वैश्विक नेताओ संग नरेंद्र मोदी का एडिटेड वीडियो भ्रामक दावे से शेयर किया गया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2024 में ब्रिक्स समेत कई हाई-प्रोफ़ाइल राजनयिक बैठकों में भाग लिया लेकिन इसी दौरान, सोशल मीडिया पोस्ट्स पर एक एडिटेड वीडियो कोलॉज को भ्रामक दावे से शेयर कर कहा गया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पूर्व जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल ने मोदी से हाथ मिलाने से मना कर दिया. जबकि क्लिप के वास्तविक लंबे वर्ज़न में दोनों ही नेताओं को मोदी से हाथ मिलाते हुए देखा जा सकता है. 

वीडियो को X पर यहां 23 अक्टूबर, 2024 को शेयर किया गया है. 

पोस्ट का कैप्शन है, "शी जिनपिंग ने मोदी जी से हाथ मिलाने से किया परहेज, ब्रेकिंग न्यूज. मोदी जी का इतना इंसल्ट देखा नहीं जा रहा है. भक्तों कुछ करो. कम से कम मीडियो में युद्ध तो शुरू करो."

पोस्ट -- जिसके 100,000 से अधिक व्यूज़ हैं -- में दो अलग-अलग क्लिप का एक वीडियो कोलाज शेयर किया गया है, जिसमें मोदी अपना हाथ आगे बढ़ाते हैं, लेकिन मार्केल और जिनपिंग हाथ मिलाने से इनकार करते हुए दिख रहे हैं.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, नवंबर 8, 2024

अक्टूबर 2024 में रूस के कज़ान शहर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित लगभग 20 विश्व नेताओं ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया. यह पोस्ट इसके बाद से ही शेयर की जा रही है (आर्काइव्ड लिंक).

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा 2022 में यूक्रेन में सैनिकों को भेजने के बाद से यह कार्यक्रम रूस में आयोजित सबसे बड़ा वैाश्विक राजनयिक मंच था.

इसके कुछ ही दिनों बाद मोदी ने दिल्ली में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ की मेज़बानी की थी. जर्मनी और भारत भले ही रक्षा मामलों में प्रमुख साझेदार हैं, लेकिन रूस के साथ संबंधों और यूक्रेन के साथ युद्ध को लेकर दोनों देशों के बीच मतभेद हैं (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो कोलाज को कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने भी फ़ेसबुक और X पर शेयर किया है.

पोस्ट पर यूज़र्स के कमेंट्स से प्रतीत होता है कि वे इस दावे से भ्रमित हैं.

एक यूज़र ने लिखा, "यह पहली बार है जब किसी ने मोदी का इस तरह से अपमान किया है."

एक अन्य ने लिखा, "सम्मान बाज़ार में नहीं बिकता, बल्कि इसे जीवन भर की मेहनत से कमाना पड़ता है."

हालांकि क्लिप को भ्रामक तरीके से एडिट किया गया है. 

भारत और ईयू की मीटिंग

गूगल कीवर्ड सर्च करने पर मोदी और मार्केल को दिखाने वाली क्लिप का एक लंबा संस्करण द ट्रिब्यून के वेरिफ़ाइड यूट्यूब चैनल पर 30 मई, 2017 को प्रकाशित किया गया मिला (आर्काइव्ड लिंक).

रिपोर्ट की हेडलाइन है: "प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान पीएम मोदी और चांसलर एंजेला मार्केल."

नीचे भ्रामक दावे की पोस्ट में शेयर की गई क्लिप (बाएं) और द ट्रिब्यून के वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.

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भ्रामक दावे की पोस्ट में शेयर की गई क्लिप (बाएं) और द ट्रिब्यून के वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

क्लिप के लंबे हिस्से में मोदी को मार्केल की ओर हाथ बढ़ाते हुए देखा जा सकता है, जिस पर उन्होंने पोडियम की ओर-- जहां भारत, जर्मनी और यूरोपीय यूनियन के राष्ट्रीय झंडे लगे थे -- इशारा करके जवाब दिया.

आगे दोनों ही नेता झंडों के पास गए और वीडियो के 12-सेकंड के मार्क पर हाथ मिलाते हैं, जैसा कि नीचे तस्वीर में देखा जा सकता है.

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वीडियो को अन्य मीडिया आउटलेट्स ने भी यहां और यहां प्रकाशित किया है (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).

द हिंदू की उस समय की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोदी ने भारत और यूरोपीय यूरोपीय के बीच मुक्त व्यापार समझौते में आ रहे गतिरोधों के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए जर्मनी की राजधानी बर्लिन में मार्केल से मुलाकात की थी (आर्काइव्ड लिंक).

मोदी और मार्केल की हाथ मिलाते हुए एक तस्वीर एएफ़पी के आर्काइव पर भी प्रकाशित हुई थी. 

ब्रिक्स सम्मेलन

गूगल कीवर्ड सर्च करने पर हमें दूसरी क्लिप का भी एक लंबा संस्करण द हिंदू द्वारा 23 अक्टूबर, 2024 को यूट्यूब पर प्रकाशित किया गया मिला (आर्काइव्ड लिंक).

हेडलाइन में लिखा है, "पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की."

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान का वीडियो है जिसमें मोदी और जिनपिंग दोनों ने भाग लिया था.

नीचे भ्रामक दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और द हिंदू द्वारा प्रकाशित क्लिप (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.

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भ्रामक दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और द हिंदू द्वारा प्रकाशित क्लिप (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

इस वीडियो में भी मोदी जिनपिंग की ओर हाथ बढ़ाते हुए दिखाई देते हैं, और जवाब में वे उन्हें भारत और चीन के झंडों की ओर इशारा करते हैं. वीडियो के सात सेकंड के मार्क पर दोनों नेता झंडों के सामने हाथ मिलाते हैं, जैसा कि नीचे तस्वीर में दिखाया गया है.

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एएफ़पी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में द्विपक्षीय वार्ता के दौरान मोदी और जिनपिंग की हाथ मिलाते हुए एक तस्वीर भी शेयर की थी.

ज्ञात हो कि विगत पांच सालों में यह दोनों नेताओं की पहली औपचारिक बैठक थी, जो 2020 में विवादित सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच घातक झड़पों के बाद से ही दोनों पड़ोसियों के बीच संभावित मधुरता का संकेत देती है (आर्काइव्ड लिंक).

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