रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर हाईटेंशन तार गिरने से घायल टीटीई का वीडियो गलत दावे से शेयर किया गया
- प्रकाशित 21 फरवरी 2024, 13h29
- 3 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत, AFP कीन्या
वीडियो को X पर यहां 14 फ़रवरी 2024 को शेयर किया गया है.
पोस्ट का कैप्शन है, "मोबाइल के ईयर फोन में नेट एक्टिवेट होते ही ट्रेन में लगे हाईटेंशन केबल से करंट कान के रास्ते दिमाग तक पहुंच गया और उसके बाद क्या हुआ ? आप स्वयं देखिये. रेलवे प्लेटफॉर्म पर ईयरफोन,ब्लूटूथ का इस्तेमाल करने से हमेशा बचें और यात्रा करते समय प्लेटफॉर्म पर"ट्रेन ट्रैक के करीब"न खड़े हो."
21-सेकेंड के सीसीटीवी फ़ुटेज में दो व्यक्तियों को रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर बात करते देखा जा सकता है. इनमे से एक व्यक्ति अचानक रेलवे ट्रैक पर गिर जाता है.
वीडियो को इसी दावे से फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X पर यहां शेयर किया है.
जबकि दावा गलत है. व्यक्ति हाईटेंशन तार की चपेट में आने से गिर गया था.
हाईटेंशन तार से लगा बिजली का झटका
वीडियो के कीफ़्रेम्स को कुछ कीवर्ड्स के साथ गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर यह कई मीडिया रिपोर्ट्स में प्रकाशित मिला जिनके अनुसार यह हादसा 7 दिसंबर 2022 को पश्चिम बंगाल के खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर हुआ था.
वीडियो को मीडिया रिपोर्ट्स में यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है जिनमें घायल व्यक्ति की पहचान टीटीई सुजन सिंह सरदार के रूप में की गई है (आर्काइव्ड लिंक्स यहां, यहां और यहां).
रिपोर्ट्स के अनुसार सरदार अपने एक सहकर्मी के साथ प्लेटफ़ॉर्म पर खड़े होकर बात कर रहें थे तभी अचानक बिजली का एक तार टूटकर उन पर गिर गया जिससे वो गंभीर रूप से झुलस गये - जो सीसीटीवी फ़ुटेज में भी कैद हो गया था.
स्थानीय मीडिया ने रेलवे स्टेशन के हवाले से कहा कि: "ऐसा हो सकता है कि ये दुर्घटना पक्षियों के कारण हुई हो क्योंकि वे अक्सर छोटे तार गिरा देते हैं."
जर्मनी स्थित इंटरनेशनल कमीशन ऑन नॉन-आयोनाइज़िंग रेडिएशन प्रोटेक्शन (ICNIRP) के अध्यक्ष रॉडनी क्रॉफ़्ट ने ब्लूटूथ ईयरफ़ोन की वजह से बिजली के करंट के दावे को "गलत" कहकर खारिज कर दिया.
उन्होंने एएफ़पी को बताया कि ब्लूटूथ और इलेक्ट्रिक करंट दो अलग-अलग आवृत्तियों पर काम करते हैं जो एक दूसरे से मिल नहीं सकते.
"ब्लूटूथ एक वायरलेस तकनीक का उपयोग करके संचालित होता है, जो हवा के माध्यम से चलने वाले 'रेडियोफ्रीक्वेंसी' विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों (आरऍफ़ ईएमऍफ़) के माध्यम से संचार करता है. ये आरऍफ़ ईएमऍफ़ घर और ट्रेनों को बिजली देने के लिए उपयोग की जाने वाली कम-आवृत्ति की इलेक्ट्रिक लाइनों से बहुत अलग आवृत्ति के हैं, और ये आरऍफ़ ईएमऍफ़ कम-आवृत्ति की तारों की करंट बदलने में सक्षम नहीं हैं,' उन्होंने कहा.
उन्होंने आगे कहा, "इसलिये, यह कहना कि ब्लूटूथ डिवाइस की वजह किसी व्यक्ति को करंट लग सकती है, सही नहीं है. और उच्च वोल्टेज तारों या ट्रेनों के पास उनका उपयोग करना खतरनाक नहीं है."