पुलिस कार्रवाई का यह वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं, पश्चिम बंगाल का है

कुंभ मेले के लिए जाने वाली ट्रेनों पर पथराव की घटनाओं के बाद सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल पुलिस का एक वीडियो यूपी पुलिस द्वारा पथराव करने वालों पर कार्रवाई के दावे से शेयर किया जा रहा है. वीडियो में पुलिसकर्मी कुछ युवकों को पकड़कर पीटते नज़र आ रहे हैं. हालांकि यह दावा गलत है. स्थानीय पुलिस ने एएफ़पी को बताया कि वीडियो पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले का है और इसका कुंभ मेले से कोई सम्बन्ध नहीं है. 
चेतावनी: हिंसात्मक वीडियो

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर एक यूज़र ने 3 फ़रवरी 2025 को वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "महाकुंभ को जाते हुए मासूम श्रद्धालुओं की ट्रेन पर पत्थरों से वार करने वालों को योगी जी की पुलिस घर से निकाल कर,घर वापसी करवाते हुए."

वीडियो में पुलिस द्वारा एक व्यक्ति को लाठियों से मारते हुए दिखाया गया है जबकि महिलाएं पुलिसकर्मियों को उसे गिरफ़्तार करने से रोकने की कोशिश करती दिख रही हैं.

यह पोस्ट ऐसे समय शेयर किया जा रहा है जब मीडिया ने उपद्रवी यात्रियों द्वारा कुंभ मेले के लिए जाने वाली ट्रेनों में न चढ़ पाने की स्थिति में उन पर पथराव करने की घटनाओं पर रिपोर्टिंग की है (आर्काइव्ड लिंक).

देश भर से लोग कुंभ मेले में एकत्र हुए हैं, जो धार्मिक आस्था और अनुष्ठान के स्नान का एक हज़ार साल पुराना हिंदू त्योहार है, जिसमें छह सप्ताह की अवधि में 40 करोड़ तीर्थयात्रियों के शामिल होने का अनुमान लगाया गया है (आर्काइव्ड लिंक).

यह मेला प्रयागराज में हर 12 साल में उस स्थान पर आयोजित होता है जहां मान्यताओं के अनुसार गंगा, यमुना और पौराणिक कथाओं में उल्लिखित सरस्वती नदियों का संगम है.

देखें छिपाएं

चेतावनी

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गलत दावे से शेयर किये गए सोशल मीडिया पोस्ट का 5 फ़रवरी, 2025 को लिया गया स्क्रीनशॉट

इसी दावे से वीडियो को X पर यहां और फ़ेसबुक पर यहां शेयर किया गया.

पश्चिम बंगाल का वीडियो

वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर 28 जनवरी, 2025 को X पर समान वीडियो पोस्ट किया हुआ मिला (आर्काइव्ड लिंक).

पोस्ट का कैप्शन है, "पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले के सिउड़ी में पुलिस जवानों पर हमला. महिलाओं ने अपराधियों को पुलिस से छुड़ाने का प्रयास किया. स्थानीय सूत्रों के अनुसार पुलिस बालू माफिया बाबू अंसार व अन्य को गिरफ़्तार करने गई थी."

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गलत दावे से शेयर किये गए सोशल मीडिया पोस्ट (बाएं) और X पर शेयर किया गया वीडियो (दाएं) की तुलना

28 जनवरी, 2025 को स्थानीय मीडिया आउटलेट TV9 बांग्ला में प्रकाशित एक रिपोर्ट -- जिसमें समान क्लिप इस्तेमाल की गई है -- के अनुसार पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले के निवासियों ने पुलिस को भूमि विवाद में शामिल एक व्यक्ति को गिरफ़्तार करने से रोकने का प्रयास किया, जिसके दौरान हिंसा हुई (आर्काइव्ड लिंक).

इस रिपोर्ट में पुलिस अधिकारियों को वर्दी पहने देखा जा सकता है जिस पर "WBP" लिखा है -- जो पश्चिम बंगाल पुलिस का संक्षिप्त नाम है. इसके अतिरिक्त, राज्य की सत्तारूढ़ अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस का चुनाव चिह्न दीवार पर पुता हुआ नज़र आ रहा है (आर्काइव्ड लिंक).

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वीडियो रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल पुलिस बैज (बाएं) और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के बैनर (दाएं) का स्क्रीनशॉट

सिउड़ी पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर अनीश कुमार दास ने 5 फ़रवरी को एएफ़पी को बताया कि सोशल मीडिया पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है. वीडियो का कुंभ मेले से कोई संबंध नहीं है.

कुमार ने आगे कहा, "सिउड़ी के मल्लिकपुर गांव में दो समूहों के बीच भूमि विवाद के दौरान जब पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पहुंची, तो उपद्रवियों में से एक ने क्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक का कॉलर पकड़ लिया था. उसके खिलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है."

कुंभ मेले के बारे में अन्य गलत दावों को एएफ़पी ने यहां फ़ैक्ट चेक किया है.

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