श्रीलंका के प्रदर्शनकारियों की पुरानी तस्वीर बांग्लादेश के प्रदर्शन से जोड़कर शेयर की गई

जुलाई 2022 में श्रीलंका के राष्ट्रपति निवास में बिस्तर पर लेटे प्रदर्शनकारियों की रॉयटर्स न्यूज़ एजेंसी द्वारा क्लिक की गई एक तस्वीर को सोशल मीडियो पोस्ट्स में सैकड़ों बार इस गलत दावे से शेयर किया गया है कि यह बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफ़े के साथ ही भारत भाग जाने के बाद उनके बेडरूम में प्रदर्शनकारियों को आराम फ़रमाते दिखाती है. ज्ञात हो कि 5 अगस्त, 2024 को शेख हसीना के निवास पर घुसे प्रदर्शनकारियों को उनके बिस्तर पर बैठे हुए अलग एंगल से फ़िल्माया गया था.

तस्वीर को हिंदी चैनल ज़ी न्यूज़ के वेरिफ़ाइड फ़ेसबुक अकाउंट से यहां 5 अगस्त 2024 को पोस्ट किया गया है. 

पोस्ट का कैप्शन है, "Bangladesh Political Crisis : बांग्लादेश में पिछले कई दिनों चल रहे बवाल के बीच पीएम शेख हसीना ने इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है. शेख हसीना के पीएम आवास छोड़ने के कुछ समय बाद प्रदर्शनकारियों ने गणभवन पर कब्जा कर लिया. शेख हसीना के बैडरूम में आराम फरमाते दिखे प्रदर्शनकारी."

तस्वीर के ऊपर बड़े अक्षरों में लिखा है, "बांग्लादेश प्रोटेस्ट शेख हसीना के बेडरूम में आराम फरमाते दिखे प्रदर्शनकारी."

तस्वीर में एक आलीशान बेड पर लेटे तीन लोग अपने फ़ोन के स्क्रीन को देखते नज़र आ रहे हैं.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 9 अगस्त 2024

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पहले एक बार बांग्लादेश को सैन्य शासन से बचाने में मदद की थी, लेकिन 5 अगस्त को अचानक उनका शासन समाप्त हो गया, जब एक लंबे विरोध प्रदर्शन के बाद प्रदर्शनकारियों ने ढाका में उनके निवास पर हमला बोल दिया. 

हालांकि एएफ़पी की फ़ुटेज में एक प्रदर्शनकारी पूर्व प्रधानमंत्री के आवास में बिस्तर पर बैठा हुआ दिखाई दे रहा है, लेकिन गलत दावे की पोस्ट में शेयर की गई तस्वीर बांग्लादेश प्रोटेस्ट से संबंधित नहीं है.

तस्वीर को इसी तरह के दावे से फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X पर यहां शेयर किया गया है. 

बतौर प्रधानमंत्री शेख हसीना के 15 साल बांग्लादेश के आर्थिक रूप से मजबूत होने के साथ-साथ उनके राजनैतिक विरोधियों की सामूहिक गिरफ़्तारी और उनके सुरक्षा बलों के ख़िलाफ़ मानवाधिकार प्रतिबंधों के कारण भी याद किये जाते हैं. 

बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन जुलाई में सिविल सेवा नौकरी में आरक्षण के खिलाफ़ विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा बड़े पैमाने पर शुरु की गई रैलियों के साथ शुरू हुआ, लेकिन जल्द ही यह हिंसक अशांति में बदल गया और मांग की गई कि वह अपने पद से इस्तीफ़ा दें.

श्रीलंका विरोध प्रदर्शन

तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह रॉयटर्स न्यूज़ एजेंसी के एक आर्टिकल में प्रकाशित की हुई मिली (आर्काइव्ड लिंक).

आर्टिकल की हेडलाइन है, "श्रीलंकाई प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में खाना बनाते, तैरते और सोते हुए."

फ़ोटो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है, "श्रीलंका में आर्थिक संकट से उपजे प्रदर्शन के बीच, राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के भाग जाने के बाद, राष्ट्रपति भवन में गोटाबाया राजपक्षे के बिस्तर पर प्रदर्शनकारी सोते हुए."

भयावह आर्थिक संकट से महीनों से जूझ रहे श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो स्थित राष्ट्रपति भवन पर 9 जुलाई, 2022 को कब्ज़ा कर लिया था.

पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे प्रदर्शनकारियों के आने से कुछ ही देर पहले निकल गए थे, जिनकी सैनिकों ने हवाई फ़ायरिंग करते हुए भागने में मदद की थी.

भीड़ में कुछ लोग बारी-बारी से राजपक्षे के किंग-साइज़ बेड और आरामदायक सोफ़े पर आराम कर रहे थे.

नीचे गलत दावे की पोस्ट (बाएं) और रॉयटर्स की फ़ोटो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.

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गलत दावे की पोस्ट (बाएं) और रॉयटर्स की फ़ोटो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

तस्वीर को हिंदुस्तान टाइम्स अखबार द्वारा भी श्रीलंका के विरोध प्रदर्शन से संबंधित एक रिपोर्ट में प्रकाशित किया गया है (आर्काइव्ड लिंक). 

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