ट्रैक्टर से बंधे प्रधानमंत्री मोदी के पुतले की वीडियो क्लिप भारत में नहीं अमेरिका में शूट की गई है

अमेरिका में फ़िल्माया गया एक वीडियो, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला एक ट्रैक्टर से बंधा हुआ है, सोशल मीडिया पोस्ट में भारत में चल रहे किसानों के हालिया विरोध प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. हालांकि असल फ़ुटेज को एडिट कर 2020 में हुए एक अन्य प्रदर्शन का ऑडियो डाला गया है.

वीडियो को फ़ेसबुक पर यहां 20 फ़रवरी को शेयर किया गया है.

पोस्ट का कैप्शन है, "देश के PMOIndia narendramodi की हत्या की धमकी लगातार दी जा रही है। #FarmersProtest2024 से वीडियो दिखे कि, इस बार पंजाब से बचकर नहीं जाएगा। इस तरह से देश के प्रधानमंत्री को मारने की बात करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होना, बहुत गलत है। यह वीडियो देखिए। समझ नहीं आता कि, इनके मन में मोदी के लिए नफरत क्यों है?"

इस दावे को भारत में चल रहे किसानों के हालिया विरोध प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है और साथ ही 2022 की एक घटना का भी ज़िक्र किया गया है जब किसानों ने कथित तौर पर पंजाब में मोदी के काफ़िले को 20 मिनट रोके रखा था (आर्काइव्ड लिंक).

9 सेकंड की क्लिप में मोदी का एक पुतला दिखाया गया है जिसके गले में जूते लटके हुए हैं और उसे एक ट्रैक्टर से बांधा गया है.

वीडियो के बैकग्राउंड में चल रहे ऑडियो में एक व्यक्ति किसी से पूछता है, "इतनी ठण्ड में क्यों जा रहे हो?" इसके उत्तर में एक अन्य व्यक्ति पंजाबी भाषा में कहता है, "क्या हो गया कि उसने हमारी रोटी छीन ली. जमीनें भी छीन लेगा. हम मोदी को मुक्कों से पीटेंगे."

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गलत दावे से शेयर की जा रही पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 20 फ़रवरी 2024

15 फ़रवरी, 2024 को हज़ारों किसानों ने "दिल्ली चलो" मार्च का एलान किया. इससे पहले 2021 में पंजाब के कुछ किसान यूनियनों ने सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था.  

2024 में होने वाले प्रदर्शन में किसान फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग कर रहे हैं.

वीडियो को इसी दावे के साथ X पर यहां और फ़ेसबुक पर यहां शेयर किया गया है.

पुराना ऑडियो

यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च से हमें 26 नवंबर, 2020 को न्यूज़ आउटलेट एनडीटीवी के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो में 2020 के विरोध प्रदर्शनों की रिपोर्ट्स का एक संग्रह दिखाया गया है जब दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिए जाने पर किसान सुरक्षा कर्मियों से भिड़ गए थे.

वीडियो की हेडलाइन है, "Ambala-Patiala बॉर्डर पर किसानों को रोकती पुलिस."

वीडियो के तीन मिनट, 33 सेकंड टाइम स्टाम्प पर एक रिपोर्टर को एक किसान से बात करते हुए देखा जा सकता है. बातचीत के इसी ऑडियो को गलत दावे से शेयर किए गए पोस्ट में सुना जा सकता है.

अमेरिका का वीडियो

गलत दावे से शेयर किए गए पोस्ट के वीडियो में छः सेकंड के मार्क पर एक रेस्टोरेंट का साइनबोर्ड दिखाई देता है.

गूगल पर इस साइनबोर्ड की तस्वीर को कुछ कीवर्ड्स के साथ रिवर्स इमेज सर्च करने पर ट्रैवल साइट ट्रिपएडवाइज़र पर एक भारतीय रेस्टोरेंट का लोकेशन मिला जो कि अमेरिका के ओरेगॉन राज्य में स्थित ऑरोरा शहर में है (आर्काइव्ड लिंक).

गलत दावे के साथ शेयर किये गए पोस्ट में  दिखाई देने वाले सुराग -- जिसमें रेस्टोरेंट के साइनबोर्ड पर ऑर्डर देने के लिए एक टेलीफ़ोन नंबर और उसके बगल में एक अन्य रेस्टोरेंट का चाय के कप का लोगो है -- ट्रिपएडवाइज़र पर पाए गए स्थान की गूगल स्ट्रीट व्यू इमेज से मेल खाता है (आर्काइव्ड लिंक).

नीचे गलत दावे से फ़ेसबुक पर शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और रेस्टोरेंट की गूगल स्ट्रीट व्यू इमेज (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.

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गलत दावे से फ़ेसबुक पर शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और रेस्टोरेंट की गूगल स्ट्रीट व्यू इमेज (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

हालांकि एएफ़पी इस वीडियो के मूल सोर्स का पता लगाने में असफ़ल रहा.

एफ़पी ने पहले यहां और यहां 2024 में किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित गलत सूचनाओं को  फ़ैक्ट-चेक किया है.

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