फ़्रांस में स्टंट ट्रेनिंग स्कूल का 'स्क्रिप्टेड फ़ाइट' वीडियो गलत दावे से हमास संग जोड़ कर शेयर किया गया

अक्टूबर 7 को हमास के लड़ाकों द्वारा इज़रायल पर किये गए घातक हमले के बाद से ही सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं की बाढ़ सी आ गई है. उदाहरण के तौर पर, एक वीडियो को सोशल मीडिया पोस्ट्स में इस गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि फ़्रांस में कुछ इज़रायली लड़कियों ने हमास समर्थक मुस्लिमों द्वारा छेड़खानी का विरोध करते हुए उनकी पिटाई कर दी. हालांकि वास्तव में यह वीडियो स्क्रिप्टेड है और एक फ़िल्म स्टंट ट्रेनिंग स्कूल द्वारा फ़िल्माया गया है.

वीडियो को फ़ेसबुक पर यहां 15 नवंबर को शेयर किया गया है.

पोस्ट का कैप्शन है, “फ्रांस में एक अंडरपास से गुजरते वक्त हमास समर्थकों ने 3 इजरायली लड़कियों पर फब्ती कसते हुए उन्हें छेड़ने की कोशिश की. और नतीजा आपके सामने है….मुझे तो चिंता अपने देश की बेटियों का है जो रील बनाने में मस्त हैं। मलेछों से ऐसी मुठभेड़ में उनका क्या होगा..”

लगभग 27-सेकंड के वीडियो में लड़कों के एक ग्रुप को एक अंडरपास में तीन महिलाओं को परेशान करते हुए देखा जा सकता है जिसके बाद महिलाएं वहां से निकलने से पहले उनकी जमकर पिटाई करती नज़र आती हैं.

वीडियो के ऊपर लिखे टेक्स्ट में एक टेलीग्राम चैनल और एक व्हाट्सएप नंबर दिख रहा है. एएफ़पी को टेलीग्राम पर ऐसा कोई चैनल या व्हाट्सएप पर ऐसा कोई नंबर नहीं मिला.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 20 नवंबर 2023

इज़रायली अधिकारियों के अनुसार हमास के लड़ाकों ने 7 अक्टूबर को उसकी सीमा पार करके हमला किया, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें ज़्यादातर आम नागरिक थे.

गाज़ा की हमास सरकार के अनुसार, जवाब में, इज़राइल ने हमास को नष्ट करने के लिए एक सैन्य अभियान चलाया, जिसमें लगभग 15,000 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर आम नागरिक और बच्चे थे.

इज़रायल-हमास युद्ध के उग्र होने के कारण फ़्रांस में रह रही यहूदी और मुस्लिमों की एक बड़ी आबादी के बीच तनाव बढ़ गया है.

आंतरिक मामलों के मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने 14 नवंबर को कहा कि युद्ध शुरू होने के बाद से देश में 1,500 से अधिक यहूदी-विरोधी कृत्य और टिप्पणियाँ दर्ज की गई हैं. यह 2022 की तुलना में इस तरह के मामलों में तीन गुना से अधिक की वृद्धि थी.

उन्होंने कहा कि मुस्लिम विरोधी घटनाएं भी हुई हैं, "लेकिन जैसा हम देख रहें हैं, वे यहूदी-विरोधी घटनाओं के पैमाने में बहुत कम हैं."

वीडियो को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X, पूर्व में ट्विटर, पर यहां शेयर किया गया है.

हालांकि, जिस संस्था ने मूल रूप से इसे ऑनलाइन अपलोड किया है, उसके अनुसार यह क्लिप वास्तव में स्टंट स्कूल के छात्रों को सड़क पर एक स्क्रिप्टेड लड़ाई लड़ते दिखाती है.

स्क्रिप्टेड वीडियो

वीडियो के 0:07 मार्क पर एक लड़के की जैकेट कै पीछे "CUC" अक्षरों वाला एक लोगो देखा जा सकता है.

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वीडियो के एक फ़्रेम में एक व्यक्ति “CUC” लोगो की जैकेट पहने हुए दिखाई देता है जिसे AFP द्वारा हाईलाइट किया गया है

गूगल पर कीवर्ड सर्च से पता चला कि यह लोगो कैंपस यूनिवर्सिटी कैस्केड्स (CUC) का है, जो एक फ़्रांसीसी पेशेवर स्टंट ट्रेनिंग सेंटर है और फ़िल्मों के लिए स्टंट तकनीक सिखाता है (आर्काइव्ड लिंक).

CUC के निदेशक लुकास डॉलफ़स ने 22 नवंबर को एएफ़पी को बताया कि यह वीडियो स्टेजड है.

उन्होंने कहा, "यह 'स्ट्रीट फ़ाइट' की थीम पर एक प्रशिक्षण अभ्यास के लिये हमारे स्टंट छात्रों के साथ बनाया गया एक वीडियो है. इस वीडियो को गलत दावें के साथ शेयर किया जा रहा है."

यही वीडियो - वॉटरमार्क या व्हाट्सएप नंबर के बिना - 2 नवंबर, 2023 को CUC के वेरिफ़ाइड इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपलोड किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

पोस्ट के कैप्शन में "सिनेमा" और "कोरियोग्राफी" सहित कई हैशटैग शामिल हैं.

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और CUC द्वारा इंस्टाग्राम पर अपलोड किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट तुलना दी गई है.

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और CUC द्वारा इंस्टाग्राम पर अपलोड किए गए वीडियो (दाएं) की स्क्रीनशॉट की तुलना

उसी इंस्टाग्राम अकाउंट पर इसी तरह के अन्य स्क्रिप्टेड फ़ाइट वीडियोस भी अपलोड किये गए हैं .

रॉयटर्स ने 2021 में फ़्रेंच स्टंट स्कूल की महिला छात्रों के उपर एक स्टोरी की थी, जिसमें कहा गया कि फ़िल्म उद्योग में महिला सुपरहीरो की बढ़ती मांग के साथ इस सेंटर में महिला नामांकन में वृद्धि हुई है (आर्काइव्ड लिंक).

एएफ़पी ने इज़रायल-हमास युद्ध से संबंधित गलत सूचनाओं से जुड़े अन्य फ़ैक्ट-चेक यहां प्रकाशित किये हैं.

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