असंबंधित तस्वीर और क्लिप अमेरिका से भारत भेजे गए अवैध प्रवासियों के दावे से शेयर की गई

अमेरिका द्वारा फ़रवरी 2025 में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों को वापस भारत भेजा गया जिसके बाद बेड़ियों और हथकड़ियों में बंधे लोगों की वीडियो और तस्वीरों के सामने आने से भारत में आक्रोश फैल गया. हालांकि सोशल मीडिया पर शेयर की गई हथकड़ी पहने लोगों की एक वीडियो क्लिप और तस्वीर पुराने हैं और अन्य देश के अवैध प्रवासियों को दिखाते हैं. ये वीडियो और फ़ोटो अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए थे जिसमें बताया गया है कि इस विमान ने 23 जनवरी को उड़ान भरी थी.

सोशल मीडिया साइट X पर 5 फ़रवरी, 2025 को शेयर किए गए वीडियो और  फ़ोटो का कैप्शन है, "ये कोई कैदी नहीं है भक्तों के फूफा लात मार कर निकल रहे हैं अमेरिका से. अमरीका में अवैध रूप से बसे भारतीयो को बेदखल (डिपोर्ट) करने का सिलसिला शुरू हो गया है."

वीडियो में हथकड़ी और बेड़ियों से बंधे व्यक्तियों को सुरक्षा के बीच एक विमान पर ले जाते हुए दिखाया गया है, और फ़ोटो में कई लोग एक मिलिट्री प्लेन जैसे दिखने वाले विमान में बैठे दिख रहे हैं.

यह पोस्ट ऐसे समय सामने आया जब अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले 104 भारतीय नागरिकों को निर्वासित करके अमेरिकी एयर फ़ोर्स कार्गो प्लेन से अमृतसर भेजा गया है (आर्काइव्ड लिंक).

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को "अमेरिका के इतिहास में" सबसे बड़े निर्वासन के वादे पर चुना गया था. जबकि निष्कासन के लिए लक्षित किए जा रहे अधिकांश प्रवासी लैटिन अमेरिका से आते है पर कइयों को दूर-दराज़ के देशों में भी वापस भेजा जा रहा है.

उड़ान ट्रैकिंग साइट Flightradar24 के डेटा से पता चलता है कि निर्वासन उड़ान -- जिसमें 43 घंटे से अधिक समय लगा -- 3 फ़रवरी को लगभग 1330 GMT पर कैलिफ़ोर्निया के सैन डिएगो में मरीन कोर एयर स्टेशन मिरामार से रवाना हुई.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 10 फ़रवरी 2025 

अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल के चीफ़ माइकल डब्लू बैंक्स ने X पर पोस्ट किया कि "अवैध एलियंस की भारत" वापसी सैन्य परिवहन का उपयोग करते हुए अब तक की सबसे दूर की निर्वासन उड़ान है (आर्काइव्ड लिंक).

उनके पोस्ट के साथ एक वीडियो था जिसमें एक सैन्य विमान में चढ़ रहे बेड़ियों में जकड़े प्रवासियों की कतार दिखाई दे रही थी.

इस मुद्दे पर भारत में आक्रोश फैल गया, विपक्षी सांसदों ने कहा कि जिस तरह से प्रवासियों के साथ व्यवहार किया गया वह "अमानवीय" था (आर्काइव्ड लिंक).

भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए "अमेरिकी सरकार से बातचीत कर रही है कि वापस लौटने वाले निर्वासित लोगों के साथ उड़ान के दौरान किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो" (आर्काइव्ड लिंक).

निर्वासन उड़ान में भारतीय नागरिकों को दिखाने वाले वीडियो और फ़ोटो का दावा करने वाले पोस्ट फ़ेसबुक और X पर भी शेयर किए गए थे.

पुरानी वीडियो और फ़ोटो

वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर 23 जनवरी को अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किया गया एक लंबा वीडियो मिला (आर्काइव्ड लिंक).

इसके कैप्शन में बताया गया कि यह फ़ोर्ट ब्लिस, टेक्सास में एक निर्वासन उड़ान को दिखाता है, लेकिन व्यक्तियों की राष्ट्रीयता या उड़ान कहां जा रही है, इसका कोई संकेत नहीं दिया गया है.

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गलत दावे से शेयर किया गया वीडियो (बाएं) और अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा पोस्ट किए गए फ़ुटेज (दाएं) की स्क्रीनशॉट तुलना 

ऑनलाइन शेयर की जा रही तस्वीर भी अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि यह एक निर्वासन उड़ान दिखाती है जिसने 23 जनवरी को एरिज़ोना राज्य से उड़ान भरी थी.

इस तस्वीर को एएफ़पी के आर्काइव्ज में देखा जा सकता है.

इसका कैप्शन आंशिक रूप से कहता है: "रक्षा विभाग द्वारा जारी की गई यह तस्वीर 23 जनवरी, 2025 को टक्सन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, एरिज़ोना में एक निष्कासन उड़ान के लिए टेकऑफ़ का इंतजार कर रहे गैर-दस्तावेजी प्रवासियों को दिखाती है."

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गलत दावे से शेयर की गई तस्वीर (बाएं) और एएफ़पी द्वारा वितरित फ़ोटो (दाएं) की स्क्रीनशॉट तुलना 

अमेरिकी रक्षा और हवाई अभियानों को कवर करने वाली मैगज़ीन एयर एंड स्पेस फ़ोर्सेज़ ने रक्षा अधिकारियों के हवाले से कहा कि 23 जनवरी को फ़ोर्ट ब्लिस, टेक्सास और टस्कन, एरिज़ोना से उड़ान भरने वाले सैन्य विमान ग्वाटेमाला की ओर जा रहे थे (आर्काइव्ड लिंक).

एएफ़पी ने पहले अवैध आप्रवासन पर नकेल कसने के ट्रम्प प्रशासन के प्रयासों से जुड़ी अन्य फ़ेक न्यूज़ को भी फ़ैक्ट चेक किया है.

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