पूर्व क्रिकेटर और आवामी लीग के नेता के जलते हुए घर की तस्वीर गलत दावे से शेयर की गई

बांग्लादेश में हिंदू क्रिकेटर लिटन दास ने स्पष्ट किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ़ शुरू हुए छात्र प्रदर्शन के दौरान उनके घर में आग नहीं लगाई गई थी. जबकि सोशल मीडिया पोस्ट्स में एक जलते हुए घर की फ़ुटेज को सैकड़ों बार इस गलत सांप्रदायिक दावे से शेयर किया गया कि क्रिकेटर के घर में आग लगा दी गई है. हालांकि अशांति के दौरान मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरें आई हैं, लेकिन स्थानीय पुलिस ने एएफ़पी को बताया कि वीडियो में दिख रहा घर पूर्व क्रिकेटर मशरफ़े बिन मुर्तज़ा का है, जो हसीना की अपदस्थ अवामी लीग पार्टी के राजनेता हैं.

फ़ोटो को फ़ेसबुक पर यहां 7 अगस्त 2024 को शेयर किया गया है. 

पोस्ट का कैप्शन है, "बांग्लादेश के हिंदू क्रिकेटर लिटन दास के घर में आग लगा दी गई, भले वह उनके देश का खिलाड़ी हो लेकिन है तो हिंदू."

तस्वीर में एक जलते हुए घर को देखा जा सकता है.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट

बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के कारण 5 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफ़ा देकर देश तक छोड़ना पड़ा. 

उनके अचानक इस्तीफ़े के बाद, हिंदू समुदाय के लोगों के घरों, मंदिरों और व्यवसायों सहित अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ हमलों की कई रिपोर्ट्स आईं (आर्काइव्ड लिंक).

मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में हिंदू समुदाय सबसे बड़ा अल्पसंख्यक वर्ग है और उन्हें हसीना की अवामी लीग पार्टी का एक कट्टर समर्थक वर्ग माना जाता है.

एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने कहा कि कम से कम 10 हिंदू मंदिरों पर "शरारती तत्वों" द्वारा हमला किया गया है. 

तस्वीर को इसी दावे से अन्य पोस्ट्स में यहां और यहां शेयर किया गया है. 

हालांकि दास ने एक बयान जारी कर यह स्पष्ट किया है कि उनके घर में आग लगाये जाने का दावा गलत है. 

गलत दावा 

क्रिकेटर लिटन दास ने 9 अगस्त को अपने आधिकारिक फ़ेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा: "हाल ही में हमारे घर पर हुए हमले के बारे में कई मीडिया चैनलों पर एक समाचार प्रसारित हुआ है, जिसमें कोई सच्चाई नहीं है. किसी को भी इन अफ़वाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. मैं और मेरा परिवार अब तक पूरी तरह सुरक्षित हैं (आर्काइव्ड लिंक)."

दास ने हिंसा को रोकने का भी आह्वान किया और कहा कि देश को "सभी धर्मों को साथ लेकर एक साथ आगे बढ़ना चाहिए".

गलत दावे से शेयर किये गये वीडियो के एक कीफ़्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने पाया कि यह तस्वीर 5 अगस्त को बांग्लादेश के सबसे बड़े न्यूज़ चैनल प्रोथोम अलो के यूट्यूब चैनल पर प्रकाशित एक फ़ुटेज के एक हिस्से से मेल खाता है (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो के बंगाली भाषा के कैप्शन में कहा गया है कि यह घर पूर्व क्रिकेटर और अवामी लीग के विधायक मशरफ़े बिन मुर्तज़ा का है.

नीचे गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और प्रोथोम अलो द्वारा प्रकाशित फ़ुटेज (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है जिसमें समानताओं को एएफ़पी द्वारा हाइलाइट किया गया है.

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गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और प्रोथोम अलो द्वारा प्रकाशित फ़ुटेज (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

स्थानीय समाचार आउटलेट 'जागो न्यूज़ 24' ने 24 जून, 2021 के एक आर्टिकल में इसी घर को दिखाने वाली एक तस्वीर प्रकाशित की थी, जिसमें मशरफ़े को घर का मालिक बताया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

नीचे गलत दावे की पोस्ट में दिखाये गये जलते हुए घर की तस्वीर (बाएं) और 'जागो न्यूज़ 24' में प्रकाशित घर की तस्वीर (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है, जिसमें समानताओं को चिह्नित किया गया है.

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गलत दावे की पोस्ट में दिखाये गये जलते हुए घर की तस्वीर (बाएं) और जागो न्यूज़ 24 की में प्रकाशित घर की तस्वीर (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

नरैल ज़िले के पुलिस प्रमुख मेहदी हसन ने एएफ़पी को बताया कि वीडियो में दिख रहा घर मशरफ़े का है.

उन्होंने कहा, "इस घर में 5 अगस्त को हमला किया गया और उसे जला दिया गया, लेकिन इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है."

बांग्लादेश हिंसा से जुड़े एएफ़पी के अन्य फ़ैक्ट-चेक यहां, यहां पढ़े जा सकते हैं. 

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