वेनेज़ुएला का वीडियो दिल्ली का बताकर गलत दावे से शेयर किया गया

सड़क पर मची अफ़रा-तफ़री दिखाता वेनेज़ुएला का एक वीडियो दिल्ली में बादल फटने के गलत दावे से सोशल मीडिया पर अनेकों बार शेयर किया गया है. वीडियो में लोगों को सड़क पर भागता हुआ देखा जा सकता है. हालांकि इसके साथ किया जा रहा दावा गलत है. यह वीडियो वेनेज़ुएला में राष्ट्रपति चुनाव के बाद हुए विरोध प्रदर्शन का है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के एक वैज्ञानिक ने एएफ़पी को बताया कि दिल्ली में बादल फटने की कोई घटना दर्ज नहीं की गई है. 

फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने 14 सितम्बर 2024 को वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "दिल्ली मैं बादल फटने से अफ़रातफ़री."

फ़ुटेज में लोगों की भीड़ को एक सड़क पर भागते हुए देखा जा सकता है.

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गलत दावे से शेयर की जा रही वीडियो का 17 सितम्बर 2024 को लिया गया स्क्रीनशॉट

इसी तरह के दावे से यह वीडियो इंस्टाग्राम पर यहां और फ़ेसबुक पर यहां शेयर किया गया.

आपदा अधिकारियों ने 2 सितंबर को कहा कि दक्षिण भारतीय राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ से कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई, हज़ारों लोगों को राहत शिविरों में ले जाया गया (आर्काइव्ड लिंक). 

गुजरात में भी तीन दिनों में कम से कम 28 लोग मारे गए. त्रिपुरा भी अगस्त में बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हुआ था, जिसमें 20 से अधिक लोग मारे गए थे. 

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के डॉ. नरेश कुमार ने 23 सितंबर को एएफ़पी को बताया कि दिल्ली में भारी बारिश हुई थी, लेकिन शहर में कभी भी बादल फटने की कोई घटना दर्ज नहीं की गई. 

आईएमडी के अनुसार बादल फटने का आशय है कम समय में अत्यधिक मात्रा में वर्षा -- कभी कभी ओलावृष्टि और गरज के साथ -- जो बाढ़ की स्थिति पैदा करने में सक्षम होती है (आर्काइव्ड लिंक).

वेनेज़ुएला का वीडियो

गूगल पर वीडियो का कीफ़्रेम रिवर्स इमेज सर्च करने पर एक X अकाउंट द्वारा पोस्ट किया गया समान फ़ुटेज मिला, जिसमें कहा गया था कि इसमें वेनेज़ुएला में एक विरोध प्रदर्शन दिखाया गया है. 

वेनेज़ुएला का न्यूज़ पोर्टल "मॉनिटोरेमोस" द्वारा 30 जुलाई की इस स्पैनिश पोस्ट में लिखा गया है, "मादुरो की धोखाधड़ी के खिलाफ़ प्यूर्टो ला क्रूज़, एंज़ोएटेगुई राज्य में विरोध प्रदर्शन (आर्काइव्ड लिंक)."

नीचे गलत पोस्ट (बाएं) और वेनेज़ुएला में विरोध के बारे में X पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है. प्रतीत होता है कि बाएं फ़ुटेज को धुंधला दिखाने के लिए एडिट किया गया है.

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गलत पोस्ट (बाएं) और वेनेजुएला में विरोध के बारे में एक्स पोस्ट में साझा किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

नैशनल इलेक्टोरल काउंसिल (सीएनई) -- जिसके अधिकांश सदस्य 61-वर्षीय राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के करीबी हैं -- के द्वारा मादुरो को तीसरे छह-वर्षीय कार्यकाल के लिए पुनः विजेता घोषित करने के बाद 29 जुलाई को हज़ारों की संख्या में उग्र वेनेज़ुएलन्स ने इसे चुनावी चोरी कहा और इसका विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए (आर्काइव्ड लिंक).

विपक्ष ने इसका जमकर विरोध किया. संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और कई लैटिन अमेरिकी देशों ने डाले गए वोटों का विस्तृत विवरण देखे बिना मादुरो की जीत को मान्यता देने से इनकार कर दिया है. 

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, विवाद के कारण विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जिसमें 25 नागरिकों और दो सैनिकों की मौत हो गई, जबकि लगभग 200 लोग घायल हुए (आर्काइव्ड लिंक).

एएफ़पी ने पुष्टि की कि वीडियो राजधानी काराकस से लगभग 300 किलोमीटर पूर्व में एक बंदरगाह शहर प्यूर्टो ला क्रूज़ में फ़िल्माया गया था.

वीडियो में एक बड़ी इमारत गूगल मैप्स पर प्यूर्टो ला क्रूज़ में रेजिना मॉल की तस्वीर से मेल खाती है (आर्काइव्ड लिंक).

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वीडियो का स्क्रीनशॉट (बाएं) और गूगल मैप्स पर मौजूद मॉल की एक तस्वीर (दाएं) की तुलना
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