ट्रैक्टर स्टंट का वीडियो हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर किया गया
- प्रकाशित 20 फरवरी 2024, 19h15
- 3 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
वीडियो को फ़ेसबुक पर यहां 12 फ़रवरी 2024 को शेयर किया गया है.
पोस्ट का कैप्शन है, "भाजपा सरकार ने किसानों को रोकने के लिए सीमाओं को कीलों और बैरिकेड्स से सील कर दिया है. लेकिन किसानों ने शासन की जड़ें हिलाने का रास्ता खोज लिया है #FarmersProtest."
वीडियो, जिसे 600 से अधिक बार देखा गया है, एक ट्रैक्टर को नदी पार करते दिखाता है.
पंजाब से दिल्ली की ओर कूच कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों को आधे रास्ते में ही कंक्रीट की एक किलेनुमा दीवार बनाकर पुलिस द्वारा रोक दिया गया. पुलिस ने सड़कों पर कीलों, ब्लॉकों और स्टील बैरिकेड्स लगाकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया है साथ ही भीड़ पर वाटर कैनन और ऊपर से ड्रोन के ज़रिये आंसू गैस का भी प्रयोग किया है.
किसानों के अनुसार उन्होंने अपना "दिल्ली चलो" अभियान 2020 के आंदोलन को खत्म करते समय सरकार द्वारा किये गये वादों को पूरा ना करने पर किया है.
वीडियो को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X पर यहां शेयर किया गया है.
त्यौहार का जश्न
पंजाबी भाषा के कैप्शन के साथ शेयर की गई एक गलत दावे की पोस्ट में कुछ यूज़र्स ने कमेंट किया कि वीडियो पुराना है जिसे आनन्दपुर साहिब में फ़िल्माया गया है.
कमेंट में लिखा है, "हां यह वीडियो पुराना है और ये आनन्दपुर साहिब का है."
गूगल पर अंग्रेज़ी में "आनंदपुर साहिब" और "ट्रैक्टर" कीवर्ड्स के साथ वीडियो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर 28 अप्रैल, 2022 को तलजिंदर सिंह चीमा नामक एक यूज़र द्वारा यूट्यूब पर पोस्ट किया गया वीडियो मिला (आर्काइव्ड लिंक).
वीडियो की हेडलाइन है: "आनंदपुर साहिब भाखड़ा बांध फ़ार्मट्रैक 60 EPI बड़ी ट्रॉली."
भाखड़ा बांध 1963 में सतलुज नदी पर बनाया गया था. इस बांध से पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कृषि क्षेत्रों में कई छोटी नहरें निकलती हैं, जबकि फ़ार्मट्रैक 60 ईपीआई एक प्रकार का ट्रैक्टर है.
चीमा के यूट्यूब चैनल पर भी यहां और यहां इसी ट्रैक्टर-ट्रॉली के कई वीडियो देखे जा सकते हैं.
नीचे गलत दावे की पोस्ट (बाएं) और चीमा के यूट्यूब वीडियो (दाएं) में शेयर की गई क्लिप के स्क्रीनशॉट की तुलना है.
एएफ़पी से बात करते हुए चीमा ने खुद को पंजाब का एक किसान बताया. उन्होंने कहा कि वीडियो में दिख रही ट्रैक्टर-ट्रॉली वह खुद चला रहे थे.
उन्होंने कहा, 'यह वीडियो 2022 में आनंदपुर साहिब में होला मोहल्ला त्योहार के जश्न के दौरान लिया गया था. हालांकि मैं किसान आंदोलन का समर्थक हूं, लेकिन इस वीडियो का हाल के किसानों के विरोध से कोई लेना-देना नहीं है."