बरनाला ट्रैक्टर मंडी का वीडियो गलत दावे से किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर किया गया

सोशल मीडिया पोस्ट में एक वीडियो को सैकड़ों बार इस गलत दावे से शेयर किया गया है कि यह विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिये किसानों को पैसे लेते हुए और दाम तय ना हो पाने पर लड़ते हुए दिखाता है. जबकि वीडियो विरोध प्रदर्शन शुरू होने से पहले का है और बरनाला की ट्रैक्टर मंडी में ट्रैक्टर के दाम तय करने के दौरान एक बिचौलिए और विक्रेता की बहस दिखाता है. वीडियो रिकॉर्ड करने वाले व्यक्ति ने एएफ़पी को बताया कि इसका हालिया किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है.

पंजाब की कुछ किसान यूनियनों द्वारा फसलों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के हिसाब से तय करने की मांग को लेकर दिल्ली चलो का नारा देने के बाद से ही ये वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जाने लगा. 

किसानों को रोकने लिये सरकार ने हाइवे पर कंक्रीट ब्लॉक और कंटीले तारों के माध्यम से मज़बूत किलेबंदी की है, जिसके बाद भी झड़प में कथित तौर पर पुलिस की गोली लगने से एक युवा किसान की मौत की खबर है.

वीडियो को X पर यहां 22 फ़रवरी 2024 को शेयर किया गया है जिसमें दो लोगों को आपस में बहस करते देखा जा सकता है जब लाल पगड़ी पहने व्यक्ति अचानक दूसरे व्यक्ति को धक्का देने लगता है. व्यक्ति के हाथ में नोटों की गड्डी भी दिख रही है.

पोस्ट का कैप्शन है, "यह वीडियो इन दलालों की पोल खोल रही है. एक महीने तक बॉर्डर पर बैठने का रेट पर बहस हो रही है सामने वाला व्यक्ति ₹40000 बोल रहा है लेकिन जो दलाल पैसे दे रहा है वह कह रहा है यार एक महीने का 35000 ठीक है तेरी खेती बाड़ी तो वहां मजदूर कर ही रहे हैं तेरे को बस यहां बैठता है खाना मिलेगा दारू मिलेगी तो 35000 ले ले."

"यह इनकी असली सच्चाई है इसे ज्यादा से ज्यादा रिपोस्ट  करें ताकि देश को पता चले कि यह कितने नीच लोग हैं.. इनका मकसद किसान  नहीं बल्कि मोदी की लोकप्रियता कम करना है और यह उसे बता भी चुके हैं."

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गलत दावे से शेयर की जा रही पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 1 मार्च 2024

वीडियो को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X पर यहां शेयर किया गया है.

हालांकि दावा गलत है. वीडियो हालिया किसान आंदोलन के शुरू होने से पहले का है और इसका किसानों के प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है.

बरनाला ट्रैक्टर मंडी का वीडियो 

वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल लेंस पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर 7 फ़रवरी 2024 को यहां शेयर की गई इस क्लिप का एक पुराना पोस्ट मिला (आर्काइव्ड लिंक).

इंस्टाग्राम पोस्ट के पंजाबी भाषा के कैप्शन का अनुवाद है, "बिचौलिए ट्रैक्टर मंडी में बहुत खराब काम कर रहे हैं, देखो किस तरह सौदे के लिये मजबूर किया जा रहा है."

इसके बाद एएफ़पी को जट्ट ज़िमिदार व्लॉग नामक एक चैनल पर 17 जनवरी, 2024 को पोस्ट किए गए इस वीडियो का एक स्पष्ट और ओरिजनल वर्ज़न मिला (आर्काइव्ड लिंक).

पोस्ट का पंजाबी भाषा का कैप्शन है, "देखें ट्रैक्टर डील कैसे चल रही है #trendingreels."

चैनल का लोगो वीडियो के निचले बायें कोने में देखा जा सकता है.

नीचे एएफ़पी द्वारा लाल रंग में हाइलाइट किए गए लोगो के साथ गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और इंस्टाग्राम वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.

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एएफ़पी द्वारा लाल रंग में हाइलाइट किए गए लोगो के साथ गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और इंस्टाग्राम वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

व्लॉग चैनल के निर्माता हरदीप सिंह ने 26 फ़रवरी को एएफ़पी को बताया कि उन्होंने पंजाब के बरनाला ट्रैक्टर मंडी में स्वयं इस वीडियो को फ़िल्माया था.

उन्होंने कहा, "बिचौलियों और ट्रैक्टर विक्रेताओं के बीच इस तरह की नोकझोंक बाज़ार में आम बात है."

सिंह ने कहा, "यहां ट्रैक्टर की कीमत तय करने के लिए इस प्रकार का सौदा किया जाता है. वीडियो में केवल एक बिचौलिया और ट्रैक्टर विक्रेता दिखाई दे रहे हैं -- इसका हाल के किसानों के विरोध प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है."

सिंह ने 16 जनवरी, 2024 को अपने व्लॉग के फ़ेसबुक पेज पर वीडियो का एक लंबा संस्करण भी पोस्ट किया है (आर्काइव्ड लिंक).

पंजाब के बरनाला शहर में ट्रैक्टरों की एक बड़ी मंडी लगती है.  

बरनाला ट्रैक्टर मंडी के अन्य वीडियो यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां और यहां)

सिंह ने एक गलत दावे की एक पोस्ट के रिप्लाई में X पर भी दावे का खंडन किया, और कहा कि वीडियो किसानों के विरोध प्रदर्शन से "संबंधित नहीं" था (आर्काइव्ड लिंक).

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