झारखंड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पिटाई का पुराना वीडियो गलत दावे से शेयर किया गया

एक पुलिसकर्मी द्वारा एक महिला को डंडे से मारने का वीडियो सोशल मीडिया पोस्ट में सैकड़ों बार देखा गया है, जिसे इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि यह सितंबर 2023 में महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद मध्य प्रदेश की एक घटना को दिखाता है. वीडियो वास्तव में 2019 में झारखंड में महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के दौरान रिकॉर्ड किया गया था.

चेतावनी: हिंसक दृश्य

वीडियो, जिसमें एक पुलिस अधिकारी एक महिला को बुरी तरह पीटते हुए दिख रहा है, फ़ेसबुक पर यहां 28 सितंबर 2023 को शेयर किया गया है.

लगभग 15 सेकेंड के इस वीडियो को 600 से अधिक बार देखा जा चुका है. इसमें गुलाबी रंग की साड़ी पहने कई महिलायें विरोध प्रदर्शन कर रही हैं और उन्हें कुछ पुलिसकर्मी रोकते हुए दिख रहे हैं.

पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, "मध्यप्रदेश में 'महिला आरक्षण बिल' पास होने पर लाड़ली बहना को बधाई देता मामा का पुलिसवाला. लाडली बहनों पर अत्याचार जारी है मामा सरकार तुम्हारी है."

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 5 अक्टूबर 2023

यह पोस्ट महिला आरक्षण विधेयक, जो महिलाओं के लिए भारत की राष्ट्रीय और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें आरक्षित करेगा, के 20 सितंबर, 2023 को लोकसभा और राज्यसभा में पारित होने के कुछ दिनों बाद से ही आनलाइन शेयर की जा रही है.

वीडियो को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X पर यहां शेयर किया गया है.

हालांकि ये दावा गलत है. यह वीडियो वास्तव में सितंबर 2019 में झारखंड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के एक प्रोटेस्ट का है.

2019 का वीडियो

वीडियो के कीफ़्रेम्स को गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के साथ रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें वीडियो का एक लंबा संस्करण मिला, जिसे 25 सितंबर, 2019 को द क्विंट की एक रिपोर्ट में प्रकाशित किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

रिपोर्ट की हेडलाइन में लिखा है, "झारखंड में पुलिसकर्मियों द्वारा महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पिटाई."

द क्विंट की रिपोर्ट के अनुसार, 24 सितंबर, 2019 को झारखंड की राजधानी रांची में पुलिसकर्मियों ने आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ की कई प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं को पीटा था (आर्काइव्ड लिंक).

ये कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा लाभ और रिटायरमेंट की आयु में वृद्धि सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और द क्विंट के मूल वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और द क्विंट के मूल वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

प्रदर्शनकारियों की पिटाई का वीडियो 25 सितंबर, 2019 को एक श्रमिक अधिकारों से संबंधित मीडिया आउटलेट वर्कर्स यूनिटी पर भी प्रकाशित किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

स्थानीय न्यूज़ वेबसाइट्स द्वारा विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें, जो वीडियो फ़ुटेज से मेल खाती हैं, यहां और यहां प्रकाशित की गई हैं (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).

एएफ़पी ने उस सड़क को भी जियोलोकेट किया है जहां यह घटना हुई थी. वीडियो में दिखाई देने वाली दीवार पर बनी पेंटिंग गूगल स्ट्रीट व्यू पर रांची की एक सड़क की तस्वीरों से मेल खाती है (आर्काइव्ड लिंक).

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और गूगल स्ट्रीट व्यू इमेजरी (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है, जिसमें एएफ़पी ने संबंधित विशेषताएं हाइलाइट की हैं.

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