मुस्लिमों द्वारा इस्कॉन पुजारी की हत्या के दावे से शेयर की गई इस तस्वीर का बांग्लादेश से कोई सम्बन्ध नहीं

सोशल मीडिया पोस्ट्स पर एक पुरानी फ़ोटो इस गलत दावे के साथ शेयर हो रही है कि ये बांग्लादेश में हालिया अशांति के दौरान मुसलमानों द्वारा क़त्ल किये गए इस्कॉन के एक पुजारी की तस्वीर है. एएफ़पी ने पहले भी उसी तस्वीर के साथ शेयर किये गए गलत दावे को फ़ैक्ट चेक किया था और पुजारी की पहचान की थी. उनके धार्मिक संगठन ने भी पुष्टि की थी कि तस्वीर भारत में ली गयी थी. 

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने 7 अगस्त 2024 को यह तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर के स्वामी निताई दास जी स्वामी. इन्होंने ईद के दौरान 30 दिनों तक मंदिर में मुसलमानों के लिए इफ्तार रखा. उन्हीं मुसलमानों ने मंदिर में घुसकर मंदिर को जला दिया तथा स्वामी जी की हत्या कर दी."

तस्वीर में एक पुजारी को मुस्लिम समुदाय के लोगों को खाना परोसते हुए देखा जा सकता है.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट

बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के कारण 5 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफ़ा देकर देश तक छोड़ना पड़ा. प्रधानमंत्री को हटाए जाने के एक दिन बाद मानवाधिकार समूहों और बांग्लादेश में डिप्लोमैट्स ने अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं, पर होने वाले हमलों की रिपोर्ट्स पर चिंता व्यक्त की.

एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने कहा कि कम से कम 10 हिंदू मंदिरों पर "शरारती तत्वों" द्वारा हमला किया गया है. 

इस तस्वीर को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां और सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर यहां शेयर किया गया है.

हालांकि ये तस्वीर, जो कि 2016 से ऑनलाइन शेयर की जा रही है, बांग्लादेश में एक हिंदू पुजारी की हत्या को नहीं दिखाती है.

भारत की तस्वीर

2021 में बांग्लादेश में एक हिंदू धार्मिक त्यौहार के दौरान कुरान के अपमान पर भीषण हिंसा के बाद यह तस्वीर इसी दावे के साथ ऑनलाइन शेयर हुई थी, तब एएफ़पी ने इस तस्वीर को फ़ैक्ट चेक किया था.

तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 4 जुलाई 2016 को यूसीए न्यूज़ में प्रकाशित एक खबर मिली जिसमें इसी फ़ोटो को शेयर किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

ख़बर की हेडलाइन थी: "हिंदू समुदाय के लोगों ने मुस्लिमों के रोज़ा इफ्तार का इंतज़ाम किया."

इस खबर के मुताबिक़ कार्यक्रम का आयोजन कोलकाता के इस्कॉन मंदिर में किया गया था.

गलत दावे की पोस्ट की तस्वीर (बाएं) और यूसीए न्यूज़ की ख़बर में पब्लिश की गई तस्वीर (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना नीचे दी गई है.

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गलत दावे की पोस्ट की तस्वीर (बाएं) और यूसीए न्यूज़ की खबर में पब्लिश की गई तस्वीर (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

इस्कॉन के भारत में राष्ट्रीय प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंद दास ने एएफ़पी को नवंबर 2021 में बताया कि ये तस्वीर पश्चिम बंगाल में ली गई थी. 

दास ने तस्वीर में दिख रहे इस्कॉन के पुजारी की पहचान क्रोएशिया के इवान एन्टिक के रूप में की. उन्हें चैतन्य निताई दास के नाम से भी जाना जाता है.

एएफ़पी ने 2021 में इवान एन्टिक से भी संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शेयर की गयी तस्वीर दरअसल उन्हीं की है.

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