हमास-इज़रायल युद्ध से जोड़कर शेयर की जा रही गधों की इन तस्वीरों का सच क्या है

गाज़ा में जारी युद्ध ने कई भाषाओं में फ़र्ज़ी सूचनाओं की एक लहर पैदा कर दी है और सोशल मीडिया कई ऐसी ग्राफ़िक और संदर्भ से अलग तस्वीरों और दावों से भरा पड़ा है जिन्हें इस युद्ध से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. एक हालिया उदाहरण में एक पोस्ट के साथ दो तस्वीरों का एक कोलाज शेयर करते हुए दावा किया गया है कि फ़िलिस्तीनियों ने एक गधे के ऊपर इज़रायली झंडा पेंट कर उसे ज़िंदा जला दिया है. हालांकि कोलाज में शेयर की गयी दोनों तस्वीरें वास्तव में अलग-अलग वक़्त पर, 7 अक्टूबर को हमास लड़ाकों द्वारा इज़रायल पर हमले से काफ़ी पहले, ली गई थीं. ज्ञात हो कि इस हमले के जवाब में इज़रायल ने गाज़ा पर हमला कर भारी नुकसान किया है.
चेतावनी: आर्टिकल में विचलित कर देने वाली तस्वीरें हैं.

कोलॉज को फ़ेसबुक पर यहां 16 नवंबर 2023 को शेयर किया गया है.

पोस्ट का कैप्शन है, “ये है फलस्तीन के सीधे साधे अमनपसंद मुसलमान इन्होंने एक गधे पर इजराइल का झंडा लगाकर उसे इसराइल बनाया और फिर उस गधे के ऊपर पेट्रोल छिड़क कर जिंदा जला दिया. ये दरिंदे जिंदगी में कभी इंसान बन ही नहीं सकते. इस्लाम किस हद तक इंसान को जोंबी बना देता है इसे हर कोई समझ भी नहीं सकता.”

पोस्ट में शेयर किये गये दो तस्वीरों वाले कोलॉज में से एक में गधे के ऊपर इज़रायली झंडा पेंट किया गया है और दूसरी में एक गधे को जलते हुए दिखाया गया है.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 23 नवंबर 2023

इज़रायली अधिकारियों के अनुसार, हमास के लड़ाके 7 अक्टूबर को गाज़ा की सीमा पार कर इज़रायल में घुस गए और एक हिंसक हमले में 1,200 लोगों की हत्या कर दी, जिनमें ज़्यादातर आम नागरिक थे. हमास के लड़ाकों ने लगभग 240 लोगों का अपहरण भी कर लिया.

जवाब में इज़रायल ने हमास को जड़ से खत्म करने की नियत से गाज़ा में हवाई और ज़मीनी सैन्य अभियान शुरू किया, जिसके बारे में हमास सरकार का कहना है कि इसमें 15,000 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें ज़्यादातर आम नागरिक ही शामिल थे.

गाज़ा शहर में हवाई हमले और तोपखाने में आग लगने की सूचना मिलने के साथ इज़रायली सेना ने 1 दिसंबर को कहा कि उसने गाज़ा में लड़ाई फिर से शुरू कर दी है क्योंकि सात दिन का संघर्ष विराम समाप्त हो गया है. इसे आगे जारी रखने का समझौता नहीं हुआ है.

तस्वीरों के कोलॉज को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X पर यहां शेयर किया गया है.

पोस्ट पर यूज़र्स के कमेंट्स से प्रतीत होता है कि वे इस दावे पर यकीन कर रहे हैं.

एक यूज़र ने लिखा, "इज़रायल ने इन दरिंदों की वजह से ही गाज़ा के लोगों को दंडित किया है."

एक अन्य ने लिखा, "हमास के ये आतंकवादी जानवरों को भी नहीं बख्श रहे हैं और भारत में भी कुछ गद्दार इन आतंकवादियों का समर्थन करते हैं."

हालांकि कोलॉज की दोनों ही तस्वीरों को अलग अलग साल में खींचा गया है.

