बीकानेर में ट्रेन एक्सीडेंट के दावे से शेयर किया गया वीडियो वास्तव में मॉक ड्रिल है

हाल के कुछ सालों में बढ़ते ट्रेन हादसों और रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा की चिंता के बीच सोशल मीडिया पोस्ट् पर एक क्लिप इस गलत दावे से सैकड़ों बार शेयर की गई है कि यह बीकानेर के लालगढ़ जंक्शन में ट्रेन दुर्घटना के बाद का दृश्य है. भारतीय रेलवे प्राधिकरण के एक प्रवक्ता ने एएफ़पी से पुष्टि की है कि वीडियो नवंबर में बीकानेर में रेलवे की एक मॉक ड्रिल का है. स्थानीय मीडिया ने भी इस अभ्यास के बारे में विस्तृत रिपोर्ट की है, साथ ही इस वीडियो को प्रकाशित किया है.

वीडियो को X पर यहां 14 नवंबर 2024 को शेयर किया गया है. 

पोस्ट का कैप्शन है, "बीकानेर लालगढ़ रेलवे स्टेशन के पास दो ट्रेन भिड़ी। बचाव कार्य जारी! इस देश के वो अभागे लोग वो जानते तक नहीं के वो जिन्दगी की आखिरी सफर में निकले हे !"

लगभग 90-सेकंड की इस क्लिप में एक ट्रेन का डिब्बा दूसरे डिब्बे पर चढ़ा हुआ दिख रहा है, जबकि बचावकर्मी लोगों को स्ट्रेचर पर घटनास्थल से ले जा रहे हैं.

वीडियो के अंत में एक व्यक्ति को बोलते हुए सुना जा सकता है: "लालगढ़ स्टेशन के पास दो ट्रेनों की टक्कर के कारण दुर्घटना हुई है, कई लोगों के घायल होने की खबर है. बचाव अभियान जारी है."

पोस्ट को 538,000 से अधिक बार देखा जा चुका है.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 21 नवंबर 2024

हाल के कुछ सालों में भारत में ट्रेन दुर्घटनाओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और भारत की पुरानी होती रेलवे प्रणाली की सुरक्षा को लेकर चल रही चिंताओं के बीच ही यह गलत दावा सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अप्रैल और अगस्त 2024 के बीच 18 रेल दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें अधिकांश के लिए खराब ट्रैक रखरखाव और पुराने बुनियादी ढांचे को दोषी ठहराया गया है (आर्काइव्ड लिंक).

हाल के दशकों में भारत की सबसे घातक दुर्घटनाओं में से एक में जून 2023 में लगभग 300 लोग मारे गए थे, जब एक यात्री ट्रेन को गलती से लूप लाइन पर मोड़ दिया गया जो वहां पहले से खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी.

विशेषज्ञों ने एएफ़पी को बताया कि जून 2023 की दुर्घटना दिखाती है कि अपने बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के प्रयासों के बावजूद भारत की जटिल और पुरानी रेल प्रणाली को अभी भी बहुत लम्बा सफ़र तय करना है (आर्काइव्ड लिंक). 

क्लिप को फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X पर यहां इसी तरह के दावों के साथ शेयर किया गया है.

पोस्ट पर यूज़र्स के कमेंट्स से पता चलता है कि वे इस दावे पर यकीन कर रहे हैं. 

एक यूज़र ने टिप्पणी की, "देश में इतना बड़ा हादसा हो गया है और रेल मंत्री और प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं."

एक अन्य ने लिखा, "इस देश में एक गरीब आदमी की जान की कोई कीमत नहीं है, रेल मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए."

हालांकि वीडियो में रेलवे की मॉक ड्रिल को दिखाया गया है, वास्तविक दुर्घटना नहीं.

मॉक ड्रिल

गूगल कीवर्ड सर्च करने पर स्थानीय मीडिया आउटलेट 24 न्यूज़ राजस्थान द्वारा 14 नवंबर, 2024 को यूट्यूब पर अपलोड किए गए इस वीडियो का एक लंबा संस्करण मिला (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो के हेडलाइन में लिखा है: "बीकानेर रेलवे स्टेशन पर दर्दनाक ट्रेन भिड़ंत! मॉक ड्रिल."

क्लिप के डिसक्रिप्शन में कहा गया है कि यह बीकानेर के लालगढ़ रेलवे स्टेशन पर एक मॉक ड्रिल का वीडियो है.  

इसके अनुसार, "यह घटना रेलवे प्राधिकरण के रेस्क्यू अभ्यास का हिस्सा है, जिसके माध्यम से आपात स्थितियों में सुरक्षा संचालन का परीक्षण किया जाता है." 

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और यूट्यूब पर अपलोड किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है:

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और यूट्यूब पर अपलोड किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

कई अन्य समाचार आउटलेट्स ने भी इस अभ्यास के बारे में रिपोर्ट की है (आर्काइव्ड लिंक).

उत्तर पश्चिमी रेलवे के प्रवक्ता विनोद कुमार बेनीवाल ने एएफ़पी से पुष्टि की है कि वीडियो में रेस्क्यू अभ्यास दिखाया गया है.

बेनीवाल ने 18 नवंबर को एएफ़पी को बताया, "वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. भारतीय रेलवे समय-समय पर ट्रेन दुर्घटनाओं से निपटने के लिए इस तरह के मॉक ड्रिल आयोजित करता है."

उत्तर पश्चिमी रेलवे ने भी अपने आधिकारिक X  अकाउंट पर 15 नवंबर, 2024 को एक पोस्ट में गलत दावे के वीडियो में दिख रहे दृश्य की एक तस्वीर शेयर की, जिसमें कहा गया कि बचाव दल ने एक मॉक  ड्रिल किया था (आर्काइव्ड लिंक).

एएफ़पी को राजस्थान में हाल ही में हुई ट्रेन दुर्घटना की कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली है.

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