ग्रामीण इलाके में घूमते भालुओं के झुंड का वीडियो अयोध्या नहीं शहडोल से है
- प्रकाशित 22 जनवरी 2024, 13h08
- 3 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
अयोध्या में बने राम मंदिर से जोड़कर सोशल मीडिया पोस्ट्स पर एक वीडियो हज़ारों बार इस गलत दावे से शेयर किया गया है कि जामवंत के प्रतिनिधि के तौर पर भालुओं का एक झुंड हाल ही में मंदिर नगरी में देखा गया है. हालांकि वीडियो मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िले का है. स्थानीय वन अधिकारी ने एएफ़पी को बताया कि भालुओं को पकड़ कर पुन: रिज़र्व वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया था.
वीडियो को फ़ेसबुक पर यहां 10 जनवरी 2024 को शेयर किया गया है.
लगभग 18-सेकेंड के इस वीडियो को 12,000 से अधिक बार देखा गया है. वीडियो में एक भालू और उसके 4 शावकों को एक ग्रामीण क्षेत्र में भागते हुए देखा जा सकता है.
पोस्ट का कैप्शन है, "जटायु के बाद जामवंत की सेना पहुंच रहे है अयोध्या धाम, अयोध्या जी के आसपास गांव में पहली बार भालूओ का झुंड देखा गया."
पोस्ट को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X पर यहां शेयर किया गया है.
हालांकि हाल फ़िलहाल में अयोध्या में भालुओं के झुण्ड देखे जाने की कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं है.
कई न्यूज़ रिपोर्ट्स में इसी वीडियो को शहडोल, मध्य प्रदेश का बताकर प्रकाशित किया गया है.
शहडोल का वीडियो
गूगल पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें वही वीडियो समाचार वेबसाइट नवभारत टाइम्स पर 5 जनवरी, 2024 को प्रकाशित किया हुआ मिला (आर्काइव्ड लिंक).
रिपोर्ट की हेडलाइन है, "MP News: 4 शावकों को साथ मॉर्निंग वॉक करने निकली मादा भालू, सुबह-सुबह बियर फैमली को देख ग्रामीणों की अटकी सांसे."
रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िले के बनसुकली गांव में भालुओं के एक समूह को भागते हुए देखकर गांव के लोग अचंभित रह गए.
रिपोर्ट के मुताबिक चूंकि शहडोल एक राष्ट्रीय उद्यान और बाघ अभयारण्य के करीब स्थित है, इसलिए रिहायशी इलाकों में जंगली जानवरों का दिखना आम बात है.
नीचे गलत दावे की पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और नवभारत टाइम्स के वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.
वीडियो का एक बेहतर फ़ुटेज एक स्थानीय आउटलेट मध्य भारत टाइम्स के यूट्यूब चैनल पर 4 जनवरी, 2024 को प्रकाशित किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).
अन्य मीडिया आउटलेट्स ने भी शहडोल ज़िले में भालुओं के देखे जाने के बारे में अपनी रिपोर्ट्स में यही वीडियो यहां, यहां और यहां प्रकाशित किया है (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां और यहां).
शहडोल के ज़िला वन अधिकारी गौरव चौधरी ने एएफ़पी को बताया कि सोशल मीडिया पोस्ट में वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है.
"दरअसल यह अमरूद का मौसम है और इस समय भालू अक्सर भोजन की तलाश में गांव के इलाकों में आते हैं. भालुओं ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया और वन विभाग की टीम ने उन्हें वापस रिज़र्व क्षेत्र में भेज दिया है," चौधरी ने 15 जनवरी को एएफ़पी से बताया.
एएफ़पी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बारे में गलत सूचनाओं का यहां, यहां और यहां फ़ैक्ट-चेक किया है.