भ्रामक दावा

वह तस्वीर जिसमें गधे के ऊपर इज़रायली झंडे को पेंट किया गया है, एएफ़पी फ़ोटोग्राफ़र जाफ़र अस्त्येह द्वारा क्लिक की गई थी और 23 सितंबर, 2011 को एएफ़पी फ़ोरम वेबसाइट पर प्रकाशित की गई थी.

इसका कैप्शन है: "फ़िलिस्तीनियों ने 23 सितंबर, 2011 को वेस्ट बैंक के केफ़र कदुम गांव में राज्यत्व की मान्यता के लिए संयुक्त राष्ट्र में फ़िलिस्तीनी दावे का समर्थन करने के लिए एक प्रदर्शन के दौरान इज़रायली झंडे को एक गधे के ऊपर पेंट किया.”

एएफ़पी फ़ोरम वेबसाइट पर प्रकाशित कोलाज में पहली तस्वीर का स्क्रीनशॉट नीचे दिया गया है.

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एएफ़पी द्वारा प्रकाशित तस्वीर का स्क्रीनशॉट

एएफ़पी ने उस समय रिपोर्ट किया था कि फ़िलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास की संयुक्त राष्ट्र में फ़िलिस्तीन को एक पूर्ण सदस्य राज्य के रूप में स्वीकार करने की ऐतिहासिक प्रस्तावना का जश्न मनाने के लिए फ़िलिस्तीनियों की एक भीड़ वेस्ट बैंक के प्रमुख शहरों में एकत्र हुई थी.

जलते हुए गधे की तस्वीर लगभग तीन साल बाद इटैलियन समाचार एजेंसी नूरफोटो के एक फ़ोटोग्राफ़र ने ली थी. एएफ़पी ने 6 अगस्त 2014 को एएफ़पी फ़ोरम वेबसाइट पर इस फ़ोटो को प्रकाशित किया था.

फ़ोटो के कैप्शन में लिखा है, "फ़िलिस्तीनियों ने गधे को जला दिया, जो 6 अगस्त 2014 को दक्षिणी गाज़ा पट्टी के राफ़ा में इज़रायली हवाई हमले में मारा गया था, जबकि इज़रायली और फ़िलिस्तीनी प्रतिनिधिमंडल 72 घंटे के संघर्षविराम को बढ़ाने की कोशिश करने के लिए काहिरा में एक निर्णायक वार्ता के लिए तैयार थे.”

"संघर्ष विराम, जो 5 अगस्त को लागू हुआ, से एक महीने की लड़ाई के बाद दोनों पक्षों को राहत मिली है, जिसमें 1,875 फ़िलिस्तीनी और इज़रायली पक्ष के 67 लोग मारे गए थे."

एएफ़पी ने उस समय रिपोर्ट किया था कि 72 घंटे के संघर्ष विराम को बढ़ाने के सारे प्रयास विफ़ल रहें. 26 अगस्त 2014 को एक खुला युद्धविराम लागू हुआ, जिससे 2,143 फिलिस्तीनियों और 70 इज़रायलियों के मारे जाने के बाद लगभग पचास दिनों से चला आ रहा संघर्ष रुका था.

नीचे कोलाज में दूसरी तस्वीर का स्क्रीनशॉट है जैसा कि एएफ़पी फ़ोरम वेबसाइट पर प्रकाशित है.

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एएफ़पी द्वारा प्रकीशित तस्वीर का स्क्रीनशॉट

नीचे भ्रामक कोलाज (बाएं) और एएफ़पी द्वारा प्रकाशित तस्वीरों (दाएं) की तुलना है.

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अमेरिकी फ़ोटो एजेंसी गेटी इमेजेस ने इसी तरह दो अलग-अलग रिपोर्टों में ये तस्वीरें प्रकाशित की हैं.

इसने सितंबर 2011 में इज़रायली झंडे से रंगे गधे की तस्वीर और अगस्त 2014 में जलते हुए गधे की दूसरी तस्वीर भी प्रकाशित की है (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).

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