मेरठ में पुलिसकर्मी संग हाथापाई का पुराना वीडियो पश्चिम बंगाल से जोड़कर शेयर किया गया
- प्रकाशित 28 फरवरी 2024, 13h33
- 3 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
वीडियो को फ़ेसबुक पर 22 फ़रवरी को यहां शेयर किया गया है.
पोस्ट का कैप्शन है, "बंगाल के विधायक मंसूर मोहम्मद दिमिर को देखें. जब पुलिस का वर्दी आन ड्यूटी ये हाल है तो बंगाली जनता का क्या हाल होगा... इस वीडियो को शेयर करें ताकि पूरे भारत में देखा जा सके."
लगभग 29 सेकेंड की क्लिप में सफ़ेद शर्ट पहने एक व्यक्ति एक पुलिसकर्मी को बुरी तरह पीटते नज़र आ रहा है. वीडियो में एक महिला पुलिसकर्मी को बचाती हुई भी दिख रही है. इस वीडियो को 1000 से अधिक बार देखा गया है.
वीडियो को ऐसे समय पर शेयर किया जा रहा है जब पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में एक टीएमसी नेता पर कथित यौन उत्पीड़न और ज़मीन हथियाने के आरोपों के बीच उसकी गिरफ़्तारी की मांग को लेकर महिलाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं (आर्काइव्ड लिंक).
वीडियो को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां और X पर यहां शेयर किया गया है.
हालांकि एएफ़पी को “मंसूर मोहम्मद दिमिर” नामक कोई विधायक पश्चिम बंगाल या अन्य किसी भी विधानसभा में नहीं मिला है.
वास्तव में ये वीडियो पुराना है और इसका बंगाल की हालिया घटना से कोई संबंध नहीं है. दरअसल यह 2018 में उत्तर प्रदेश में एक भाजपा नेता को दिखाता है.
भाजपा पार्षद का वीडियो
वीडियो क्लिप के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 20 अक्टूबर, 2018 को हिंदुस्तान टाइम्स अखबार की एक न्यूज़ रिपोर्ट में प्रकाशित वीडियो का लंबा संस्करण मिला (आर्काइव्ड लिंक).
रिपोर्ट की हेडलाइन है, "वीडियो में भाजपा नेता द्वारा मेरठ के रेस्तरां में पुलिस अधिकारी की पिटाई करते हुए दिखाया गया है, जिन्हें बाद में गिरफ़्तार कर लिया गया."
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा, "उनके रेस्तरां में ऑर्डर लाने में देरी होने को लेकर हुई बहस बाद में हिंसक हो गई." रिपोर्ट में कहा गया है कि वह रेस्तरां भाजपा नगर पार्षद मनीष पंवार द्वारा चलाया जाता था और फ़ुटेज में वह दरोगा को बार-बार थप्पड़ मारते हुए दिखाई दे रहा है.
जांच के दौरान पंवार को गिरफ़्तार कर लिया गया और पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था.
5 नवंबर, 2018 को समाचार आउटलेट अमर उजाला द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार पंवार ने 13 दिन जेल में बिताए और उन्हें बाद में ज़मानत पर रिहा कर दिया गया (आर्काइव्ड लिंक).
टाइम्स ऑफ़ इंडिया अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसाार 2021 में पंवार संदेहास्पद परिस्थिति में अपनी कार में मृत पाए गए थे (आर्कइव्ड लिंक).
नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा प्रकाशित वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.
इस घटना की फ़ुटेज को अन्य स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में भी यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां और यहां).
हमें 26 फ़रवरी, 2024 तक पश्चिम बंगाल में विधायकों द्वारा पुलिस अधिकारियों को पीटने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.