इस्लामिक जुलूस का वीडियो कांग्रेस प्रत्याशी की रैली के दावे से शेयर किया गया
- प्रकाशित 27 नवंबर 2024, 13h18
- 3 मिनट
- द्वारा Sachin BAGHEL, एफप भारत
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर 15 नवंबर 2024 को एक यूज़र ने वीडियो शेयर किया.
पोस्ट का कैप्शन है, "उनके झंडों को देखो. फिलिस्तीन, ईरान, इराक, आईएसआईएस, हिजबुल्लाह के झंडे.. कोई भारतीय झंडा नहीं. अंदाजा लगाइए यह चुनावी रैली किस देश की है? यह धर्मनिरपेक्ष देश भारत के महाराष्ट्र राज्य के अकोला पश्चिम के उम्मीदवार साजिद खान मस्तान खान की चुनावी रैली है."
वीडियो में विभिन्न मुस्लिम देशों और समूहों के झण्डों के साथ-साथ भारतीय तिरंगे को लहराते लोगों का एक काफ़िला देखा जा सकता है.
इस वीडियो को 99,000 से अधिक बार देखा गया है.
गौरतलब है कि कांग्रेस के मुस्लिम नेता साजिद खान महाराष्ट्र चुनाव में अकोला पश्चिम सीट से चुनाव मैदान में थे -- जहां से उन्होंने जीत हासिल की.
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन को सत्ता से हटाने के लिए कांग्रेस ने क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था.
इसी तरह के दावों से यह वीडियो X पर यहां और फ़ेसबुक पर यहां शेयर किया गया है.
हालांकि वीडियो महाराष्ट्र के अकोला से लगभग 330 किलोमीटर दूर लातूर ज़िले में आयोजित एक इस्लामिक जुलूस का है (आर्काइव्ड लिंक).
इस्लामिक जुलूस
गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर 1 अक्टूबर, 2024 को यूट्यूब पर पोस्ट किए गए वीडियो का एक लंबा संस्करण मिला (आर्काइव्ड लिंक).
वीडियो के शीर्षक से पता चलता है कि यह महाराष्ट्र के लातूर ज़िले में ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर निकाले गए जुलूस को दिखाता है.
नीचे गलत दावे से शेयर की जा रही पोस्ट (बाएं) और यूट्यूब पर पोस्ट की गई वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना की गई है.
यूट्यूब पर सम्बंधित कीवर्ड्स सर्च करने पर स्थानीय समाचार चैनल 'लातूर न्यूज़ ऑफ़िशियल' और 'भारतसत्ता लाइव' पर सितंबर 2024 के जुलूस के अन्य वीडियो मिले (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).
भारतसत्ता के संपादक हामिद शेख ने एएफ़पी से पुष्टि की कि यह वीडियो महाराष्ट्र के लातूर में ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर निकाले गए जुलूस का है.
उन्होंने 20 नवंबर को एएफ़पी को बताया, "19 सितंबर, 2024 को मिलाद-उन-नबी पर नागरिकों द्वारा जुलूस निकाला गया था."
उन्होंने आगे बताया, "जुलूस शहर के सोफिया मस्जिद से शुरू हुआ और शिवाजी चौक और गांधी चौक से होते हुए मेन रोड से गुजरा. यह वीडियो गांधी चौक के पास रिकॉर्ड किया गया था."
एएफ़पी ने वीडियो में नज़र आ रहे स्थान को गूगल मैप्स पर खोज निकाला (आर्काइव्ड लिंक).
नीचे एएफ़पी द्वारा हाइलाइट की गई समानताओं के साथ गलत दावे से शेयर की गई वीडियो (बाएं) और गूगल स्ट्रीट व्यू (दाएं) के एक स्क्रीनशॉट की तुलना है.