देहरादून में घंटाघर की सजावट का वीडियो कश्मीर बताकर शेयर किया गया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की खबरों के बीच ही सोशल मीडिया पोस्ट्स पर एक वीडियो को गलत दावे से शेयर कर कहा जा रहा है कि ये भारत प्रशासित कश्मीर के मशहूर लाल चौक घंटाघर के ऊपर भगवान राम की तस्वीर को दिखाता है. हालांकि वीडियो उत्तराखंड का है. न्यूज़ रिपोर्ट्स के अनुसार राम मंदिर उद्घाटन के अवसर पर देहरादून के घंटाघर सहित पूरे शहर को सजाया गया था.

वीडियो को फ़ेसबुक पर यहां 18 जनवरी 2024 को शेयर किया गया है.

पोस्ट का कैप्शन है, "श्रीनगर के जिस लाल चौक पर जहाँ कभी तिरंगा भी नहीं फहराता था, आज वहाँ हमारे पूज्य भगवान श्री राम जी विराज रहे हैं, ये है मोदी का जलवा धारा 370 हटा कर कश्मीर में रामराज्य आया है नरेंद्र मोदी लाया है. जय श्री सीताराम."

वीडियो में एक चौराहे पर बने टावर में भगवान राम की एक डिजिटल तस्वीर प्रोजेक्टर के ज़रिये प्रदर्शित की गई दिख रही है.

Image
गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 23 जनवरी 2024

वीडियो को समान दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X पर यहां शेयर किया गया है.

अयोध्या में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राम मंदिर के उद्घाटन के ठीक पहले ये वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जाने लगा.

हालांकि दावा गलत है. वीडियो को कश्मीर में नहीं बल्कि उत्तराखंड के देहरादून में फ़िल्माया गया है.

देहरादून का घंटाघर

 

गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर वही क्लिप 19 जनवरी को न्यूज़ आउटलेट पंजाब केसरी के आधिकारिक फ़ेसबुक पेज पर शेयर की गई मिली (आर्काइव्ड लिंक).

पोस्ट का कैप्शन है: "भक्तिमय हुआ देहरादून, घंटाघर पर लगाई गई भगवान राम की तस्वीर."

नीचे गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और पंजाब केसरी के फ़ेसबुक पेज पर अपलोड की गई क्लिप (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.

Image
गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और पंजाब केसरी के फ़ेसबुक पेज पर अपलोड की गई क्लिप (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

क्लॉक टॉवर पर भगवान राम को दिखाने वाली एक ऐसी ही तस्वीर अमर उजाला की एक रिपोर्ट में भी प्रकाशित की गई है (आर्काइव्ड लिंक).

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह तस्वीर देहरादून में 19 जनवरी को अयोध्या स्थित राम मंदिर के उद्घाटन का जश्न मनाने के लिए एक लाइट शो के दौरान प्रदर्शित की गई थी. पूरे शहर में सजावट भी की गई थी और उद्घाटन के दिन एक जुलूस निकालने की योजना भी थी.

अन्य मीडिया आउटलेट्स ने भी क्लॉक टॉवर पर लाइट शो दिखाते हुए समान वीडियो यहां, यहां और यहां शेयर किए (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां और यहां).

गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो में दिखाया गया क्लॉक टावर देहरादून के क्लॉक टावर की गूगल स्ट्रीट व्यू इमेजरी से मेल खाता है (आर्काइव्ड लिंक).

हालांकि श्रीनगर के लाल चौक में बना घंटाघर, गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो में दिखाए गए घंटाघर से काफ़ी अलग है (आर्काइव्ड लिंक).

नीचे देहरादून में बने क्लॉक टावर (बाएं) और लाल चौक में बने क्लॉक टावर (दाएं) के गूगल  स्ट्रीट व्यू इमेजरी के स्क्रीनशॉट की तुलना है.

Image
देहरादून में बने क्लॉक टावर (बाएं) और लाल चौक में बने क्लॉक टावर (दाएं) के गूगल  स्ट्रीट व्यू इमेजरी के स्क्रीनशॉट की तुलना

कश्मीर स्थित एएफ़पी के एक पत्रकार ने बताया कि लाल चौक क्लॉक टॉवर पर ऐसे किसी लाइट शो की व्यवस्था नहीं की गई थी.

एएफ़पी ने पहले भी कश्मीर से जुड़ी गलत सूचनाओं का यहां और यहां फ़ैक्ट-चेक किया है.

Image

क्या कोई कंटेंट/न्यूज़/वीडियो या तस्वीर है जो आप चाहते हैं की AFP फ़ैक्ट चेक करे?

हमसे संपर्क करें