( AFP / Kirill KUDRYAVTSEV)

मध्य प्रदेश में पारिवारिक विवाद में लड़की की पिटाई का वीडियो गलत दावे से शेयर किया गया

देश के कई हिस्सों से अक्सर दलित समुदाय के लोगों के साथ जातीय हिंसा की खबरें आती रही हैं मगर सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे एक ग्राफ़िक वीडियो के साथ किया गया दावा कि यह उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व समर्थकों द्वारा एक दलित लड़की को प्रताड़ित करते दिखाता है, गलत है. 2021 में कई समाचार रिपोर्टों में कहा गया था कि यह क्लिप मध्य प्रदेश में फ़िल्माई गई है, और स्थानीय पुलिस ने एएफ़पी को बताया कि इस घटना में एक ही परिवार के लोग शामिल थे.
चेतावनी: हिंसक दृश्य

वीडियो को फ़ेसबुक पर 1 फरवरी 2024 को शेयर किया गया था. 

पोस्ट का कैप्शन है, "यूपी की नदी में दलित लड़की ने किया स्नान, नदी की पवित्रता खराब करने पर हिंदुत्व के गुंडों ने किया लड़की पर अत्याचार."

लगभग 43-सेकेंड की वीडियो क्लिप में कुछ लोग एक नदी किनारे एक लड़की को बेरहमी से पीटते नज़र आ रहे हैं. वीडियो में कई लोग आस-पास खड़े होकर इस दृश्य को देखते दिखाई दे रहे हैं.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 2 फ़रवरी 2024

वीडियो को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक और X पर कई बार शेयर किया गया है.

हालांकि ये दावा गलत है. न्यूज़ रिपोर्ट्स ने 2021 में रिपोर्ट किया था कि वीडियो मध्य प्रदेश का है और पारिवारिक विवाद को दिखाता है.

पारिवारिक विवाद

वीडियो के कीफ़्रेम्स को कुछ कीवर्ड्स के साथ गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर वही वीडियो 4 जुलाई, 2021 को समाचार चैनल एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में प्रकाशित किया हुआ मिला (आर्काइव्ड लिंक).

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घटना मध्य प्रदेश में हुई थी.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि दो महिलाओं, जिनमें से एक को वीडियो क्लिप में देखा जा सकता है, को "उनके परिवार के सदस्यों द्वारा सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित किया गया था."

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं को उनके परिवार के सदस्यों द्वारा "सिर्फ़ अपने चचेरे भाइयों से फ़ोन पर बात करने के लिए" पीटा गया था (आर्काइव्ड लिंक).

अन्य समाचार आउटलेट्स ने भी यहां और यहां इस घटना पर रिपोर्ट प्रकाशित किये हैं (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यह वीडियो मध्य प्रदेश के धार ज़िले के पिपलवा गांव में फ़िल्माया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

नीचे गलत दावे की पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और एनडीटीवी द्वारा प्रकाशित वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना ही गई है.

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गलत दावे की पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और एनडीटीवी द्वारा प्रकाशित वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

धार ज़िले के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने वीडियो को जातीय हिंसा से जोड़कर शेयर किये जा रहे दावों का खंडन किया है.

सिंह ने एएफ़पी को बताया, "घटना में एक ही परिवार के लोग शामिल थे. लड़की की मां और भाई के साथ सभी आरोपियों को पुलिस ने उसी समय गिरफ़्तार कर लिया था."

उन्होंने कहा, "यह मामला अभी भी अदालत में लंबित है और सभी आरोपी अंतरिम जमानत पर बाहर हैं."

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