बांग्लादेश का पुराना वीडियो भारत से जोड़कर गलत दावे से शेयर किया गया

सोशल मीडिया पर बांग्लादेश का एक वीडियो, जिसमें पुलिस बुर्का पहने एक व्यक्ति को गिरफ़्तार करती दिख रही है, भारत की घटना बताकर शेयर किया जा रहा है. हालांकि बांग्लादेश का ये वीडियो मार्च 2021 से इंटरनेट पर मौजूद है. 

वीडियो को फ़ेसबुक पर 25 जुलाई 2024 को शेयर करते हुए कैप्शन लिखा गया, "'खूबसूरत बेगम' को बुर्का की खास जरूरत है! क्योंकि इन्हीं बुर्का के नीचे मुसलमान हथियार सप्लाई करता है! इसलिए UNIFORM CIVIL CODE जरूरी हो चुका है."

वीडियो में पुलिस अधिकारियों को एक शख्स के बुर्के को उठाते हुए दिखाया गया है; उसके शरीर पर टेप से चिपकाए गए कई पैकेट नज़र आ रहे हैं.

जबकि भारत में एक समान और पूर्ण आपराधिक संहिता है पर धार्मिक समुदायों के लिये विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने के नियम अलग हैं. यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे तमाम विषयों में हर नागरिक के लिए एक ही कानून होगा.

Image
गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 8 अगस्त 2024

वीडियो को इसी दावे से फ़ेसबुक और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर भी शेयर किया गया है.

हालाँकि यह वीडियो बांग्लादेश में फ़िल्माया गया था, भारत में नहीं.

बांग्लादेश का वीडियो

गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 11 मार्च, 2021 को स्माइल टीवी बांग्ला के यूट्यूब  चैनल पर पोस्ट किया गया असल वीडियो मिला (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो की हेडलाइन है: "पुलिस ने दो ड्रग डीलरों को गिरफ़्तार कर लिया गया, जबकि लड़के ने गर्भवती महिला होने का नाटक किया जिसे फिर जेल भेज दिया गया."

वीडियो के डिस्क्रिप्शन के अनुसार यह घटना बांग्लादेश के रावज़ान उपज़िले की है.

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और 2021 के यूट्यूब वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.

Image
गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और 2021 के यूट्यूब वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

गलत दावे से शेयर की गयी क्लिप, स्माइल टीवी बांग्ला के यूट्यूब वीडियो के 1 मिनट 4 सेकंड के मार्क से मेल खाती है (आर्काइव्ड लिंक). 

कीवर्ड सर्च करने से गिरफ़्तारी पर स्थानीय न्यूज़ रिपोर्ट्स यहां और यहां मिलीं, जिसमें कहा गया था कि पुलिस ने 9 मार्च, 2021 को चटगाँव ज़िले के रावज़ान में ड्रग्स की तस्करी के आरोप में एक पुरुष और महिला को हिरासत में लिया था (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).

रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ़्तारी से बचने के लिए उस व्यक्ति ने महिलाओं की पोशाक पहन रखी थी.

एएफ़पी ने उस क्षेत्र की गूगल स्ट्रीट व्यू की तस्वीरों से तुलना करके इस बात की पुष्टि की कि यह फ़ुटेज रावज़ान से ही था (आर्काइव्ड लिंक). 

नीचे गलत दावे वाली पोस्ट (बाएं) और रावज़ान (दाएं) के गूगल स्ट्रीट व्यू के वीडियो की कीफ़्रेम के स्क्रीनशॉट्स की तुलना है.

Image
गलत दावे वाली पोस्ट (बाएं) और रावज़ान (दाएं) के गूगल स्ट्रीट व्यू के वीडियो की कीफ़्रेम के स्क्रीनशॉट्स की तुलना
Image

क्या कोई कंटेंट/न्यूज़/वीडियो या तस्वीर है जो आप चाहते हैं की AFP फ़ैक्ट चेक करे?

हमसे संपर्क करें