बांग्लादेश में रोस्टोरेंट में आग लगाये जाने का वीडियो गलत दावे से शेयर किया गया

बांग्लादेश में कई दिनों से चल रहे कोटा विरोधी आंदोलन के दौरान फैली अशांति में एक रेस्टोरेंट को आग के हवाले किये जाने का वीडियो सोशल मीडिया पोस्ट्स में सैकड़ों बार इस गलत दावे से शेयर किया गया कि ये इस्लामिक कट्टरपंथियों को एक मंदिर में आग लगाते दिखाता है. स्थानीय पुलिस ने एएफ़पी से पुष्टि की है कि बिल्डिंग एक रेस्टोरेंट थी और इसका मालिक पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की निवर्तमान अवामी लीग पार्टी का एक स्थानीय मुस्लिम नेता था.

वीडियो को फ़ेसबुक पर यहां 6 अगस्त 2024 को शेयर किया गया है. 

पोस्ट का कैप्शन है, "बांग्लादेश में हिंदू मंदिर में आग लगा दी गई है क्योंकि देश एक महीने से अधिक समय से हिंसक प्रदर्शनकारियों के कारण अराजकता में डूब गया है. प्रधानमंत्री शेख हसीना को कल उनके निवास पर हमले के बाद सैन्य हेलीकॉप्टर के माध्यम से देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा."

जुलाई महीने में बांग्लादेश में विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा सिविल सेवा नौकरी कोटे के खिलाफ़ रैलियों से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन जल्द ही घातक अशांति में बदल गया और तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफ़े की मांग की जाने लगी.

बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के कारण 5 अगस्त को शेख हसीना को इस्तीफ़ा देकर देश तक छोड़ना पड़ा. प्रधानमंत्री को हटाए जाने के एक दिन बाद मानवाधिकार समूहों और बांग्लादेश में डिप्लोमैट्स ने अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं, पर होने वाले हमलों की रिपोर्ट्स पर चिंता व्यक्त की.

एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने कहा कि कम से कम 10 हिंदू मंदिरों पर "शरारती तत्वों" द्वारा हमला किया गया है.

शेख हसीना के इस्तीफ़े के बाद कुछ हिंदू स्वामित्व वाली दुकानों और घरों पर भी हमला किया गया था.

बांग्लादेश में सुरक्षा स्थिति अब काफ़ी हद तक सुधर गई है, लेकिन हसीना के समर्थकों और उनकी पार्टी, अवामी लीग के अधिकारियों पर बदले की कार्रवाइयों की रिपोर्टें लगातार आ रही हैं.

वीडियो में आग की लपटों में घिरी एक बिल्डिंग दिखाई देती है.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 16 अगस्त 2024

वीडियो को इसी दाव से फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X पर यहां शेयर किया गया है.

एएफ़पी ने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की है कि वीडियो में दिख रहा भवन कोई हिंदू मंदिर नहीं था.

कलाईरोआ पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी मोहम्मद शाहीन ने 14 अगस्त को एएफ़पी को बताया, "यह उपजिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष, काज़ी असदुज़्ज़मान शहजादा के स्वामित्व वाला एक रेस्टोरेंट था."

रेस्टोरेंट का वीडियो

वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर एक बांग्लादेशी स्थानीय समाचार आउटलेट आजकेर पत्रिका में वीडियो का एक स्क्रीनशॉट 7 अगस्त, 2024 को प्रकाशित किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

बंगाली भाषा में हेडलाइन है, "अल्पसंख्यकों के घर-दुकान-मंदिरों पर विभिन्न स्थानों पर हमले, अफ़वाहें भी फैलाई जा रही हैं."

रिपोर्ट में कहा गया कि यह इमारत -- राज प्रासाद रेस्टोरेंट और रिज़ॉर्ट -- एक रेस्टोरेंट था जिसे दक्षिण-पश्चिमी बांग्लादेश के सतखिरा शहर में प्रदर्शनों के दौरान आग लगा दी गई थी. रिपोर्ट में बताया गया है कि यह रेस्टोरेंट स्थानीय अवामी लीग के नेता काज़ी असदुज़्ज़मान शहजादा के स्वामित्व में था.

आर्टिकल में 6 अगस्त, 2024 को एक फ़ेसबुक पेज पर लाइव-स्ट्रीम किए गए वीडियो का स्क्रीनशॉट भी शामिल था (आर्काइव्ड लिंक).

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बायें) और फ़ेसबुक पर लाइव-स्ट्रीम किए गए वीडियो (दायें) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बायें) और फ़ेसबुक पर लाइव-स्ट्रीम किए गए वीडियो (दायें) के स्क्रीनशॉट की तुलना

जैसे ही वीडियो को गलत दावों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जाने लगा, फ़ेसबुक पेज ने एक पोस्ट में यह स्पष्ट किया कि यह इमारत एक रेस्टोरेंट है, न कि मंदिर (आर्काइव्ड लिंक).

स्थानीय निवासी नदीम हुसैन ने भी एएफ़पी को बताया कि यह इमारत एक रेस्टोरेंट है और इसे मालिक के धर्म के कारण निशाना नहीं बनाया गया था.

नदीम ने एएफ़पी को बताया, "मेरे घर के सामने ही यह रेस्टोरेंट है जिसे गलत तरीके से हिंदू मंदिर के रूप में शेयर किया जा रहा है. इस रेस्टोरेंट का मालिक एक मुस्लिम व्यक्ति है और शेख हसीना की अवामी लीग का स्थानीय नेता है, इसी वजह से विरोध प्रदर्शन कर रही भीड़ ने इसे आग के हवाले कर दिया था. इसके पीछे कोई सांप्रदायिक कारण नहीं था." 

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