गेट फांदते अखिलेश यादव का पुराना वीडियो हालिया बताकर गलत दावे से शेयर किया गया

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का पुराना वीडियो जिसमें उन्हें एक गेट फांदते हुए दिखाया गया है, गलत दावे से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि अखिलेश यादव सपा के एक पूर्व नेता पर लगे बलात्कार के आरोप से जुड़े मीडिया के सवालों से बचने के लिए गेट कूदकर भाग गए. हालांकि यह दावा गलत है. यह वीडियो अक्टूबर 2023 का है जब अखिलेश यादव प्रशासन की पाबंदी के बावजूद स्वर्गीय जयप्रकश नारायण को श्रद्धांजलि देने के लिए गेट कूदकर प्रतिमा के पास पहुंचे थे.

फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने 7 सितम्बर 2024 को वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन लिखा, जिसका एक हिस्सा इस प्रकार है, "क्या यह समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव हैं जो मीडिया के प्रश्नों से मुँह चुराकर फांदकर भाग रहे हैं?"

वीडियो के ऊपर लिखा है, "बला-त्कार कांड में आरोपी सपा से है. मीडिया जब अखिलेश यादव के पास गई तो अखिलेश यादव गेट फांद कर भाग गए." 

समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता नवाब सिंह यादव को 12 अगस्त को उत्तर प्रदेश में एक नाबालिग से बलात्कार के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. 

कन्नौज पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने 17 सितंबर को एएफ़पी को बताया, "आरोपी नवाब सिंह यादव को भारतीय न्याय संहिता और पोक्सो एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत  गिरफ़्तार किया गया है."

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया है कि नवाब सिंह यादव समाजवादी पार्टी की सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के सहयोगी हैं.

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गलत दावे से शेयर किये गए वीडियो का स्क्रीनशॉट

वीडियो को समान दावे से X पर यहां और फ़ेसबुक पर यहां शेयर किया गया है.

हालांकि इस वीडियो का नवाब सिंह यादव मामले से कोई सम्बन्ध नहीं है.

असंबंधित वीडियो

वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर 11 अक्टूबर, 2023 की इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में इस वीडियो का स्क्रीनग्रैब इस्तेमाल किया हुआ मिला (आर्काइव्ड लिंक).

रिपोर्ट का शीर्षक है, "जेपीएनआईसी में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलने पर, जेपी को श्रद्धांजलि देने के लिए अखिलेश ने दीवार फांदी." 

नीचे गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो (बाएं) के स्क्रीनशॉट और 'इंडियन एक्सप्रेस' में प्रकाशित स्क्रीनशॉट (दाएं) की तुलना की गई है.

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गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो (बाएं) के स्क्रीनशॉट और 'इंडियन एक्सप्रेस' में प्रकाशित स्क्रीनशॉट (दाएं) की तुलना

रिपोर्ट में कहा गया है कि अखिलेश यादव 11 अक्टूबर, 2023 को लखनऊ में जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र की दीवार को फांद गए, क्योंकि उन्हें "स्वतंत्रता सेनानी जयप्रकाश नारायण की जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी."

यादव ने 2016 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए इस केंद्र का उद्घाटन किया था.

रिपोर्ट में स्मारक की देखरेख करने वाले लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि यादव ने नारायण के पुष्पांजलि कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति मांगी थी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया था.

वीडियो का एक लंबा वर्ज़न 11 अक्टूबर, 2023 को समाजवादी पार्टी के आधिकारिक X हैंडल पर भी पोस्ट किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

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