महाराष्ट्र में मज़दूरी न मिलने पर सोलर पैनल तोड़ते लोगों का पुराना वीडियो गलत दावे से शेयर किया गया

एक वीडियो जिसमें कई लोग एक सोलर प्लांट में लगे सोलर पैनल्स हथौड़े मारकर तोड़ते नज़र आ रहे हैं सोशल मीडिया पर इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि राजस्थान में एक पंडित के कहने पर ग्रामीणों ने ये हरकत की है. हालांकि वीडियो महाराष्ट्र का है और प्लांट में काम करने वाले मजदूरों को कई दिनों से वेतन न मिलने पर विरोधस्वरूप पैनल तोड़ते दिखाता है. 

वीडियो को फ़ेसबुक पर यहां शेयर किया गया है. 

पोस्ट का कैप्शन है, "राजस्थान में एक पंडित के कहने पर गांव वालों ने सोलर पैनल को तोड़ना शुरू कर दिया  पंडित का कहना है कि सोलर की एनर्जी से सूरज देवता को भयंकर परेशानी होती हैं."

लगभग 44-सेकेंड का वीडियो, जिसे 11,000 से अधिक बार देखा जा चुका है, कई महिला और पुरुषों को हथौड़ी और नुकीले औजारों से सोलर पैनल्स तोड़ते दिखाता है. 

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट

वीडियो को इसी दावे से फ़ेसबुक और X पर शेयर किया गया है.

हालांकि दावा गलत है. वीडियो महाराष्ट्र का है और मज़दूरों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित है.

मज़दूरों का प्रदर्शन

वीडियो को पहले भी गलत दावे के साथ शेयर किया जा चुका है जिसे एएफ़पी ने यहां फ़ैक्ट-चेक किया है.

गूगल पर अंग्रेज़ी कीवर्ड "People destroying solar panels" सर्च करने पर हमें वीडियो का ओरिजनल फ़ुटेज यूट्यूब पर 15 फ़रवरी 2018 को प्रकाशित किया गया मिला (आर्काइव्ड लिंक).

क्लाइमेट समुराई नाम के इस यूट्यूब चैनल द्वारा प्रकाशित वीडियो की हेडलाइन है, "मज़दूरी का भुगतान न होने के कारण महाराष्ट्र में 100 मेगावॉट के सौर संयंत्र में सोलर पैनल नष्ट कर दिए गए." 

वीडियो के शुरुआती 30-सेकंड में वही  फ़ुटेज दिखाई देती है जिसको गलत दावे की पोस्ट में शेयर किया गया था, लेकिन इसमें यह भी लिखा है कि यह क्लिप महाराष्ट्र के चालीसगांव में रिकॉर्ड की गई है. 

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बायें) और 2018 के यूट्यूब वीडियो (दायें) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बायें) और 2018 के यूट्यूब वीडियो (दायें) के स्क्रीनशॉट की तुलना

वीडियो में यह भी लिखा है: "मज़दूरी का भुगतान न किए जाने के कारण 100 से ज़्यादा मॉड्यूल क्षतिग्रस्त किये गए थे."

इस वीडियो में कहीं भी किसी पंडित का कोई ज़िक्र नहीं है.

कीवर्ड सर्च में ही गो न्यूज़ की फ़रवरी 2018 की एक रिपोर्ट मिली जिसमें इस तोड़फोड़ की चर्चा की गई है और गलत दावे की पोस्ट में शेयर की गई फ़ुटेज के दृश्य प्रकाशित किये गये हैं (आर्काइव्ड लिंक).

रिपोर्ट के 14-सेकंड के हिस्से में न्यूज़ एंकर कहता है: "महाराष्ट्र के चालीसगाँव में 100 मेगावाट के सोलर प्लांट में प्लांट के कर्मचारियों ने वेतन का भुगतान न किये जाने के खिलाफ़ प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ कर नष्ट कर दिया."

इस घटना के बारे में क्लाइमेट समुराई की वेबसाइट पर भी 2018 में एक आर्टिकल प्रकाशित किया गया था जिसके अनुसार वीडियो महाराष्ट्र के चालीसगाँव में फ़िल्माया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

एएफ़पी फ़ैक्ट-चेक की टीम ने पुष्टि की है कि वीडियो में लोग अहिरानी बोली बोल रहे हैं, जो महाराष्ट्र राज्य में क्षेत्रीय स्तर, मुख्यत: चालीसगांव इलाके में, बोली जाती है (आर्काइव्ड लिंक).

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