
मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि देते अखिलेश और डिंपल यादव की तस्वीर गलत दावे से शेयर की गई
- यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
- प्रकाशित 15 मार्च 2024, 13h59
- 4 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
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तस्वीर को फ़ेसबुक पर यहां 5 मार्च 2024 को शेयर किया गया है.
पोस्ट का कैप्शन है, "एनकाउंटर में ढेर हुए अतीक अहमद और अशरफ की कब्र पर उनके बेटे - बहू अखिलेश और डिंपल यादव, हिंदुओं में जयचंदो की कमी नहीं है."
अप्रैल 2023 में बंदूकधारियों ने पूर्व राजनेता अतीक़ अहमद और उनके भाई अशरफ़ की लाइव टीवी पर गोली मारकर तब हत्या कर दी थी जब पुलिस उन्हें हथकड़ी में अस्पताल ले जा रही थी.
अपहरण के दोषी और हत्या के आरोपी समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक़ पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे, जब उन्हें और अशरफ़ को करीब से गोली मार दी गई थी. दोनों भाई देश के आपराधिक अंडरवर्ल्ड में काफ़ी गहरी पैठ रखते थे.
तस्वीर में सपा नेता अखिलेश यादव और उनकी पत्नी और पार्टी से सांसद डिंपल यादव एक समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते दिख रहे हैं.

तस्वीर को इसी दावे से सोशल मीडिया पोस्ट्स में यहां, यहां और यहां शेयर किया गया है.
मुलायम सिंह यादव की समाधि
तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें अहमद बंधुओं की मौत से कुछ महीने पहले अखिलेश यादव के X अकाउंट पर 14 नवंबर, 2022 को पोस्ट की गई वही तस्वीर मिली (आर्काइव्ड लिंक).
पोस्ट का कैप्शन है, 'मैनपुरी उपचुनाव में सपा के प्रत्याशी के रूप में दरअसल नेताजी की समाजवादी आस्थाओं का ही नामांकन हो रहा है. जिस प्रकार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों के लोगों और जनमानस ने सैफई आकर नेताजी को श्रद्धांजलि दी है, उसका सच्चा परिणाम ये होगा कि सपा प्रत्याशी की ऐतिहासिक जीत होगी.'
"नेता जी" अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव का लोकप्रिय उपनाम था जिनकी अक्टूबर 2022 में 82 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी (आर्काइव्ड लिंक).
नीचे गलत दावे की पोस्ट में शेयर की गई तस्वीर (बाएं) और अखिलेश यादव द्वारा एक्स पर पोस्ट की गई तस्वीर (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.

अखिलेश यादव की पोस्ट में शेयर की गई तस्वीरों में से एक में दिवंगत राजनेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की एक फ़्रेम की हुई तस्वीर भी दिखाई दे रही है.
मैनपुरी उपचुनाव में सपा के प्रत्याशी के रूप में दरअसल नेताजी की समाजवादी आस्थाओं का ही नामांकन हो रहा है। जिस प्रकार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों के लोगों और जनमानस ने सैफई आकर नेताजी को श्रद्धांजलि दी है, उसका सच्चा परिणाम ये होगा कि सपा प्रत्याशी की ऐतिहासिक जीत होगी। pic.twitter.com/25Q4FFKSe4
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 14, 2022
मुलायम सिंह यादव की मृत्यु के बाद उनकी बहू डिंपल यादव ने उत्तर प्रदेश के मैनपुरी शहर से उनकी सीट पर सफ़लतापूर्वक उपचुनाव लड़ा था (आर्काइव्ड लिंक).
डिंपल यादव ने भी वही तस्वीर 14 नवंबर, 2022 को पोस्ट की थी जिसके अनुसार वह और उनके पति मुलायम से उपचुनाव से पहले मुलायम सिंह की समाधि पर श्रद्धांजलि देने गए थे (आर्काइव्ड लिंक).
पोस्ट का कैप्शन है, "नेताजी को सम्मानजनक श्रद्धांजलि के साथ, हम आज का नामांकन उनके सिद्धांतों और मूल्यों को समर्पित कर रहे हैं. नेताजी का आशीर्वाद हमेशा हम सभी के साथ रहा है, रहेगा."
इस बीच, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज सिंह काका ने भी एएफ़पी से इन दावों का खंडन किया है कि तस्वीर अहमद बंधुओं की कब्र से संबंधित थी.
उन्होंने 8 मार्च, 2024 को एएफ़पी को बताया, "तस्वीर को गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है. अखिलेश यादव और डिंपल यादव मैनपुरी उपचुनाव से पहले आशीर्वाद लेने के लिए सैफ़ई में अपने पिता के समाधि स्थल पर गए थे."
अतीक़ और अशरफ़ अहमद को सैफई से लगभग 370 किलोमीटर (230 मील) दूर, प्रयागराज के एक कब्रिस्तान में दफ़नाया गया था, जबकि मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार सैफ़ई मे किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).
