राजदीप सरदेसाई का पुराना वीडियो पश्चिम बंगाल में रेप की हालिया घटना से जोड़कर शेयर किया गया

देश में यौन उत्पीड़न के मामलों पर पूर्व में टिप्पणी करने वाले पत्रकार राजदीप सरदेसाई का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पोस्ट्स में इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले को "स्वीकार करने से इनकार" करते हुए और वहां की सरकार का बचाव करते दिखाया गया है. हालांकि सरदेसाई ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर इस मामले की निंदा की है.

वीडियो फ़ेसबुक पर 16 अगस्त 2024 को शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन लिखा, "अगर "बेशर्मी" का कोई "चेहरा" होता....तो यकीनन यही होता. मुख्यमंत्री कौन होता है उसके हिसाब से बलात्कार के अपराध की गंभीरता बदल जाती है!"

वीडियो में इंडिया टुडे चैनल के सीनियर पत्रकार राजदीप सरदेसाई को एक पैनल में अन्य स्पीकर्स के साथ देखा जा सकता है. 

सरदेसाई गुजरात, मुंबई और मुजफ़्फ़रनगर शहरों में दंगों के दौरान बलात्कार की घटनाओं के बारे में बात कर रहे थे जब पैनल के एक सदस्य ने उनसे यह प्रश्न पूछा: "आपने बंगाल के बारे में क्यों नहीं बात की? ऐसी घटना तो हाल ही में बंगाल में भी हुई थी."

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट

इसी तरह के कैप्शन से वीडियो को फ़ेसबुक पर यहां और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर यहां शेयर किया है.

कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हॉस्पिटल में रेप और हत्या की जघन्य घटना के बाद देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

सरदेसाई ने 12 अगस्त को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा: "कहानी जिसने सबका ध्यान खींचा: कोलकाता से बेहद चौंकाने वाली घटना. अस्पताल के अंदर एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या पूरी तरह से चौंकाने वाली है. एनसीआरबी 2022 का डेटा बताता है कि कोलकाता महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित मेट्रो है लेकिन यह घटना दिखाती है कि सुरक्षा को कैसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. अपराधी को अधिकतम सज़ा मिलनी चाहिए. ज़ीरो टॉलरेंस और फास्ट ट्रैक न्याय (आर्काइव्ड लिंक)."

हालांकि पोस्ट में किया गया दावा गलत है; सरदेसाई का यह वीडियो 2023 का है.

पुराना वीडियो

वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने पाया कि यह वीडियो पुराना है और 5 अगस्त, 2023 को न्यूज़ आउटलेट 'द लल्लनटॉप' के यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए वीडियो के मूल फ़ुटेज के 2:36:36 के हिस्से से मेल खाता है (आर्काइव्ड लिंक).

यह लम्बा फ़ुटेज लल्लनटॉप के साप्ताहिक राजनीतिक टॉक शो "नेतानगरी" के एक एपिसोड का है.

नीचे गलत दावे  की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और द लल्लनटॉप के यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किये गये वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना की गई है. 

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट (बाएं) और द लल्लनटॉप के यूट्यूब चैनल पर मौजूद वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

शो के दौरान एक दर्शक ने स्पीकर्स से भारत में यौन हिंसा के बारे में एक सवाल पूछा.

सरदेसाई ने जवाब में कहा, "यह एक शक्ति समीकरण है. खासकर उत्तरी भारत में, जब आप किसी सार्वजनिक स्थान पर जाते हैं, तो महिलाओं के लिए पर्याप्त जगह नहीं होती है. ऐसी स्थिति में अगर हिंसा होती है, तो वे आसानी से निशाना बन जाती हैं."

"मैंने देखा है, चाहे वह 1992-93 में गुजरात हो, मुंबई हो, या 2012 में मुज़फ़्फ़रनगर, हर बार जब दंगे होते हैं, तो हमें बलात्कार और सामूहिक बलात्कार की स्टोरीज़ मिलती हैं. क्या वजह है?"

एक अन्य पैनलिस्ट ने उनसे पूछा: "आपने बंगाल का ज़िक्र क्यों नहीं किया? वहां हाल ही में एक घटना हुई है."

सरदेसाई ने जवाब में कहा: "बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य है जहां महिला मुख्यमंत्री हैं. तथ्य यह है कि जब भी कोई राजनीतिक या सामूहिक हिंसा होती है, तो महिलाएं आसान टारगेट होती हैं क्योंकि महिलाओं को पुरुषों की शक्ति के रूप में देखा जाता है. चूंकि पूरे सिस्टम में पुरुषों का वर्चस्व है इसलिए जब भी कोई महिला इसे किसी भी स्तर पर चुनौती देती है तो पुरुष अपनी ताकत लगा देते हैं उसे हराने में."

उन्होंने आगे कहा, "यहां तक कि मुख्यमंत्री के महिला होने से भी कोई फर्क नहीं पड़ता, स्थानीय स्तर पर कंट्रोल पुरुषों के हाथ में होता है."

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