐक्ट के तहत धार्मिक स्टीकर लगे वाहनों पर कार्यवाही करती हैं (आर्काइव्ड लिंक).
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में भी ऐसा ही अभियान चलाया गया था और गाड़ियों पर जातिसूचक, धार्मिक, अपने काम या पार्टी से संबंधित स्टिकर लगाने वालों का चालान काटा गया था (आर्काइव्ड लिंक).
अगस्त 2023 में उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही दस दिवसीय अभियान चलाया गया था.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को आदेश दिया था कि वो वाहनों पर लगे जातिसूचक स्टिकर हटवाएं (आर्काइव्ड लिंक).”
“पुलिस ने बताया कि यह अपराध मोटर व्हीकल्स एक्ट की धारा 179 (1) के तहत आता है जिसमें किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा कानून की अवमानना किये जाने पर बात की गयी है.”
उत्तर प्रदेश ट्रैफ़िक विभाग के एडीशनल सुप्रिटेंडेंट सर्वानंद सिंह यादव ने एएफ़पी को बताया कि यूपी में ऐसा अभियान पहले भी चलाया गया था और ये आगे भी जारी रहेंगे.
उन्होंने 12 सितम्बर को बताया, “हम मोटर व्हीकल्स एक्ट की धारा 179 के तहत उन सभी का चालान काटेंगे जो इस आदेश का उल्लंघन करेगा.”