( RENE SCHUTZE)

डेनमार्क में मुस्लिम मतदाताओं के वोटिंग अधिकार छीने जाने का दावा गलत है

कई फ़ेसबुक पोस्ट्स में एक टेक्स्ट ग्राफ़िक को शेयर करते हुए दावा किया गया है कि डेनमार्क ने एक नया कानून पारित किया है जिसके तहत देश के मुसलमानों के मतदान के अधिकार को खत्म कर दिया गया है. हालांकि यह दावा गलत है; डेनमार्क ने ऐसा कोई कानून पारित नहीं किया है और देश की संसदीय वेबसाइट पर स्पष्ट तौर पर बताया गया है कि 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी डेनिश नागरिक मतदान के हकदार हैं. 

टेक्स्ट ग्राफ़िक को फ़ेसबुक पर यहां 31 जुलाई 2024 को शेयर किया गया है. 

पोस्ट का कैप्शन है, "एक झटके में सारे झंझट खत्म. ना रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी. मुस्लिमों को वोट देने का अधिकार खत्म."

ग्राफ़िक में टेक्स्ट है, "डेनमार्क में मुस्लिम समुदाय के वोट देने के अधिकार को खत्म करने वाला कानून पास किया गया, इसे कहते हैं सेकुलरिज्म की असली नसबंदी."

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 5 अगस्त 2024

ग्राफ़िक को इसी दावे से फ़ेसबुक पर यहां और यहां शेयर किया गया है.

हालांकि यह दावा गलत है. एएफ़पी को कोई विश्वसनीय प्रमाण या न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिला जिससे यह साबित हो कि डेनमार्क ने ऐसा कोई कानून पारित किया है. वास्तव में 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी डेनिश नागरिक देश में मतदान करने के हकदार हैं.

डेनमार्क की संसदीय वेबसाइट के अनुसार "डेनमार्क, ग्रीनलैंड या फ़रोए आइलैंड्स के स्थायी निवासी जो डेनिश नागरिक हैं और कम से कम 18 वर्ष की आयु के हैं -- जो कि डेनमार्क में मतदान की वैध आयु है -- मतदान करने के हकदार हैं."

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डेनमार्क के सामाजिक मामलों के मंत्रालय ने भी मतदान के इन नियमों को हाइलाइट किया है.

डेनमार्क के संसदीय चुनाव अधिनियम के चैप्टर 1 के आम चुनाव और जनमत संग्रह भाग 1 में मतदान की पात्रता के बारे में विस्तार से बताया गया है, इसमें कहीं भी यह उल्लेख नहीं किया गया है कि देश में मुसलमानों के मतदान के अधिकार को खत्म किया गया है. 

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