बांग्लादेश में छात्रों के विरोध प्रदर्शन का पुराना वीडियो गलत दावे से शेयर किया गया
- प्रकाशित 20 अगस्त 2024, 15h39
- 3 मिनट
- द्वारा Asma HAFIZ, एफप भारत
वीडियो को फ़ेसबुक पर 7 अगस्त 2024 को शेयर किया गया है.
पोस्ट का कैप्शन है, "हिंदु लड़की को इस तरह से बंदी बनाया जा रहा है. बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार किया जा रहा है बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए प्रार्थना करें और भारत सरकार चुप चाप देख रही है."
वीडियो में एक महिला दिखाई देती है जिसके हाथ-पैर बंधे हुए हैं और मुंह पर टेप चिपका हुआ है.
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पहले एक बार बांग्लादेश को सैन्य शासन से बचाने में मदद की थी, लेकिन 5 अगस्त को तब उनका शासन समाप्त हो गया जब एक लंबे विरोध प्रदर्शन के बाद प्रदर्शनकारियों ने ढाका में उनके निवास पर हमला बोल दिया.
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन जुलाई में सिविल सेवा नौकरी में आरक्षण के खिलाफ़ विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा बड़े पैमाने पर शुरु की गई रैलियों के साथ शुरू हुआ, लेकिन जल्द ही यह हिंसक विरोध प्रदर्शन में बदल गया और मांग की गई कि वह अपने पद से इस्तीफ़ा दें.
वीडियो को इसी दावे से फ़ेसबुक पर यहां और X पर यहां शेयर किया गया है.
हालांकि यह क्लिप ढाका में 24 मार्च को आयोजित जगन्नाथ विश्वविद्यालय में छात्रों के विरोध प्रदर्शन की है.
छात्रों के विरोध प्रदर्शन का वीडियो
गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 26 जुलाई, 2024 को JnU शार्ट स्टोरीज़ के फ़ेसबुक पेज पर पोस्ट किया गया यही वीडियो मिला (आर्काइव्ड लिंक).
वीडियो के बंगाली भाषा के कैप्शन के एक हिस्से में महिला की पहचान "जगन्नाथ विश्वविद्यालय 2021-22 वर्ष की एक छात्रा" के रूप में की गई और कहा गया कि वह एक प्रदर्शन में भाग ले रही थी.
वीडियो के 22 वें सेकंड पर बैकग्राउंड में एक बस दिख रही है जिस पर बंगाली भाषा में जगन्नाथ यूनिवर्सिटी लिखा है.
नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बायें) और फ़ेसबुक पर पोस्ट किए गए वीडियो (दायें) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.
मार्च 2024 में बांग्लादेशी मीडिया ने रिपोर्ट किया था कि जगन्नाथ विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपने साथी छात्रा अबांतिका के लिए न्याय की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया, जिसने परिसर में कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का सामना करने के बाद आत्महत्या कर लिया था (आर्काइव्ड लिंक).
लोकल न्यूज़ आउटलेट चैनल 24 ने भी विरोध के बारे में एक वीडियो पब्लिश किया जिसमें समान वीडियो को 1:22 के मार्क पर देखा जा सकता है (आर्काइव्ड लिंक).
लोकल अखबार बांग्लादेश बुलेटिन के लिए विरोध प्रदर्शन को कवर करने वाले रिपोर्टर मोहम्मद सोहाग रसिफ ने भी एएफ़पी से पुष्टि की कि क्लिप में अबांतिका के समर्थन में "एक स्ट्रीट थिएटर विरोध" का हिस्सा दिखाया गया है.
एएफ़पी ने बांग्लादेश अशांति से जुड़ी अन्य फ़र्जी सूचनाओं का फ़ैक्ट-चेक यहां किया है.