गलत दावे से शेयर किया गया रेसलर खली का ये वीडियो
- प्रकाशित 9 अगस्त 2024, 13h25
- 3 मिनट
- द्वारा Sachin BAGHEL, एफप भारत
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर 21 जुलाई 2024 को वीडियो शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा, "द ग्रेट खली ने मुस्लिम भाइयों से फल खाकर नेम प्लेट वाले नियमों का विरोध किया."
वीडियो में राणा सड़क किनारे फलों की दुकान पर आम खाते हुए नज़र आ रहे हैं और उनके आसपास इस्लामिक टोपी पहने हुए कुछ युवक खड़े हैं.
वीडियो को समान दावे से सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर यहां और फ़ेसबुक पर यहां शेयर किया गया.
ये वीडियो उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में पुलिस द्वारा 17 जुलाई 2024 को कांवर तीर्थयात्रा मार्ग पर फ़ूड स्टाल्स पर उनके मालिकों और स्टाफ़ के नाम सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने के आदेश दिए जाने के कुछ दिनों बाद से शेयर किया जा रहा है (आर्काइव्ड लिंक).
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने बताया था कि यह आदेश हिंदू भक्तों के बीच -- जिन्हें यात्रा के दौरान सिर्फ़ शाकाहारी भोजन करना होता है -- "किसी भी भ्रम से बचने" के लिए जारी किया गया था(आर्काइव्ड लिंक).
बाद में इस आदेश को राज्य के बाकी हिस्सों और पड़ोसी राज्य उत्तराखंड ने भी अपने यहां लागू किया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कानूनी चुनौतियों पर विचार करते हुए इसके कार्यान्वयन पर रोक लगा दी (आर्काइव्ड लिंक).
इस आदेश की आलोचना करते हुए विपक्षी पार्टियों के सदस्यों ने कहा कि यह मुस्लिम स्वामित्व वाले व्यवसायों को टारगेट करता है.
हालांकि 5 अगस्त 2024 तक ऐसा कोई प्रमाण या मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिससे पता चले कि राणा, जो खुद भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं, ने मामले के बारे में कोई सार्वजनिक टिप्पणी की है.
असंबंधित वीडियो
कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर यह वीडियो खली के इंस्टाग्राम अकाउंट पर पुलिस आदेश जारी होने से एक सप्ताह पहले 11 जुलाई 2024 को अपलोड किया हुआ मिला (आर्काइव्ड लिंक).
नीचे गलत दावे से शेयर की गई वीडियो (बाएं) और खली के इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.
राणा के मैनेजमेंट टीम के सदस्य अनिल राणा ने 25 जुलाई 2024 को एएफ़पी को बताया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा -- कि राणा आदेश का विरोध कर रहे थे -- गलत है.
उन्होंने कहा कि यह वीडियो राणा के हिमाचल प्रदेश से लौटने के दौरान किसी समय फ़िल्माया गया था.
उन्होंने आगे कहा, "यह वीडियो पुराना है और 11 जुलाई को इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया गया था, जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस ने 17 जुलाई को आदेश जारी किया था."