2017 के किसान मार्च का वीडियो हालिया विरोध प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया गया
- प्रकाशित 12 मार्च 2024, 12h54
- 4 मिनट
- द्वारा Sachin BAGHEL, एफप भारत
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर 21 फ़रवरी 2024 को शेयर किये गए पोस्ट का कैप्शन है, "किसान आंदोलन ‘दिल्ली कूच’ को राजस्थान में ज़बरदस्त समर्थन मिल रहा हैं..किसान आंदोलन के समर्थन में राजस्थान की राजधानी जयपुर में उमड़ा किसान मज़दूरों का जनसैलाब... अभी तक किसी मिडिया ने किसानों के इस जनसैलाब को नहीं दिखाया है."
2-मिनट 20-सेकेंड के इस वीडियो में लोगों को हाथों में तख्तियां लेकर नारे लगाते हुए देखा व सुना जा सकता है.
पंजाब की कुछ किसान यूनियनों द्वारा फसलों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के हिसाब से तय करने की मांग को लेकर दिल्ली चलो का नारा देने के बाद से ही ये वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जाने लगा.
किसानों को रोकने लिये सरकार ने हाइवे पर कंक्रीट ब्लॉक और कंटीले तारों के माध्यम से मज़बूत किलेबंदी की है, जिसके बाद भी झड़प में कथित तौर पर पुलिस की गोली लगने से एक युवा किसान की मौत की खबर है (आर्काइव्ड लिंक).
वीडियो को फ़ेसबुक पर यहां , यहां और यहां और एक्स पर यहां व यहां लगभग समान दावों के साथ शेयर किया गया है.
2017 की रैली का वीडियो
वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर 30 जून, 2017 को यूट्यूब पर पोस्ट किया गया समान फ़ुटेज मिला (आर्काइव्ड लिंक).
वीडियो की हेडलाइन के अनुसार राजस्थान के पूर्व राज्य मंत्री और कांग्रेस नेता बाबूलाल नागर के नेतृत्व में जयपुर के कलेक्टरेट सर्कल में एक रैली निकाली गई थी.
एएफ़पी ने पाया कि यह वीडियो सवाई जय सिंह राजमार्ग पर फ़िल्माया गया था -- जो कि कलक्ट्रेट सर्कल से थोड़ी दूरी पर है.
वीडियो में दिख रहे प्रदर्शनस्थल को गूगल स्ट्रीट व्यू में भी देखा जा सकता है.
नीचे गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट के वीडियो (बायें) और गूगल स्ट्रीट व्यू इमेजरी (दायें) के स्क्रीनशॉट के बीच तुलना है, जिसमें मारुति सुज़ुकी के साइनबोर्ड (पीले रंग में), सफ़ेद गेट पोस्ट (लाल रंग में) और प्लेटिनम शुभरतन अपार्टमेंट ब्लॉक (हरे रंग में) जैसी समानताएं एएफ़पी द्वारा हाईलाइट की गई हैं.
फ़ेसबुक पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर नागर के फ़ेसबुक पेज पर 1 जुलाई, 2017 को पोस्ट किए गए इसी वीडियो का लंबा संस्करण मिला (आर्काइव्ड लिंक).
पोस्ट का कैप्शन है, "29-06-17 को इस सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ हजारों किसानों ने मेरे साथ राजधानी जयपुर की सड़कों पर मार्च किया."
उन्होंने आगे कहा कि किसान अन्य चीज़ों के साथ कर्ज़ माफ़ी, सरकारी अनुदान और डेबिट कार्ड योजना के कार्यान्वयन की मांग कर रहें थे.
नागर ने एएफ़पी से पुष्टि की कि यह वीडियो जून 2017 में उनके नेतृत्व में किये गये एक विरोध प्रदर्शन का है. इसका वर्तमान में चल रहे किसानों के प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है.
सितंबर 2017 में राजस्थान की सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों की कई मांगों को स्वीकार किया था, जिसमें कर्ज़ माफ़ी और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग भी शामिल थी (आर्काइव्ड लिंक).
इस बीच, फ़रवरी 2024 में किसान नेता रामपाल जाट ने चेतावनी दी कि यदि सरकार कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की उनकी मांगों को मानने में विफ़ल रही तो राजस्थान के किसान दिल्ली मार्च में शामिल होंगे (आर्काइव्ड लिंक).