मोरक्को में फ़्रांस का झंडा जलाते हुए महिला का पुराना वीडियो गलत दावे से शेयर किया गया
- प्रकाशित 19 अगस्त 2024, 14h29
- 4 मिनट
- द्वारा Chayanit ITTHIPONGMAETEE, AFP थाईलैंड, एफप भारत
- अनुवाद और अनुकूलन Devesh MISHRA
वीडियो को फ़ेसबुक पर 19 जून 2024 को यहां शेयर किया गया था.
पोस्ट का कैप्शन है, "हरे टिड्डे है जिसके साथ रहेंगे उसी को खाएंगे. दुनिया में लोग जितना जल्दी समझेगी उतना अच्छा होगा. ये फ्रांस में रहनेवाली मुस्लिम घुसपैठिया है. फ्रांस में रहकर फ्रांस का झंडा जला रही है. फ्रांस वालों को सेक्युलर बनने का जनून था, और बनलो सेक्युलर."
लगभग 20-सेकेंड के वीडियो में एक महिला को फ़िलीस्तीनी समर्थक रैली में भाग लेते हुए दिखाया गया है, जो कागज़ से बने फ़्रांसीसी झंडे में आग लगा रही है.
वीडियो को इसी दावे से फ़ेसबुक पर यहां और X पर यहां शेयर किया गया है.
पोस्ट पर यूज़र्स के कमेंट्स से प्रतीत होता है कि वे इस दावे पर यकीन कर रहे हैं.
एक यूजर ने लिखा, "इन लोगों के खून में गद्दारी है जिस देश में रहते हैं उसे देश का खाते हैं और उस देश के साथ गद्दारी करते हैं."
एक अन्य ने लिखा, "गद्दारों को बाहर करो."
हालांकि यह क्लिप मोरक्को में 2023 में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन की है.
मोरक्को प्रदर्शन
वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर 25 अक्टूबर, 2023 को मोरक्को के समाचार आउटलेट तानजा न्यूज़ टीवी के यूट्यूब चैनल पर वही वीडियो प्रकाशित किया गया मिला (आर्काइव्ड लिंक).
वीडियो की अरबी भाषा की हेडलाइन है, "टैंजियर्स में फ़्रांस के वाणिज्य दूतावास के सामने फ़्रेंच झंडा जलाया."
नीचे गलत दावे की फेसबुक पोस्ट के वीडियो (बाएं) और तानजा न्यूज़ टीवी द्वारा पोस्ट किए गए यूट्यूब वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.
गलत दावे से शेयर की गई क्लिप, तानजा न्यूज़ टीवी फ़ुटेज के शुरुआती 21-सेकंड से मेल खाती है. तानजा न्यूज़ टीवी के वीडियो में भारी पुलिस बल के बीच लोगों के एक समूह को नारे लगाते और फ़िलिस्तीन का झंडा लहराते हुए दिखाया गया है.
आगे अरबी भाषा में कीवर्ड सर्च करने पर हमें मोरक्को के न्यूज़ आउटलेट अचकायेन पर भी इस प्रदर्शन से जुड़ी एक रिपोर्ट मिली (आर्काइव्ड लिंक).
रिपोर्ट के एक हिस्से में लिखा है, "कल शाम, मंगलवार, 24 अक्टूबर को, गाज़ा के साथ एकजुटता दिखाने वालों ने टैंजियर्स में फ़्रांसीसी वाणिज्य दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन में फ़्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रोन के खिलाफ़ ज़ोरदार नारे लगाए और उनकी तेल अवीव यात्रा की निंदा की."
आर्टिकल में यह भी कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने मैक्रोन की इज़राइल यात्रा की निंदा करते हुए फ़्रांस का झंडा भी जलाया (आर्काइव्ड लिंक).
इज़राइल के आधिकारिक आंकड़ों पर आधारित एएफ़पी टैली के अनुसार, 7 अक्टूबर को हुए हमलों के बाद फ़िलिस्तीनी उग्रवादी समूह हमास के खिलाफ़ इज़राइल द्वारा जवाबी कार्रवाई के समर्थन में आवाज़ उठाने वाले पश्चिमी नेताओं में मैक्रोन सबसे पहले नेता थे.
इस हमले में 1,195 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर आम नागरिक थे. इज़राइल के अनुसार, फ़िलिस्तीनी उग्रवादियों के इस हमले में 251 लोगों को बंधक भी बनाया गया था जिनमें से 116 अभी भी गाज़ा पट्टी में बंदी हैं और सेना का कहना है कि उनमें से 42 लोग मारे गए हैं.
गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इज़रायल के जवाबी हमले में कम से कम 37,658 लोग मारे गए हैं.
गूगल अर्थ इमेजरी में सर्च करने पर भी इस बात की पुष्टि होती है कि वीडियो टैंजियर्स में फ़्रांसीसी वाणिज्य दूतावास के सामने फ़िल्माया गया था.
नीचे तानजा न्यूज़ टीवी के यूट्यूब वीडियो (बाएं) और गूगल अर्थ इमेजरी (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है, जिसमें एएफ़पी द्वारा समानताएं हाइलाइट की गई हैं.
गलत दावे से शेयर की गई क्लिप के शुरुआती हिस्से में दिखाई देने वाला लोगो मोरक्को के पुलिस अधिकारियों द्वारा पहने जाने वाले लोगो से भी मेल खाता है.
कीवर्ड सर्च करने पर एएफ़पी द्वारा कैप्चर किए गए उसी लोगो की तस्वीरें यहां और यहां मिलीं.
नीचे गलत दावे से शेयर की गई क्लिप (बाएं) और एएफ़पी की एक तस्वीर (दाएं) में दिखाई देने वाले पुलिस के लोगो के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है, जिसमें एएफ़पी द्वारा लोगो को हाइलाइट किया गया है.