तुर्की का वीडियो फ़र्ज़ी सांप्रदायिक दावे से केरल का बताकर शेयर किया गया

तुर्की में 2020 में फ़िल्माये गये एक वीडियो को भारत के 2024 चुनाव से ठीक पहले फ़र्ज़ी सांप्रदायिक कैप्शन से शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि इसमें केरल के एक डेयरी प्लांट में एक मुस्लिम व्यक्ति को हिन्दुओं को सप्लाई किये जाने वाले दूध को दूषित करते दिखाया गया है. हालांकि असल वीडियो तुर्की के एक डेयरी प्लांट में शूट किया गया था. तुर्की मीडिया ने बताया कि टब में नहा रहे व्यक्ति को क्लिप अपलोड करने वाले व्यक्ति के साथ गिरफ़्तार कर लिया गया था, लेकिन बाद में अदालत को बताया गया कि टब में दूध नहीं, बल्कि पानी और बचे हुए दूध का मिश्रण था, जिसके बाद उन्हें बरी कर दिया गया.

वीडियो को फ़ेसबुक पर 15 अप्रैल 2024 को यहां शेयर किया गया है. 

पोस्ट का कैप्शन है, "केरला में••••••• इस जेहादी कि हरकत देखिए। हिंदुओं को सप्लाई होने वाले दूध के टब में नहाना उस दूध में थूकना पेशाब करना और फिर उस दूध को हिंदुओं में बेच देना। पता करो मदर डेयरी अमूल इत्यादि इन सब कंपनियों में दूध की सप्लाई से संबंधित जिहादी कर्मचारी तो नहीं है अगर हां तो समझ लो इसी प्रकार का दूध आप सभी पी रहे हो। दूध पीने के बाद तबीयत खराब रहना पेट खराब रहना इस वजह से तो नहीं हो रहा."

वीडियो के उपर अंग्रेज़ी भाषा का टेक्स्ट है, "केरल में मुस्लिम व्यक्ति दूध में नहा रहा है. वह इसे हलाल करना चाहता है."

वीडियो में मलयालम भाषा में एक वॉयसओवर में यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि वीडियो में "एक कर्मचारी डेयरी प्लांट में दूध से भरे टैंक के अंदर नहा रहा है".

वॉयसओवर में आगे कहा गया है, "वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, नहा रहे व्यक्ति और रिकॉर्डिंग करने वाले दोनों को गिरफ़्तार कर लिया गया. परिणामस्वरूप, डेयरी इकाई को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया."

वीडियो में एक आदमी सफ़ेद तरल पदार्थ से भरे टब में बैठे दिखाई देता है.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट 15 अप्रैल, 2024

वीडियो को इसी दावे से फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X पर यहां शेयर किया गया है. 

हालांकि वीडियो तुर्की में  2020 में फ़िल्माया गया था और वहां की मीडिया ने बताया कि वीडियो अपलोड करने वाले व्यक्ति के साथ-साथ नहा रहे व्यक्ति को भी "जान बूझकर" दूध खराब करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन बाद में अदालत को बताया गया कि टब में जो तरल पदार्थ था वह दूध नहीं था.  इसके बाद उन्हें बरी कर दिया गया.

तुर्की का वीडियो 

गूगल पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें वही वीडियो तुर्की के एक समाचार चैनल हुर्रियत डेली न्यूज़ द्वारा 6 नवंबर, 2020 को प्रकाशित किया गया मिला (आर्काइव्ड लिंक).

अंग्रेज़ी भाषा के रिपोर्ट की हेडलाइन है: "कर्मचारी द्वारा दूध में नहाने के कारण डेयरी प्लांट बंद किया गया."

नीचे गलत दावे की पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और समाचार आउटलेट की वेबसाइट पर अपलोड किए गए फ़ुटेज (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.

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गलत दावे की पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और समाचार आउटलेट की वेबसाइट पर अपलोड किए गए फ़ुटेज (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

अन्य समाचार आउटलेट्स ने भी वीडियो पर यहां और यहां रिपोर्ट किया है और उसी दृश्य को दिखाने वाले स्क्रीनशॉट प्रकाशित किये. हालांकि किसी भी रिपोर्ट में उस व्यक्ति के धर्म का उल्लेख नहीं किया गया है (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).

हुर्रियत डेली न्यूज़ ने बताया कि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति - एम्रे सयार - को वीडियो के ऑनलाइन शेयर होने के बाद गिरफ़्तार कर लिया गया था. अपने टिकटॉक अकाउंट पर क्लिप अपलोड करने वाले उगुर तुरगुत को भी हिरासत में लिया गया था.

मीडिया आउटलेट ने डेयरी प्लांट के मालिक के हवाले से बताया कि टब में पानी और सफ़ाई सामग्री का मिश्रण भरा हुआ था, ना कि दूध.

तुर्की समाचार एजेंसी DHA ने कहा कि जब अदालत को बताया गया कि टब में पानी और बचे हुए दूध का मिश्रण था, न कि दूध तो उन लोगों को बरी कर दिया गया (आर्काइव्ड लिंक).

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने तुर्की राज्य को सयार को मुआवज़े के रूप में 1,150 लीरा (35 डॉलर) का भुगतान करने का आदेश भी दिया, क्योंकि सयार ने उसे गलत तरीके से हिरासत में लेने के लिए अधिकारियों पर मुकदमा दायर किया था (आर्काइव्ड लिंक).

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