गाय के शव के साथ केरल में प्रदर्शन कर रही भीड़ का वीडियो कर्नाटक में गौहत्या के दावे से शेयर किया गया

केरल के वायनाड में जंगली जानवर के हमले में मारी गयी गाय का एक वीडियो कर्नाटक में गौहत्या के गलत दावे से सोशल मीडिया पर सैकड़ों बार शेयर किया गया. वीडियो के साथ दावा किया गया है कि कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय द्वारा खुलेआम गौहत्या की जा रही है. हालांकि ये दावा गलत है. स्थानीय पुलिस ने एएफ़पी को बताया कि मामला कर्नाटक का नहीं बल्कि केरल के वायनाड का है जहां जंगली के हमले में एक गाय की मौत हो गयी थी. इसमें मुस्लिमों द्वारा गौहत्या जैसा कोई एंगल नहीं है.

सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक यूज़र ने 14 मई 2024 को वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय द्वारा खुलेआम गौहत्या."

वीडियो के ऊपर लिखा है: "जय श्री राम. कर्नाटक मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर खुलेआम गौहत्या कर रहे हैं."

भारत में, विशेषकर उत्तर भारत, गौहत्या लम्बे समय से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है. हिन्दू इसे अपनी धार्मिक आस्था से जोड़कर देखते हैं जिस कारण वह इसपर देशभर में प्रतिबन्ध की मांग करते रहे हैं. हालांकि, कुछ राज्यों में गौहत्या प्रतिबंधित है.   

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 17 मई 2024

इसी तरह के कैप्शन से वीडियो को अनेक यूज़र्स ने फ़ेसबुक पर यहां एवं सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर यहां शेयर किया है.

हालांकि इस वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है; वीडियो कर्नाटक से नहीं बल्कि केरल से है और इसमें गौहत्या और मुस्लिमों से सम्बंधित कोई एंगल नहीं है. 

जंगली जानवर द्वारा हत्या

एएफ़पी ने गलत दावे से वायरल वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो वायनाडव्यू  नामक एक इंस्ट्राग्राम पेज पर यही वीडियो 17 फ़रवरी 2024 को पोस्ट किया हुआ मिला (आर्काइव्ड लिंक).

नीचे गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट (बाएं) और इंस्टाग्राम पर मौजूद वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना की गई है.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट (बाएं) और इंस्टाग्राम पर मौजूद वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

इस पेज के एडमिन ने एएफ़पी को बताया, "यह वीडियो केरला के वायनाड ज़िले के पुलपल्ली का है. यह गौहत्या का मामला नहीं है."

उसने आगे बताया, "दरअसल तीन महीने पहले एक टाइगर ने एक मनुष्य की हत्या कर दी थी. उसके कुछ समय बाद ही एक अन्य जानवर ने गाय की भी हत्या कर दी. इसी के विरोध में स्थानीय लोगों ने प्रशासन के ख़िलाफ़ हड़ताल किया था और गुस्से में लोगों ने गाय के शव को वन विभाग के वाहन से बांध दिया था. ये वीडियो उसी हड़ताल का है."

इंस्ट्राग्राम पोस्ट में बताई गयी लोकेशन को ध्यान में रखते हुए एएफ़पी ने गलत दावे से शेयर की गई वीडियो में दिख रही इमारतों को जियो-लोकेट किया है (आर्काइव्ड लिंक). 

नीचे एएफ़पी द्वारा हाइलाइट की गई समानताओं के साथ गलत दावे से शेयर की जा रही वीडियो (बाएं) और इसी स्थान के गूगल स्ट्रीट व्यू के एक स्क्रीनशॉट (दाएं) के बीच तुलना की गई है.

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एएफ़पी द्वारा हाइलाइट की गई समानताओं के साथ गलत दावे से शेयर की जा रही वीडियो (बाएं) और इसी स्थान के गूगल स्ट्रीट व्यू के एक स्क्रीनशॉट (दाएं) के बीच तुलना

स्थानीय पुलिस विभाग के इंस्पेक्टर सुभाष ने 16 मई 2024 को एएफ़पी को बताया, "यह वीडियो वायनाड के पुलपल्ली में फ़रवरी में जंगली जानवरों द्वारा लगातार हमला करने के विरोध में स्थानीय लोगों द्वारा किये गए प्रदर्शन का है. इसमें मुस्लिमों द्वारा गौहत्या का कोई एंगल नहीं है."  

पुलिस अधिकारी ने आगे बताया, "दरअसल प्रदर्शन के दौरान, गुस्से में आकर कुछ प्रदर्शनकारियों ने वन विभाग की गाड़ी के बोनट पर जंगली जानवर द्वारा मारी गयी गाय को बांध दिया था."

हिंदुस्तान टाइम्स और फ़्री प्रेस जर्नल जैसे कई मीडिया संगठनों ने भी इस घटना  को कवर किया था (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).  

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