ईस्ट तिमोर में पोप फ़्रांसिस के काफ़िले का वीडियो मुंबई में विरोध प्रदर्शन के दावे से शेयर किया गया

पोप फ़्रांसिस की एशियाई तटीय देश पूर्वी तिमोर की यात्रा के दौरान फ़िल्माए गए एक वीडियो को सैकड़ों बार इस गलत दावे के साथ शेयर किया गया है कि यह मुंबई में हाल ही में हुए मुस्लिमों के एक विरोध प्रदर्शन को दिखाता है, जो मुसलमानों के बारे में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले एक उपदेशक और भारतीय जनता पार्टी के एक राजनेता की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर किया गया था. जबकि क्लिप में वास्तव में ईसाई समुदाय के लोगों को पोप द्वारा आयोजित एक सामूहिक प्रार्थना सभा से लौटते हुए दिखाया गया है.

वीडियो को X पर 24 सितंबर 2024 को यहां शेयर किया गया है.

पोस्ट का कैप्शन है, "ये पाकिस्तान या बांग्लादेश नहीं है ये इराक ईरान या अफगानिस्तान भी नहीं है अपना मुंबई है जहाँ मुसलमान अपनी ताकत दिखाने को सड़कों पे निकला है सोते रहो हिन्दुओं."

27 सेकंड की इस क्लिप में सड़क पर लोगों की भारी भीड़ के बीच धीरे-धीरे चलते वाहनों का काफ़िला देखा जा सकता है.

इस पोस्ट को 870,000 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट

यह गलत दावा ऐसे समय पर शेयर किया जा रहा है जब स्थानीय मीडिया के अनुसार पूर्व सांसद और एआईएमआईएम नेता इम्तियाज़ जलील ने सैकड़ों वाहनों के काफ़िले के साथ मुंबई की ओर कूच किया और मुसलमानों के बारे में "भड़काऊ टिप्पणी" करने के लिए भाजपा नेता नितेश राणे और उपदेशक रामगिरी महाराज की गिरफ़्तारी की मांग की (आर्काइव्ड लिंक). 

हालांकि प्रदर्शनकारियों को शहर में प्रवेश करने से मना कर दिया गया और अधिकारियों को अपनी मांगें सौंपने के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया.

क्लिप को X और फ़ेसबुक पर भी इसी तरह के गलत दावों के साथ शेयर किया गया है.

हालांकि यह दावा गलत है. यह वीडियो पोप फ़्रांसिस की पूर्वी तिमोर यात्रा के दौरान फ़िल्माया गया था.

पूर्वी तिमोर का वीडियो

वीडियो फ़ुटेज के स्क्रीनग्रैब को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर 11 सितंबर, 2024 को "rey.marques" नाम के टिकटॉक अकाउंट पर पोस्ट किया गया एक बेहतर क्वालिटी का वीडियो मिला. इसे दो मिलियन से अधिक बार देखा गया है (आर्काइव्ड लिंक).

कैप्शन में प्रयोग किये गये हैशटैग से पता चलता है कि इसे पोप की पूर्वी तिमोर यात्रा के दौरान फ़िल्माया गया था.

खबरों के अनुसार पोप ने 10 सितंबर को दक्षिण-पूर्व एशियाई देश तिमोर में हज़ारों श्रद्धालुओं के लिए सामूहिक प्रार्थना सभा आयोजित की थी (आर्काइव्ड लिंक).

स्थानीय अधिकारियों के हवाले से वेटिकन ने एक बयान में कहा कि लगभग 1.3 मिलियन की आबादी में से लगभग 600,000 लोग सामूहिक प्रार्थना सभा में शामिल हुए थे.

नीचे गलत दावे की पोस्ट में शेयर की गई क्लिप (बाएं) और टिकटॉक फ़ुटेज (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.

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गलत दावे की पोस्ट में शेयर की गई क्लिप (बाएं) और टिकटॉक फ़ुटेज (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

 फ़ुटेज में स्ट्रीट लाइटों पर पूर्वी तिमोर का झंडा और पोप का पोस्टर देखा जा सकता है.

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सड़क किनारे स्ट्रीट लाइट में पोप के पोस्टर

एएफ़पी ने पहले भी फ़िलीपींस में इसी वीडियो के साथ शेयर किये गये एक अन्य गलत दावे का फ़ैक्ट-चेक किया है.

राजधानी डिली में रहने वाले फ़ोटोग्राफ़र रे मारकेस, जो टिकटॉक अकाउंट के मालिक हैं, ने उस समय एएफ़पी को बताया था कि उन्हें खुद नहीं पता कि वीडियो किसने फ़िल्माया है, लेकिन उन्होंने इस वीडियो को देखकर जगह की पहचान शहर के रायकोटू जनरल कब्रिस्तान के पास की है.

एएफ़पी ने उस क्षेत्र के गूगल स्ट्रीट व्यू इमेजरी से तुलना करके फ़ुटेज के स्थान की भी पुष्टि की है (आर्काइव्ड लिंक).

नीचे टिकटॉक वीडियो (बाएं) और गूगल स्ट्रीट व्यू (दाएं) में समान रूप से दिख रहे घर, सड़क और पेड़ को हाइलाइट करते हुए स्क्रीनशॉट की तुलना की है.

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टिकटॉक वीडियो (बाएं) और गूगल स्ट्रीट व्यू (दाएं) में समान रूप से दिख रहे घर, सड़क और पेड़ को हाइलाइट करते हुए स्क्रीनशॉट की तुलना

स्थानीय मीडिया आउटलेट टीवीईटी एंटरटेनमेंट के फ़ेसबुक पेज पर लाइवस्ट्रीम में प्रार्थना सभा के बाद भीड़ का ऐसा ही दृश्य दिखाया गया है (आर्काइव्ड लिंक).

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