उत्तराखंड में बाढ़ का पुराना वीडियो हाल का बताकर शेयर किया गया

उफ़ान पर बहती एक नदी का पुराना वीडियो उत्तराखंड में बांध टूटने के हालिया गलत दावे से सोशल मीडिया पर सैकड़ों बार शेयर किया गया है. वीडियो के साथ कहा जा रहा है कि ऋषिगंगा और तपोवन डैम टूट गए हैं. हालांकि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. वीडियो फ़रवरी 2021 में उत्तराखंड के चमोली ज़िले में आयी बाढ़ का है. हालिया मॉनसून से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है. 

सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म X पर एक यूज़र ने 6 जुलाई 2024 को वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "सावधान, ऋषि गंगा और tapovan का NTPC का dam टूट गया है शाम तक पानी चमोली पर कर लेगा, अभी हरिद्वार और ऋषिकेश का प्रोग्राम न बनाएं."

कैप्शन में राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) द्वारा संचालित उत्तराखंड राज्य के चमोली ज़िले में ऋषिगंगा और तपोवन विष्णुगढ़ हाइड्रो पावर प्लांट का ज़िक्र किया गया है (आर्काइव्ड लिंक).

सोशल मीडिया पर सैकड़ों बार देखे गए इस वीडियो में एक पहाड़ी सड़क किनारे तीव्र गति से पानी बहता दिख रहा है. 

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 18 जुलाई 2024

समान दावे से वीडियो को फ़ेसबुक पर यहां और X पर यहां शेयर किया गया है.

मॉनसून की शुरुआत से ही उत्तराखंड में भयंकर बारिश की वजह से राज्य की अधिकांश नदियां उफ़ान पर हैं. कई जगह सड़कों को नुकसान पहुंचा है, भूस्खलन हुआ है और कई शहरों में पानी भर गया है. कई सारे ज़िलों को रेड अलर्ट पर रखा गया है (आर्काइव्ड लिंक). 

हालांकि, इस वीडियो का वर्तमान मॉनसून से कोई सम्बन्ध नहीं है. 

पुराना वीडियो

वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म X पर फ़रवरी 2021 के पोस्ट्स यहां और यहां मिले (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां देखें). 

एएफ़पी की तत्कालीन रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के कारण अचानक बाढ़ आयी. पानी और मलबे के तेज़ बहाव के चलते घाटी की नदियों में बाढ़ की स्थिति बन गयी, जिससे पुल और सड़कें टूट गयी और दो हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्लांट्स पानी में बह गए. 

नीचे गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और फ़रवरी 2021 में पोस्ट की गई क्लिप (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.

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गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और फ़रवरी 2021 में पोस्ट की गई क्लिप (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

अप्रैल 2022 में प्रकाशित राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक रिपोर्ट में कहा गया कि इस आपदा में 204 लोग मारे गए थे (आर्काइव्ड लिंक).

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट में आपदा का कारण चट्टान और बर्फ़ के खिसकने को बताया गया था, जो 10 जून, 2021 को साइंस जर्नल में प्रकाशित शोध के निष्कर्षों से मेल खाता है (आर्काइव्ड लिंक).

चमोली पुलिस और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी इस वीडियो को 2021 का बताते हुए इसके साथ किये जा रहे दावे का खंडन किया है (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).

चमोली के ज़िला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने 18 जुलाई, 2024 को एएफ़पी को बताया कि चमोली में फ़िलहाल कोई बांध क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है.  

उन्होंने आगे कहा, "यह वीडियो पुराना है और इसका वर्तमान मॉनसून से कोई लेना-देना नहीं है." 

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