हवाई जहाज़ में मारपीट का नहीं बल्कि फ़्लाईंग इंस्टिट्यूट के ट्रेनिंग सिमुलेशन का है ये वीडियो
- प्रकाशित 9 दिसंबर 2024, 13h20
- 3 मिनट
- द्वारा Sachin BAGHEL, एफप भारत
- अनुवाद और अनुकूलन Akshita KUMARI
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सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर एक यूज़र ने 26 नवंबर, 2024 को वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "इन रीलबाजों चलती फ्लाइट को अपनी अय्याशी का अड्डा समझ रखा है. यह दीपक कलाल है जो चलती फ्लाइट में एक युवक के साथ मारपीट की रील बना रहा है. क्या इससे अन्य यात्रियों को असुविधा नहीं होगी?"
दीपक कलाल एक सोशल मीडिया इन्फ़्लुएंसर हैं जो इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर शेयर किये गए अपने वीडियो क्लिप्स की वजह से चर्चा में रहते हैं (आर्काइव्ड लिंक).
क्लिप में कलाल को अपने सहयात्री से बहस करते हुए देखा जा सकता है जो देखते ही देखते लड़ाई का रूप ले लेती है. इसके बाद एक फ़्लाइट अटेंडेंट इस लड़ाई को रोकने की कोशिश करती दिखाई देती है.
यह वीडियो ऐसे समय सामने आया है जब मीडिया ने हाल के महीनों में एयरलाइंस यात्रियों द्वारा दुर्व्यवहार के कई मामलों पर रिपोर्टिंग की है (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).
इसी तरह के दावे से यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर यहां और फ़ेसबुक पर यहां शेयर किया गया है.
वीडियो पर यूज़र्स के कमेंट्स से मालूम होता है कि कई लोगों ने घटना को वास्तविक समझा है.
एक यूज़र ने कमेंट किया, "इस आदमी ने रील बनाने के नाम पर गड़बड़ी पैदा की है. इसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए."
एक अन्य ने लिखा, "जब से इंडिगो ने एयरलाइंस में कदम रखा है, उन्होंने उड़ानों को बसों में बदल दिया है."
हालांकि वीडियो उड़ान के दौरान मारपीट का नहीं है -- यह वास्तव में एक प्रशिक्षण संस्थान द्वारा फ़िल्माया गया ट्रेनिंग वीडियो है.
ट्रेनिंग वीडियो
गलत दावे से शेयर की जा रही वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर 24 नवंबर, 2024 को फ़्लाई हाई इंस्टीट्यूट नाम के विमान यात्रा और पर्यटन में पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले ट्रेनिंग स्कूल के इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किया गया इसी वीडियो का लंबा संस्करण मिला (आर्काइव्ड लिंक).
वीडियो के कैप्शन में कहा गया है कि इसमें क्रू सदस्यों को "शांतिपूर्वक बातचीत और सुरक्षा पर ध्यान रखते हुए" दो यात्रियों के बीच तीखी बहस को सफ़लतापूर्वक सुलझाते दिखाया गया है.
नीचे गलत दावे से शेयर की गई वीडियो (बाएं) और ट्रेनिंग स्कूल के इंस्टाग्राम अकाउंट (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना की गई है.
फ़्लाई हाई इंस्टीट्यूट की प्रवक्ता सिंड्रेला माइकल ने एएफ़पी को बताया कि वीडियो वास्तविक घटना नहीं दिखाता है.
उन्होंने 26 नवंबर को एएफ़पी को बताया, "वीडियो फ़्लाइट अटेंडेंट्स को शिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण उद्देश्यों से बनाया गया एक सिमुलेशन है. इसके लिए संस्थान ने सोशल मीडिया इन्फ़्लुएंसर दीपक कलाल के साथ मिलकर ये वीडियो बनाई."
कलाल ने वीडियो को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी शेयर किया, जहां कई यूज़र्स ने कहा कि वीडियो स्क्रिप्टेड है (आर्काइव्ड लिंक).