डेनमार्क में मुस्लिम मतदाताओं के वोटिंग अधिकार छीने जाने का दावा गलत है
- प्रकाशित 7 अगस्त 2024, 14h12
- 2 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
टेक्स्ट ग्राफ़िक को फ़ेसबुक पर यहां 31 जुलाई 2024 को शेयर किया गया है.
पोस्ट का कैप्शन है, "एक झटके में सारे झंझट खत्म. ना रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी. मुस्लिमों को वोट देने का अधिकार खत्म."
ग्राफ़िक में टेक्स्ट है, "डेनमार्क में मुस्लिम समुदाय के वोट देने के अधिकार को खत्म करने वाला कानून पास किया गया, इसे कहते हैं सेकुलरिज्म की असली नसबंदी."
ग्राफ़िक को इसी दावे से फ़ेसबुक पर यहां और यहां शेयर किया गया है.
हालांकि यह दावा गलत है. एएफ़पी को कोई विश्वसनीय प्रमाण या न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिला जिससे यह साबित हो कि डेनमार्क ने ऐसा कोई कानून पारित किया है. वास्तव में 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी डेनिश नागरिक देश में मतदान करने के हकदार हैं.
डेनमार्क की संसदीय वेबसाइट के अनुसार "डेनमार्क, ग्रीनलैंड या फ़रोए आइलैंड्स के स्थायी निवासी जो डेनिश नागरिक हैं और कम से कम 18 वर्ष की आयु के हैं -- जो कि डेनमार्क में मतदान की वैध आयु है -- मतदान करने के हकदार हैं."
डेनमार्क के सामाजिक मामलों के मंत्रालय ने भी मतदान के इन नियमों को हाइलाइट किया है.
डेनमार्क के संसदीय चुनाव अधिनियम के चैप्टर 1 के आम चुनाव और जनमत संग्रह भाग 1 में मतदान की पात्रता के बारे में विस्तार से बताया गया है, इसमें कहीं भी यह उल्लेख नहीं किया गया है कि देश में मुसलमानों के मतदान के अधिकार को खत्म किया गया है.