महाराष्ट्र में कांग्रेस प्रत्याशी को "ज़ीरो वोट" मिलने के दावे को चुनाव आयोग ने नकारा

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद से ही धुले ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में लोगों ने तब विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया जब यह गलत सूचना फैली कि कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को उस गांव में शून्य वोट मिले हैं. चुनावों में धोखाधड़ी के व्यापक आरोपों के कारण यह गलत दावा शेयर गया, लेकिन भारतीय चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए आधिकारिक रिकॉर्ड से पता चलता है कि उम्मीदवार कुणालबाबा रोहिदास पाटिल को उक्त गांव -- जहां से वो उम्मीदवार थे --  में कुल 1,057 वोट मिले थे.

दावे को यहां फ़ेसबुक पर 27 नवंबर 2024 को शेयर किया गया है. 

पोस्ट का कैप्शन है, "चुनाव नतीजों में धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे महाराष्ट्र के एक गांव के सैंकड़ों लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं, इनके गांव में कांग्रेस को शून्य वोट मिले हैं! प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनका गांव प्रचंड कांग्रेस समर्थित लोगों का है और उन्होंने कांग्रेस को वोट डाले थे. गाँव का नाम अवाधान बताया गया है जहां से कुणाल बाबा पाटिल प्रत्याशी थे."

कांग्रेस पार्टी की नेता और लोकसभा सदस्या वर्षा गायकवाड़ ने भी X पर गलत दावे के पोस्ट को शेयर किया.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 12 दिसंबर 2024

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन ने राज्य चुनाव में 288 में से 235 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया है जिसके बाद कांग्रेस द्वारा चुनावों में धोखाधड़ी के आरोपों के बीच ये गलत दावा शेयर किया गया (आर्काइव्ड लिंक).

कांग्रेस ने कहा कि उन्होंने मतदान के आंकड़ों में "घोर विसंगतियों" को लेकर शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें दावा किया गया है कि मतदान के अंतिम एक घंटे में 76 लाख वोट दर्ज किए गए थे -- जिसे चुनाव आयोग ने नकार दिया है ( आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).

कुणाल पाटिल ने एएफ़पी को बताया कि वीडियो वास्तव में उनके समर्थकों द्वारा किये गये प्रदर्शन का है, जो इस गलत दावे से गुमराह हो गए थे कि उन्हें अवधान गांव में ज़ीरो वोट मिले थे. पाटिल के अनुसार बाद में उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर जाकर लोगों को समझाया. 

चुनाव आयोग के आधिकारिक रिकॉर्ड से यह पुष्टि होती है कि पाटिल को अवधान गांव के उन मतदान केंद्रों पर 1,057 वोट मिले हैं जिनका ज़िक्र गलत दावे की पोस्ट में किया गया है. 

विवादित दावा

धुले के ज़िला मजिस्ट्रेट जितेंद्र पापलकर ने 28 नवंबर को एएफ़पी को बताया कि आधिकारिक रिकॉर्ड से मुताबिक पाटिल को अपने निर्वाचन क्षेत्र के उस गांव में "एक हज़ार से अधिक वोट" मिले हैं.

"चुनाव आयोग पूरी निष्पक्षता के साथ काम कर रहा है, इसलिए कृपया अफ़वाहों से बचें," उन्होंने कहा.

पापलकर ने एएफ़पी को धुले के अधिकारियों द्वारा X पर की गई कई पोस्ट का हवाला दिया, जिसमें गलत दावे का खंडन किया गया है.

धुले में  ज़िला सूचना कार्यालय द्वारा 26 नवंबर को शेयर की गई एक पोस्ट में कहा गया है कि "धुले ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र में अवधन मतदान केंद्र के आंकड़ों के बारे में अफ़वाहें और भ्रामक जानकारी सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही है (आर्काइव्ड लिंक)."

पोस्ट में आगे लिखा है कि पाटिल को गांव के चार मतदान केंद्रों पर क्रमशः 227, 234, 252 और 344 वोट मिले, जो उन केंद्रों पर डाले गए 2,881 मतों में से कुल 1,057 मत थे.

धुले ग्रामीण निर्वाचन पंजीकरण कार्यालय ने 25 नवंबर को इन मतदान केंद्रों पर प्रत्येक उम्मीदवार के वोटों की गिनती का रिकॉर्ड भी शेयर किया, जो धुले प्रशासन द्वारा शेयर की गई संख्याओं से मेल खाता है (आर्काइव्ड लिंक).

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धुले ज़िला निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान के आंकड़े शेयर करने वाली पोस्ट का स्क्रीनशॉट

पाटिल ने भी एएफ़पी को बताया कि अवधान गांव में उन्हें एक भी वोट नहीं मिलने का दावा गलत है.

उन्होंने कहा, "लोग भ्रमित होकर प्रदर्शन कर रहे थे, इसलिए मैं उनके बीच गया और उन्हें समझाया कि भले ही मुझे उम्मीद से कम वोट मिले हों, लेकिन उस बूथ पर भी लोगों ने मुझे वोट दिया है."

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