ट्रैक्टर के पहिये के नीचे दबे व्यक्ति का वीडियो किसानों के हालिया प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया गया
- प्रकाशित 26 फरवरी 2024, 13h34
- 5 मिनट
- द्वारा Asma HAFIZ, एफप भारत
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वीडियो को यहां 13 फ़रवरी 2024 को फ़ेसबुक पर शेयर किया गया है.
पोस्ट का कैप्शन है, "किसानों के नाम पर सिर्फ खालिस्तान के समर्थक आतंक मचा रहे हैं, पुलिस वालों को ट्रैक्टर से कुचला जा रहा, ये सब किसानों के रूप में खालिस्तानी हैं. आप सभी शांति बनाए रखें."
28 सेकंड के वीडियो में सिखों की एक भीड़ को झंडों के साथ सड़क पर देखा जा सकता है. वो एक के पीछे एक आ रहे तेज़ रफ़्तार ट्रैक्टर से बचने की कोशिश करते दिख रहे हैं.
पीछे से आ रहे एक ट्रैक्टर के नीचे एक आदमी फंसा हुआ दिखाई देता है जबकि भीड़ वाहन को रुकने के लिए चिल्ला रही है.
वीडियो ऐसे समय पर शेयर किया जा रहा है जब पंजाब से राजधानी नई दिल्ली की ओर जा रहे प्रदर्शनकारी किसानों को पुलिस बलों ने कंक्रीट की किलेनुमा दीवार बनाकर आधे रास्ते में ही रोक दिया है.
एएफ़पी रिपोर्ट्स के मुताबिक अधिकारियों ने कीलों, ब्लॉक्स और स्टील बैरिकेड्स से राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया है तथा प्रदर्शनरत किसानों पर वाटर कैनन और टियर गैस का प्रयोग किया जा रहा है.
हालिया प्रदर्शन 2021 के किसान आंदोलन के बाद नए सिरे से शुरू हुए हैं. पुराने आंदोलन की वजह से केंद्र सरकार को अपने तीन कृषि क़ानून वापस लेने पड़े थे.
वीडियो इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, और X पर यहां शेयर किया गया है.
हालांकि यह वीडियो किसानों के हालिया विरोध प्रदर्शन से नहीं है. जिस पत्रकार ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था उन्होंने एएफ़पी को बताया की यह घटना 2023 में संगरूर ज़िले में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान की है.
पुराना वीडियो
गूगल पर "गगनदीप सिंह" -- वॉटरमार्क जो गलत दावे के वीडियो में देखा जा सकता है -- कीवर्ड सर्च करने पर 21 अगस्त, 2023 को X पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला. गगनदीप सिंह एक स्थानीय पत्रकार हैं (आर्काइव्ड लिंक).
वीडियो का कैप्शन है: "संगरूर के गांव लोंगोवाल में किसानों और पंजाब पुलिस के बीच तब झड़प हुई जब वे एक विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए चंडीगढ़ की ओर जा रहे थे."
"झड़प के दौरान ट्रैक्टर ट्रॉली के टायर के नीचे आने से एक किसान का पैर कट गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई," कैप्शन में आगे लिखा है.
पंजाब के संगरूर ज़िले में किसानों ने जुलाई 2023 में राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवज़े की मांग को लेकर प्रदर्शन से पहले हिरासत में लिए गए किसान नेताओं की रिहाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था (आर्काइव्ड लिंक).
सिंह ने एएफ़पी को बताया कि उन्हें यह क्लिप एक स्ट्रिंगर से मिली है जो उस समय विरोध प्रदर्शन को कवर करने गए थे.
"यह 21 अगस्त, 2023 का एक पुराना वीडियो है. किसान विरोध प्रदर्शन के लिए चंडीगढ़ आ रहे थे जब पंजाब पुलिस ने उन्हें रोका. इसका अभी के विरोध प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है. हमारे एक स्ट्रिंगर ने इसे हमारे लोकल चैनल, जो कि मोहाली में है, के लिए शूट किया था," सिंह ने एएफ़पी को बताया.
नीचे गलत दावे की पोस्ट में शेयर किये गए वीडियो (बाएं) और सिंह के X अकाउंट पर शेयर किये गए क्लिप (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.
संगरूर के एक पुलिस अधिकारी ने एएफ़पी को बताया कि गलत पोस्ट का वीडियो किसानों के हालिया प्रदर्शन से नहीं है.
संगरूर पुलिस स्टेशन के एडिशनल सब-इंस्पेक्टर हरदीप सिंह ने 12 फ़रवरी को एएफ़पी को बताया, "यह घटना पिछले साल हुए संगरूर विरोध प्रदर्शन की है और इसका किसानों द्वारा किए गए मार्च से कोई लेना-देना नहीं है."
गलत दावे के वीडियो में देखे जाने वाले दृश्य एक लोकल न्यूज़ आउटलेट द ट्रिब्यून के यूट्यूब चैनल की 21अगस्त, 2023 की वीडियो में भी देखे जा सकते हैं (आर्काइव्ड लिंक).
वीडियो की हेडलाइन है: "संगरूर विरोध प्रदर्शन में किसान की मौत, पुलिस का कहना है कि लापरवाही से चलाए गए ट्रैक्टर-ट्रॉली ने उसे कुचल दिया."
नीचे गलत दावे की पोस्ट में शेयर किये गए वीडियो (बाएं) और द ट्रिब्यून के वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट्स की तुलना है.
इस घटना की रिपोर्ट यहां और यहां अन्य लोकल समाचार आउटलेट्स में छापी गयी गई थी जिसमें बताया गया कि संगरूर विरोध प्रदर्शन के दौरान ट्रैक्टर से कुचले जाने के बाद एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी (आर्काइव्ड लिंक्स यहां और यहां ).